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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

प्राइमरी स्कूलों को मिलेंगे सौर ऊर्जा वाले पंप और पंखे : पहले चरण में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पांच जिलों के 50 स्कूलों में दी जायेगी सुविधा-

प्राइमरी स्कूलों को मिलेंगे सौर ऊर्जा वाले पंप और पंखे : पहले चरण में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पांच जिलों के 50 स्कूलों में दी जायेगी सुविधा-

लखनऊ (ब्यूरो)। बेसिक शिक्षा परिषद के प्राइमरी स्कूलों को सौर ऊर्जा से चलने वाले पेयजल पंप और पंखे मुहैया कराए जाएंगे। कैबिनेट निर्णय के अनुसार पहले चरण में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पांच जिलों के 50 प्राइमरी में यह सुविधा दी जाएगी। इन जिलों का चयन शासन और स्कूलों का जिलाधिकारी करेंगे।

चयन में उन स्कूलों को प्राथमिकता दी जाएगी जिनमें 100 छात्र पढ़ते हों और जो आबादी या उसके आसपास हों। स्कूल में पेयजल के लिए इंडिया मार्का हैंडपंप पहले से लगा होना जरूरी होगा। यूपीनेडा निविदा के माध्यम से पांच साल की वारंटी व रख-रखाव की शर्त पूरी करने वाले को पंप लगाने की जिम्मेदारी देगा। इसे लगाने के बाद स्कूल के प्रधानाध्यापक को हस्तांतरित किया जाएगा। यूपीनेडा इसके रख-रखाव के लिए जिलों में एक सर्विस सेंटर बनाएगा।

      खबर साभार : अमरउजाला

प्राइमरी स्कूलों में सौर ऊर्जा से चलेगा पंखा और मिलेगा पानी-

लखनऊ (एसएनबी)। राज्य के प्राइमरी स्कूलों में सोलर पावर प्लांट लगेगा, जिससे उत्पन्न सौर ऊर्जा से बच्चों और शिक्षकों को पीने का पानी और पंखे की ठंडी हवा मिलेगी। इसके लिए सरकार वैकल्पिक ऊर्जा स्रेत विभाग (नेडा) के तहत प्राथमिक विद्यालयों में सोलर पावर प्लाण्ट के लिए बजट का प्राविधान करेगी। मंगलवार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी है। कैबिनेट से मंजूर हुए प्रस्ताव के मुताबिक सरकार पहले पायलट प्रोजेक्ट के रूप में राज्य के पांच जिलों के 50 प्राइमरी स्कूलों में सौर ऊर्जा से पीने का पानी और कमरों में पंखे चलाने की व्यवस्था करेगी। प्रत्येक वर्ष योजना के लिए जिलों का चयन शासन स्तर से किया जाएगा, जबकि विद्यालयों का चयन डीएम करेंगे।

योजना में किसी भी तरह के संशोधन के लिए कैबिनेट ने मुख्यमंत्री को अधिकृत किया है। प्राइमरी विद्यालयों के चयन के दौरान, उन विद्यालयों को प्राथमिकता दी जाएगी, जो आबादी या उसके आसपास स्थित हों और जिसमें कम से कम 100 विद्यार्थी पढ़ रहे हों।

इसके साथ ही विद्यालय में पीने के पानी के लिए इण्डिया मार्का हैण्डपम्प पहले से स्थापित हो। योजना का क्रियान्वयन यूपीनेडा द्वारा खुली निविदा के जरिए संयंत्रों की स्थापना, 05 साल की कॉम्प्रीहेन्सिव वॉरण्टी एण्ड मेण्टीनेंस के साथ करायी जाएगी। स्थापना के बाद विद्यालय के प्रधानाचार्य को संयंत्र हस्तांतरित किया जाएगा। संयंत्र के नियमित रूप से रख-रखाव के लिए जिलों में एक सर्विस सेण्टर की स्थापना यूपीनेडा द्वारा अनिवार्य रूप से की जाएगी। योजना के नियमित अनुश्रवण के लिए यूपीनेडा के जिला परियोजना अधिकारियों को अधिकृत किया गया है।

"पांच जिलों के 50 प्राइमरी स्कूलों में लगेंगे सोलर पावर प्लांट आबादी के समीप के स्कूलों को मिलेगी प्राथमिकता"

     खबर साभार : राष्ट्रीयसहारा

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