शीतलहर में आंगनबाड़ी केंद्र खोलने का दबाव : पीरनगर में सुपरवाइजर ने कार्यकत्र्री व आया को केंद्र बंद रखने पर लगायी फटकार-
१-स्कूल बंदी का मुख्यमंत्री और जिलाधिकारी का निर्देश विकास खण्ड में निष्प्रभावी साबित हो रहा है।
२-ढाई साल से पांच साल तक आयु सीमा के दुधमुंहे बच्चों को शीतलहर से बचाव का शायद बाल विकास परियोजना के जिम्मेदार लोगों को ध्यान नहीं रहा
३-कक्षा एक से 12 तक के स्कूलों को पहली जनवरी तक का बंदी का आदेश बाल विकास परियोजना विभाग के लिए कोई मायने नहीं रखता।
माल-लखनऊ (एसएनबी)। स्कूल बंदी का मुख्यमंत्री और जिलाधिकारी का निर्देश विकास खण्ड में निष्प्रभावी साबित हो रहा है। कक्षा एक से 12 तक के स्कूलों को पहली जनवरी तक का बंदी का आदेश बाल विकास परियोजना विभाग के लिए कोई मायने नहीं रखता। गत 26 दिसम्बर को पीरनगर गांव स्थित आंगनबाड़ी केन्द्र में सुपरवाइजर एक बजे चेक करने पहुंचे, बंद केन्द्र की कार्यकत्र्री व आया को फटकार लगायी, जिसके भय से आंगनबाड़ी केन्द्र गुरुवार को लगाया गया। ध्यान रहे कि बीती बीस दिसम्बर से शीत लहर को देखते हुए इण्टर तक की कक्षाएं बंद करने का निर्देश कई बार समाचार पत्रों व आकाशवाणी के माध्यम से प्रसारित किया जा चुका है, लेकिन ढाई साल से पांच साल तक आयु सीमा के दुधमुंहे बच्चों को शीतलहर से बचाव का शायद बाल विकास परियोजना के जिम्मेदार लोगों को ध्यान नहीं रहा होगा या उन्होंने आकाशवाणी, टीवी चैनल व समाचार पत्रों पर नजर नहीं फेरी होगी। नहीं तो बीती 26 दिसम्बर को पीरनगर आंगनबाड़ी केन्द्र सुपरवाइजर क्यों देखने की हिमाकत करते और बंद आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को क्यों फटकार लगाते? यही नहीं इस बीच स्वयं सेवी संस्था वात्सल्य द्वारा भी इस केन्द्र पर कई बार बच्चों को एकत्रित करने की गुस्ताखी की जा चुकी है।
खबर साभार : राष्ट्रीयसहारा
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