पटरी से उतर गया बीटीसी का सत्र : शासन सत्र 2013-14 में खाली रह गई सीटों को भरने की बना रही योजना -
१-प्रदेश में 70 डायट हैं, जिनमें बीटीसी की करीब 10 हजार सीटें
२-प्रदेश में छह सौ स्ववित्तपोषित कॉलेज में करीब 35 हजार सीटें
३-2014-2015 की बीटीसी प्रवेश प्रक्रिया अब भगवान भरोसे
कानपुर : प्रदेश के बीटीसी कॉलेजों का सत्र साल भर पिछड़ गया है। इन कॉलेजों में जुलाई से पढ़ाई शुरू हो जानी चाहिए थी जबकि अभी प्रवेश प्रक्रिया भी पूरी नहीं हो पाई है। शासन सत्र 2013-14 में खाली रह गई सीटों को भरने की योजना बना रहा है। ऐसे में सत्र 2014-15 की प्रवेश प्रक्रिया अब भगवान भरोसे है। बुधवार को कानपुर के कॉलेज प्रबंधकों ने बेसिक शिक्षा सचिव एचएल गुप्ता व राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के निदेशक सर्वेद्र विक्रम सिंह से मिलकर कॉलेजों की स्थिति बयां की।
बीटीसी कॉलेजों पर सत्र लेट होने व आधी अधूरी सीटें भरने से अभी तक पिछले सत्र की पढ़ाई भी शुरू नहीं हो पाई है। कॉलेज प्रबंधन के अनुसार फरवरी में बीटीसी की प्रवेश प्रक्रिया, जून में काउंसलिंग व जुलाई में प्रवेश पूरे हो जाने चाहिए लेकिन प्रदेश में अभी भी आठ हजार सीटें खाली हैं। उप्र स्ववित्तपोषित महाविद्यालय संघ के अध्यक्ष विनय त्रिवेदी ने बताया, राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के निदेशक ने 2013-14 के लिए इसी माह छात्र देने का आश्वासन दिया है।
• सीधे मिल सकता प्रवेश:-
सत्र 2015-16 से बीटीसी कॉलेजों में सीधे प्रवेश देने का नियम बनाया जा सकता है। परिषद के निदेशक ने इसके संकेत दिए हैं। महाविद्यालय संघ के इस प्रस्ताव पर निदेशक ने कहा कि अगर शासन की अनुमति मिलती है तो स्नातक व स्नातकोत्तर की तरह बीटीसी में सीधे प्रवेश दिए जाने की अनुमति दी जा सकती है।
• बीटीसी कॉलेज एक नजर में :-
-प्रदेश में 70 डायट हैं, जिनमें बीटीसी की करीब 10 हजार सीटें
-प्रदेश में छह सौ स्ववित्तपोषित कॉलेज में करीब 35 हजार सीटें
खबर साभार : दैनिकजागरण
0 Comments