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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

सर्व शिक्षा अभियान के तहत निशुल्क यूनिफॉर्म वितरण : शासनादेश को ठेंगा दिखा बीएसए गोण्डा ने मांगी निविदा-

सर्व शिक्षा अभियान के तहत निशुल्क यूनिफॉर्म वितरण : शासनादेश को ठेंगा दिखा बीएसए गोण्डा ने मांगी निविदा-

गोंडा। परिषदीय, राजकीय व अनुदानित विद्यालयों में कक्षा आठ तक पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को नि:शुल्क यूनिफॉर्म वितरित की जानी है। इसके लिए जिले को 12 करोड़ 66 लाख 36 हजार 800 रुपये आवंटित हुए हैं। शासनादेश के अनुसार यूनिफॉर्म की खरीददारी व वितरण विद्यालय प्रबंध समिति से ही किया जाना है, लेकिन यहां जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने इस शासनादेश को अनदेखी कर दी और यूनिफॉर्म की केंद्रीय खरीद के लिए निविदा आमंत्रित कर ली।

सर्व शिक्षा अभियान के तहत सरकारी व अनुदानित स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा आठ तक के छात्र-छात्राओं को नि:शुल्क दो-दो यूनिफॉर्म बांटी जाती हैं। एक छात्र पर यूनिफॉर्म के लिए 400 रुपये खर्च किए जाने हैं। वर्ष 2014-15 में तीन लाख 16 हजार 592 छात्र-छात्राओं के लिए 12 करोड़ 66 लाख 36 हजार 800 रुपये आवंटित हुए हैं। प्रथम किश्त के रूप में नौ करोड़ 49 लाख 77 हजार 600 रुपये जिले को मिल चुके हैं। यह धनराशि विद्यालय प्रबंध समिति के खाते में छात्र-छात्राओं की संख्या के अनुसार आवंटित कर दी गई है।

इनसेट
यूनिफॉर्म खरीद के लिए गठित होती है समिति
नि:शुल्क यूनिफॉर्म वितरण की धनराशि विद्यालय प्रबंध समिति के खाते में भेजी जाती है। स्कूल वार यूनिफॉर्म क्रय समिति का गठन होता है। चार सदस्यीय इस समिति का अध्यक्ष विद्यालय प्रबंध समिति का अध्यक्ष और प्रधानाध्यापक समिति का सचिव होता है। क्रय समिति में प्रबंध समिति द्वारा नामित एक सदस्य व एक अभिभावक भी शामिल होता है।

       यूनिफॉर्म खरीद के ये हैं नियम:-

- विद्यालय प्रबंध समिति द्वारा 20 हजार रुपये से अधिक की यूनिफॉर्म खरीद के लिए संबंधित फर्मों से कोटेशन लिया जाएगा।
- एक लाख व उससे अधिक रुपये की यूनिफॉर्म की खरीद के लिए निविदा की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
- ड्रेस उसी फर्म से खरीदी जाएगी, जिसका रजिस्ट्रेशन होगा और उसका पंजीयन वाणिज्य कर विभाग में भी होगा। टिन नंबर संस्था का होना चाहिए।
- ड्रेस क्रय के लिए संबंधित संस्थाओं से नमूने लिए जाएंगे।
- नमूने के कपड़ों को साबुन से धुलवाकर उसकी गुणवत्ता जांची जाएगी।
- यूनिफॉर्म क्रय समिति स्थानीय स्वयं सहायता समूह, महिला समूह व स्थानीय दर्जी का भी सहयोग ले सकती है।
- ड्रेस क्रय की प्रक्रिया केंद्रीकृत नहीं होनी चाहिए।
- यूनिफॉर्म खरीदने के बाद अकाउंटपेयी चेक से भुगतान किया जाएगा।
- ऐसा न करने पर आर्थिक कदाचार मानते हुए प्रधानाचार्य के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।
- विद्यालय प्रबंध समिति के खाते में धनराशि भेजने के एक माह के अंदर जमा करना होगा उपभोग प्रमाण पत्र।

नौ अक्तूबर तक निविदा जमा करने का समय
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. फतेह बहादुर सिंह ने शासनादेश के विरुद्ध यूनिफॉर्म खरीद प्रक्रिया को केंद्रीकृत करते हुए ब्लॉक वार निविदा आमंत्रित कर ली, जबकि मुख्य सचिव आलोक रंजन ने बीते 21 अगस्त को जारी शासनादेश में कहा है कि ड्रेस क्रय की प्रक्रिया केंद्रीकृत नहीं होनी चाहिए। अर्थात विद्यालय वार गठित क्रय समितियों द्वारा ही यूनिफॉर्म की खरीद की जाएगी। बीएसए ने जारी आदेश में यूनिफॉर्म खरीद के लिए नौ अक्तूबर को दोपहर 12 बजे तक निविदा जमा करने तथा अपराह्न दो बजे निविदा खोलने का समय निर्धारित किया है।

                   कोट:-
यूनिफॉर्म खरीदने के लिए ब्लॉक वार निविदाएं आमंत्रित की गई हैं। इस संबंध में राज्य परियोजना निदेशक सर्व शिक्षा अभियान से गाइड लाइन मांगी गई है। यदि अनुमति नहीं मिली तो निविदा निरस्त कर दी जाएगी।
डॉ. फतेहबहादुर सिंह, बीएसए गोंडा

बीएसए ने शासनादेश के विरुद्ध यूनिफॉर्म क्रय प्रक्रिया में केंद्रीकरण की प्रणाली अपनाई है तो उनसे स्पष्टीकरण तलब किया जाएगा। दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की संस्तुति की जाएगी।
रविप्रकाश अरोड़ा, आयुक्त, देवीपाटन मंडल

      खबर साभार : अमरउजाला

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