पत्नियों के नाम जमीन पर भी माफ होगी लेवी : केंद्रीय और राज्य कर्मचारियों को मिली राहत, शासनादेश जारी-
१-रिटायर कर्मचारियों को भी मिलेगा लाभ
२-अभी तक खुद के नाम पर ली गई जमीन पर नहीं देनी पड़ती थी लेवी
लखनऊ। आवास विकास परिषद और विकास प्राधिकरण से पत्नी के नाम पर जमीन लेकर सालों खाली छोड़ने वाले केंद्रीय व राज्य कर्मचारियों को अब लेवी (अनिर्माण शुल्क) नहीं देनी होगी। इस संबंध में प्रमुख सचिव आवास सदाकांत ने शासनादेश जारी कर दिया है। पूर्व में यह सुविधा सिर्फ कर्मियों के नाम पर खुद ली गई जमीन पर ही मिलती थी।
आवास विकास परिषद व विकास प्राधिकरण जमीन आवंटन में केंद्रीय और राज्य कर्मियों को आरक्षण की सुविधा देते हैं। कर्मचारियों के खुद के नाम पर ली गई जमीन पर विकास प्राधिकरण व आवास विकास परिषद पांच साल के बाद भी यदि निर्माण नहीं करा पाता था, तो लेवी नहीं ली जाती थी। पर पत्नियों के नाम पर ली गई जमीनों पर पांच साल बाद निर्माण न कराने पर लेवी देनी होती थी। चूंकि ज्यादातर कर्मचारी अपनी पत्नियों के नाम पर जमीन लेते हैं, इसलिए इस व्यवस्था से उन्हें परेशानी होती थी। केंद्रीय और राज्य कर्मियों ने इस संबंध में कई बार शासन से मांग की थी। इसी आधार पर यह शासनादेश जारी किया गया है।
जारी शासनादेश में कहा गया है कि आवास विकास परिषद और विकास प्राधिकरण की योजनाओं में अधिकारियों व कर्मचारियों की पत्नियों के नाम पर ली गई जमीनों पर भी लेवी नहीं लगेगा। यह लाभ रिटायर हो चुके कर्मचारियों को भी दिया जाएगा।
खबर साभार : अमरउजाला
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