अमान्य विद्यालयों को बन्द करने के आदेश जारी, शिक्षा का अधिकार अधिनियम प्रभावी होने के कारण बिना मान्यता प्राप्त किये विद्यालय का संचालन होगा बन्द-
वर्तमान में नि-शुल्क एवं अनिवार्य बाल अधिकार अधिनियम 2009 एंव नि-शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियमावली 2011 प्रभावी है, उक्त के परिपे्रक्ष्य में शिक्षा निदेशक बेसिक, उ0प्र0 निशातगंज, लखनऊ के आदेश पत्रांक शि0नि0बे0/12947-13041/2014-15 दि0 05 अगस्त 2014 के द्वारा अमान्य विद्यालयों को संचालित न किये जाने के निर्देश जारी किये है। शासन ने अवगत कराया है कि विद्यालयों की मान्यता एवं शर्ते हेतु शासनादेश दि0 08 मई 2013 के द्वारा नियमावली जारी की जा चुकी है। उक्त के दृष्टिगत रखते हुए शासन ने निम्न आदेश जारी किये है -
1- नि-शुल्क एवं अनिवार्य बाल अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 18ए के अनुसार मान्यता प्रमाण पत्र अभिप्राप्त किये बिना कोई भी विद्यालय स्थापित नहीं किया जायेगा या कार्य नहीं करेगा।
धारा 18ए के अनुसार -'' समुचित सरकार या स्थानीय प्राधिकारी द्वारा स्थापित, उसके स्वामित्वाधीन या नियन्त्रणाधीन किसी विद्यालय से भिन्न कोई विद्यालय, इस अधिनियम के प्रारम्भ के पश्चात, ऐसे प्राधिकारी से, ऐसे प्रारूप में और ऐसी रीति में, जो विहित की जाये, कोई आवेदन करके मान्यता प्रमाण पत्र अभिप्राप्त किये बिना स्थापित नहीं किया जायेगा या कार्य नही करेगा। ''
उक्त प्रावधिान के अनुपालन में समस्त खण्ड शिक्षा अध्ािकारियों को स्पष्ट निर्देश जारी किये है, कि आपके विकासक्षेत्र में कोई भी अमान्य विद्यालय संचालित न हों। यदि संचालित पाया जाता है, तो समस्त उत्तरदायित्य खण्ड शिक्षा अधिकारी को होगा। उक्त का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाये।
वर्तमान में नि-शुल्क एवं अनिवार्य बाल अधिकार अधिनियम 2009 एंव नि-शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियमावली 2011 प्रभावी है, उक्त के परिपे्रक्ष्य में शिक्षा निदेशक बेसिक, उ0प्र0 निशातगंज, लखनऊ के आदेश पत्रांक शि0नि0बे0/12947-13041/2014-15 दि0 05 अगस्त 2014 के द्वारा अमान्य विद्यालयों को संचालित न किये जाने के निर्देश जारी किये है। शासन ने अवगत कराया है कि विद्यालयों की मान्यता एवं शर्ते हेतु शासनादेश दि0 08 मई 2013 के द्वारा नियमावली जारी की जा चुकी है। उक्त के दृष्टिगत रखते हुए शासन ने निम्न आदेश जारी किये है -
1- नि-शुल्क एवं अनिवार्य बाल अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 18ए के अनुसार मान्यता प्रमाण पत्र अभिप्राप्त किये बिना कोई भी विद्यालय स्थापित नहीं किया जायेगा या कार्य नहीं करेगा।
धारा 18ए के अनुसार -'' समुचित सरकार या स्थानीय प्राधिकारी द्वारा स्थापित, उसके स्वामित्वाधीन या नियन्त्रणाधीन किसी विद्यालय से भिन्न कोई विद्यालय, इस अधिनियम के प्रारम्भ के पश्चात, ऐसे प्राधिकारी से, ऐसे प्रारूप में और ऐसी रीति में, जो विहित की जाये, कोई आवेदन करके मान्यता प्रमाण पत्र अभिप्राप्त किये बिना स्थापित नहीं किया जायेगा या कार्य नही करेगा। ''
उक्त प्रावधिान के अनुपालन में समस्त खण्ड शिक्षा अध्ािकारियों को स्पष्ट निर्देश जारी किये है, कि आपके विकासक्षेत्र में कोई भी अमान्य विद्यालय संचालित न हों। यदि संचालित पाया जाता है, तो समस्त उत्तरदायित्य खण्ड शिक्षा अधिकारी को होगा। उक्त का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाये।

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