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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

स्वतन्त्रता दिवस, 15 अगस्त, 2014 के पावन राष्ट्रीय पर्व पर माननीय शिक्षा मंत्री (बेसिक), उत्तर प्रदेश का संदेश -

स्वतन्त्रता दिवस, 15 अगस्त, 2014 के पावन राष्ट्रीय पर्व पर माननीय शिक्षा मंत्री (बेसिक), उत्तर प्रदेश का संदेश -

अपार हर्ष एवं गौरव के साथ आज हम समस्त देशवासी स्वतन्त्रता दिवस की वर्षगाॅंठ मना रहे है। इस दिवस की प्राप्ति हमने तलवार, तोप और बन्दूक के बल पर नहीं की है वरन् यह हमारे पूर्वजों के त्याग, बलिदान, तपस्या, सत्य, अहिंसा, एकता, सहिष्णुता और सत्याग्रह से प्राप्त हुई है। इसके मूल में हमारे देश के अमर सपूतों और बलिदानियों के साहस, शौर्य, पराक्रम, त्याग और कुर्बानियों की एक अक्षुण्ण गाथा समाहित है जिसके सम्मुख आज समूचा, राष्ट्र नतमस्तक है।
शिक्षा के सार्वभौमीकरण, शैक्षिक स्तरोन्नयन एवं शैक्षिक आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा निरन्तर प्रयास किया जा रहा है। बच्चे हमारा भविष्य है, देश के कर्णधार है। बच्चों को जिम्मेदार और सजग नागरिक बनाये जाने में विद्यालय और अध्यापक की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। प्रदेश में इस समय 2.25 लाख से अधिक प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय संचालित हैं, जिनमें लगभग 3.77 करोड़ बच्चे शिक्षा प्राप्त कर रहे है। हम प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों तक शिक्षा की पहुॅंच सुनिश्चित करने के लिए निरन्तर प्रयासरत है। जिन बच्चों ने अपनी पढ़ाई किन्ही कारणों से बीच में ही छोड़ दी है अथवा पारिवारिक परिस्थतियों के कारण स्कूली शिक्षा प्रारम्भ ही नही की उन्हें भी विद्यालय में प्रवेश दिलाने के लिए विभाग निरन्तर कार्य कर रहा है। विद्यालयों में अवस्थापना सुविधाओं को निरन्तर सुदृढ़ किया जा रहा है ताकि विद्यालय का परिवेश आकर्षक हो सके।
विभिन्न कारणों से गत वर्षो में अध्यापकों की कमी के कारण शिक्षण कार्य प्रभावित रहा है। गत वर्ष लगभग 13,000 शिक्षकोें की भर्ती की गई। वर्तमान वर्ष में लगभग 58,000 शिक्षा मित्रों का समायोजन नियमित शिक्षकों के रूप में किया जा चुका है। साथ ही सहायक अध्यापकों के 1,12,159 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया गतिमान है। इन नियुक्तियों के उपरान्त विद्यालयों में अध्यापकों की कमी शेष नहीं रह जायेगी। जिसका सकारात्मक प्रभाव बच्चों की पढ़ाई पर पड़ेगा। परिषदीय प्राथमिक/उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने हेतु, विद्यालय के शैक्षिक परिवेश एवं छात्र-छात्राओं के उपलब्धि स्तर में अपेक्षित सुधार के लिए नियमित निरीक्षण एवं पर्यवेक्षण की व्यवस्था की गई है। खण्ड स्तरीय, जिला स्तरीय एवं मण्डल स्तरीय अधिकारियों को प्रतिमाह निरीक्षण के लक्ष्य आवंटित किए गए हैं जिससे अधिक से अधिक विद्यालयों का गहन पर्यवेक्षण सम्भव हो सकेगा। इसके अतिरिक्त बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित विभिन्न कार्यक्रमों की समीक्षा एवं अनुश्रवण के लिए राज्य स्तरीय टास्क फोर्स गठित किया गया है, जिसके द्वारा जनपदों का भ्रमण कर कार्यक्रमों की प्रगति की समीक्षा की जाएगी।
शैक्षिक दृष्टि से पिछड़े विकासखण्डों में अपवंचित एवं कमजोर वर्ग की बालिकाओं के लिए कक्षा 6-8 तक की आवासीय शिक्षा हेतु 746 कस्तूरबा गाॅंधी बालिका विद्यालय संचालित किये गये हैं, जिनमें अपवंचित एवं गरीब परिवारों की 71,953 बालिकायें शिक्षा ग्रहण कर रही है। इन विद्यालयों के संचालन को और अधिक सुदृढ़ किये जाने की आवश्यकता है ताकि बालिकाओं को अधिक से अधिक सुविधा प्राप्त हो सके।
कक्षा 1 से 8 तक के सभी छात्र/छात्राओं को निःशुल्क पाठ्यपुस्तकें वितरित की जा चुकी हैं। परिषदीय एवं सहायता प्राप्त विद्यालयों में सभी बच्चों को यूनिफार्म के दो सेट दिए जाने की कार्यवाही की जा रही है।
शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के दृष्टिकोण से पठन कौशल एवं विज्ञान शिक्षण पर बल दिया गया है। शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के दृष्टिकोण से लक्ष्य एवं कार्यान्वयन का निर्धारण करते हुए राज्य स्तर पर अवलोकन एवं अनुश्रवण का कार्य किया जा रहा है। वर्ष 2013 बैच के बी0टी0सी0 में नवीन पाठ्यसामग्री पर आधारित प्रशिक्षण कार्य किया जा रहा है। शैक्षिक गुणवत्ता संवर्धन हेतु विभिन्न विषयों पर शिक्षकों के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों द्वारा सेवारत प्रशिक्षण दिया जा रहा है। विद्यालयों में अंग्रेजी भाषा के शिक्षण को उन्नत बनाने हेतु आंग्ल भाषा शिक्षण संस्थान, इलाहाबाद द्वारा कार्य किया जा रहा है, इसी प्रकार उच्च प्राथमिक स्तर पर विज्ञान तथा गणित अध्यापकों के प्रशिक्षण हेतु राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान निरन्तर कार्यरत है।
प्राथमिक विद्यालयों में अध्ययनरत् बच्चों के शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य की दृष्टि से ‘मध्याह्न पुष्टाहार योजना’ की व्यवस्था की गई है। जिसके अन्र्तगत बच्चों को विद्यालय में पका-पकाया गर्म और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। उक्त योजना के कार्यान्वयन का दिन प्रतिदिन के आधार पर अनुश्रवण किया जा रहा है।
मुझे पूर्ण विश्वास है कि शिक्षा के माध्यम से हम नागरिकों को कत्र्तव्यनिष्ठा, ईमानदारी, भारतीय संस्कृति की गरिमा से परिचित कराने तथा उसकी महत्ता को अक्षुण्ण बनाये रखने की प्रेरणा दे सकेंगे।
मैं स्वतन्त्रता दिवस के इस पावन राष्ट्रीय पर्व पर समस्त देशवासियों का अभिनन्दन करता हॅंू। भारत के उज्जवल भविष्य हेतु शिक्षा विभाग से सम्बद्ध समस्त बच्चों, गुरूजनों, अभिभावकों, शिक्षाधिकारियों एवं समस्त शिक्षाप्रेमियों के प्रति मैं हार्दिक शुभकामनाएं प्रकट करने के साथ सबकी मंगल कामना करता हूॅं। साथ ही यह भी आशा करता हूॅं कि शिक्षा जगत से जुड़े सभी लोग अपने दायित्वों का निर्वहन पूर्ण ईमानदारी एवं निष्ठा से करते हुए बेसिक शिक्षा के उत्तरोत्तर समुन्नयन हेतु सदैव प्रयत्नशील रहेंगे।
                                                                                                                                                                              जय हिन्द!
                                                                                                                                                                      शिक्षा मंत्री (बेसिक)
                                                             उत्तर प्रदेश

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