शिक्षक भर्ती का आवेदन वापस लेने वालों पर मंथन : 72,133 ने लिया था आवेदन वापस
१-शिक्षक भर्ती का आवेदन वापस लेने वालों पर मंथन
२-72,133 ने लिया था आवेदन वापस
३-72,825शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया से आवेदन वापस लेने वालों पर मंथन शुरू
लखनऊ। बेसिक शिक्षा विभाग में 72,825 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया से आवेदन वापस लेने वालों को शामिल किया जाए या नहीं, इस पर मंथन हो रहा है। हालांकि, अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं हो सका है कि इनका क्या किया जाए। भर्ती प्रक्रिया बदलने के बाद 72,133 ने आवेदन वापस ले लिए थे। सचिव बेसिक शिक्षा विभागीय अधिकारियों से इस संबंध में विचार-विमर्श कर रहे हैं कि शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने के लिए इनका कितना हक बनता है।
प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पहली बार नवंबर 2011 में शुरू की गई। तत्कालीन बसपा सरकार टीईटी मेरिट पर शिक्षक भर्ती का निर्णय किया था। इसके आधार पर टीईटी पास बीएड वालों ने प्रदेश के कई जिलों में आवेदन किए थे। सत्ता बदलने के बाद अखिलेश सरकार ने शैक्षिक मेरिट पर शिक्षक भर्ती का निर्णय किया और यह आदेश जारी किया गया कि नवंबर 2011 के आवेदनकर्ता अपना आवेदन वापस ले सकते हैं।
विभागीय जानकारों की मानें तो उस समय करीब 72,133 आवेदकों ने अपना आवेदन वापस ले लिया था। सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर 2011 में लिए गए आवेदन के आधार पर भर्ती का आदेश राज्य सरकार को दिया है और अब इसके आधार पर ही भर्ती प्रक्रिया का शासनादेश जारी किया गया है। सचिव विभागीय अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श कर रहे हैं कि आवेदन वापस लेने वालों का क्या किया जाए, जिससे आगे चलकर किसी तरह का कोई विवाद न हो।
साभार : अमरउजाला
१-शिक्षक भर्ती का आवेदन वापस लेने वालों पर मंथन
२-72,133 ने लिया था आवेदन वापस
३-72,825शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया से आवेदन वापस लेने वालों पर मंथन शुरू
लखनऊ। बेसिक शिक्षा विभाग में 72,825 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया से आवेदन वापस लेने वालों को शामिल किया जाए या नहीं, इस पर मंथन हो रहा है। हालांकि, अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं हो सका है कि इनका क्या किया जाए। भर्ती प्रक्रिया बदलने के बाद 72,133 ने आवेदन वापस ले लिए थे। सचिव बेसिक शिक्षा विभागीय अधिकारियों से इस संबंध में विचार-विमर्श कर रहे हैं कि शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने के लिए इनका कितना हक बनता है।
प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पहली बार नवंबर 2011 में शुरू की गई। तत्कालीन बसपा सरकार टीईटी मेरिट पर शिक्षक भर्ती का निर्णय किया था। इसके आधार पर टीईटी पास बीएड वालों ने प्रदेश के कई जिलों में आवेदन किए थे। सत्ता बदलने के बाद अखिलेश सरकार ने शैक्षिक मेरिट पर शिक्षक भर्ती का निर्णय किया और यह आदेश जारी किया गया कि नवंबर 2011 के आवेदनकर्ता अपना आवेदन वापस ले सकते हैं।
विभागीय जानकारों की मानें तो उस समय करीब 72,133 आवेदकों ने अपना आवेदन वापस ले लिया था। सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर 2011 में लिए गए आवेदन के आधार पर भर्ती का आदेश राज्य सरकार को दिया है और अब इसके आधार पर ही भर्ती प्रक्रिया का शासनादेश जारी किया गया है। सचिव विभागीय अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श कर रहे हैं कि आवेदन वापस लेने वालों का क्या किया जाए, जिससे आगे चलकर किसी तरह का कोई विवाद न हो।
साभार : अमरउजाला
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