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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

DIKSHA, PORTAL : ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा, एक ही पोर्टल "दीक्षा" अब पढ़ाएगा पहली से लेकर पीजी तक, राज्यों की जरूरत के मुताबिक अलग- अलग भाषाओं में अध्ययन सामग्री होगी उपलब्ध।

DIKSHA, PORTAL : ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा, एक ही पोर्टल "दीक्षा" अब पढ़ाएगा पहली से लेकर पीजी तक, राज्यों की जरूरत के मुताबिक अलग- अलग भाषाओं में अध्ययन सामग्री होगी उपलब्ध।


ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा: एक ही पोर्टल अब पढ़ाएगा पहली से लेकर पीजी तक
Publish Date:Sun, 26 Apr 2020 08:42 PM (IST)
मंत्रालय ने इसके साथ ही स्कूलों से जुड़ी अध्ययन सामग्री को राज्यों की जरूरत के मुताबिक अलग-अलग भाषाओं में भी उपलब्ध कराने की तैयारी में है।...

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देने के साथ सरकार अब इसे ज्यादा से ज्यादा सुलभ बनाने में भी जुटी है। इसके तहत दीक्षा पोर्टल को एक ऐसा एकीकृत स्वरुप दिया गया है, जहां अब पहली से लेकर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट तक की सारी अध्ययन सामग्री मौजूद रहेगी। इसके साथ ही इस पोर्टल पर शिक्षकों के प्रशिक्षण से जुड़ी सारी अध्ययन सामग्री भी उपलब्ध रहेगी। वहीं मंत्रालय ने इसके मोबाइल एप को भी अपडेट किया है। यानि इसके जरिए अब मोबाइल पर भी पढ़ सकेंगे।

पोर्टल पर अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराने में जुटी सरकार


मंत्रालय ने इस एकीकृत पोर्टल पर स्कूली शिक्षा में सीबीएससी के साथ -साथ देश भर के सभी बोर्डो से जुड़ी अध्ययन सामग्री भी उपलब्ध कराने में जुटी है। इस पर काम शुरू हो गया है। ज्यादातर स्कूली बोर्डो ने फिलहाल उपलब्ध अध्ययन सामग्री को इस पोर्टल पर डाल दिया है। इसी तरह यूजीसी भी अब अपने सारे कंटेट को इस पर उपलब्ध कराने की तैयारी में है। जिसके लिए अलग-अलग विश्वविद्यालयों को इसका जिम्मा सौंपा गया है।

बता दें कि अभी तक सीबीएससी सहित सभी स्कूली बोर्डो से जुड़ी अध्ययन सामग्री अलग-अलग पोर्टल पर उपलब्ध थी। इनमें यू-ट्यूब पर उपलब्ध अध्ययन सामग्री भी शामिल है। वहीं इस पोर्टल को इस तरह से डिजाइन भी किया जा रहा है, ताकि छात्रों को अध्ययन सामग्री खोजने में किसी भी तरह की परेशानी न हो। इस पर नजर रखने के लिए एक टीम अलग से लगाई गई है।


सामग्री को सभी भाषाओं में भी उपलब्ध कराने की कोशिश

मंत्रालय ने इसके साथ ही स्कूलों से जुड़ी अध्ययन सामग्री को राज्यों की जरूरत के मुताबिक अलग-अलग भाषाओं में भी उपलब्ध कराने की तैयारी में है। फिलहाल अब तक अंग्रेजी, हिंदी, संस्कृत और उर्दू में अध्ययन सामग्री को अपलोड किया जा रहा है, जबकि आगे इस असमी, कन्नड़, तेलगू सहित अन्य दूसरी भारतीय भाषाओं में भी उपलब्ध कराने की योजना है। इसके लिए राज्यों से भी मदद ली जा रही है। 


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