logo

Basic Siksha News.com
बेसिक शिक्षा न्यूज़ डॉट कॉम

एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

SLP, RETIREMENT : सेवानिवृत्ति आयु पर कोर्ट में एसएलपी दायर करे सरकार, 60 के बजाय 58 वर्ष में रिटायर करने के मामले में पकड़ा तूल, सेवानिवृत्ति पर आए फैसले के लिए सरकार जिम्मेदार : परिषद

SLP, RETIREMENT : सेवानिवृत्ति आयु पर कोर्ट में एसएलपी दायर करे सरकार, 60 के बजाय 58 वर्ष में रिटायर करने के मामले में पकड़ा तूल


सेवानिवृत्ति पर आए फैसले के लिए सरकार जिम्मेदार : परिषद


राज्य ब्यूरो, लखनऊ : हाईकोर्ट द्वारा 60 साल की सेवानिवृत्ति आयु को अमान्य किए जाने के लिए राज्य कर्मचारियों ने प्रदेश सरकार को कोर्ट में समुचित तथ्य न रखने का जिम्मेदार ठहराया है। कर्मचारियों ने इस मामले पर सरकार से कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर करने और सत्र में इस बाबत विधेयक लाने की मांग की है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी व महामंत्री शिवबरन सिंह यादव ने बुधवार को कहा कि हाईकोर्ट के आदेश ने कर्मचारियों की चिंता बढ़ा दी है। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि सरकार के इस गैर जिम्मेदाराना काम का खामियाजा प्रदेश के कर्मचारी कतई नहीं भुगतेंगे। उन्होंने सरकार से आगामी सत्र में इस मुद्दे पर विधेयक लाकर अपना रुख स्पष्ट करने की मांग की है। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि आजादी के बाद जब औसत आयु 63 वर्ष मानी जाती थी, तब सेवानिवृत्ति 60 वर्ष में होती थी। अब औसत आयु 77 वर्ष मानी जा रही है तो ऐसे में सेवानिवृत्ति आयु 60 से घटाकर 58 साल किया जाना नैसर्गिक न्याय के विपरीत होगा।इसी तरह पहले कर्मचारी औसतन 20 से 25 वर्ष की आयु में सेवा में आते थे, जबकि अब 40 से 45 साल तक की आयु में भी नौकरी मिल रही है। 58 साल में रिटायरमेंट पर ऐसे कर्मियों की सेवा महज 13 से 18 साल ही होगी। परिषद पदाधिकारियों ने कहा कि हाईकोर्ट के फैसले से 60 साल की आयु पर हाल में रिटायर हुए कर्मचारी परेशान हैं कि कहीं उनसे दो साल के वेतन-भत्ताें की वसूली न होने लगे।राज्य ब्यूरो, लखनऊ : हाईकोर्ट द्वारा 60 साल की सेवानिवृत्ति आयु को अमान्य किए जाने के लिए राज्य कर्मचारियों ने प्रदेश सरकार को कोर्ट में समुचित तथ्य न रखने का जिम्मेदार ठहराया है। कर्मचारियों ने इस मामले पर सरकार से कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर करने और सत्र में इस बाबत विधेयक लाने की मांग की है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी व महामंत्री शिवबरन सिंह यादव ने बुधवार को कहा कि हाईकोर्ट के आदेश ने कर्मचारियों की चिंता बढ़ा दी है। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि सरकार के इस गैर जिम्मेदाराना काम का खामियाजा प्रदेश के कर्मचारी कतई नहीं भुगतेंगे। उन्होंने सरकार से आगामी सत्र में इस मुद्दे पर विधेयक लाकर अपना रुख स्पष्ट करने की मांग की है। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि आजादी के बाद जब औसत आयु 63 वर्ष मानी जाती थी, तब सेवानिवृत्ति 60 वर्ष में होती थी। अब औसत आयु 77 वर्ष मानी जा रही है तो ऐसे में सेवानिवृत्ति आयु 60 से घटाकर 58 साल किया जाना नैसर्गिक न्याय के विपरीत होगा।इसी तरह पहले कर्मचारी औसतन 20 से 25 वर्ष की आयु में सेवा में आते थे, जबकि अब 40 से 45 साल तक की आयु में भी नौकरी मिल रही है। 58 साल में रिटायरमेंट पर ऐसे कर्मियों की सेवा महज 13 से 18 साल ही होगी। परिषद पदाधिकारियों ने कहा कि हाईकोर्ट के फैसले से 60 साल की आयु पर हाल में रिटायर हुए कर्मचारी परेशान हैं कि कहीं उनसे दो साल के वेतन-भत्ताें की वसूली न होने लगे।


Post a Comment

0 Comments