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STRIKE : 'मांगें पूरी नहीं हुईं तो दबाएंगे नोटा', कर्मचारियों को मिले उनका हक', अनिश्चितकालीन हड़ताल का निर्णय 27 को

STRIKE : 'मांगें पूरी नहीं हुईं तो दबाएंगे नोटा', कर्मचारियों को मिले उनका हक', अनिश्चितकालीन हड़ताल का निर्णय 27 को

एनबीटी संवाददाता, लखनऊ : उप्र चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी महासंघ ने पुरानी पेंशन नीति लागू करने की मांग की है। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष रामराज दुबे ने शनिवार को कहा कि सरकार से लगातार मांग करने के बाद भी पुरानी पेंशन नीति को लागू नहीं किया गया है। प्रदेश सरकार अपने स्तर पर पुरानी पेंशन नीति लागू कर सकती है । केरल, बंगाल और तमिलनाडु इसका उदाहरण हैं। 2014 लोकसभा चुनाव से पहले खुद तात्कालिक राष्ट्रीय अध्यक्ष और मौजूदा गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सरकार बनने के बाद पुरानी पेंशन नीति को लागू करने की बात की थी। केंद्र से लेकर प्रदेश तक में सरकार ने जल्द ही हमारी मांगों को पूरा नहीं किया तो कर्मचारी नोटा दबाने या सरकार के खिलाफ जाने का फैसला ले सकते हैं।
पुरानी पेंशन बहाली मंच की बैठक में मांगों पर हुई चर्चा।• एनबीटी, लखनऊ : कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी-पुरानी पेंशन बहाली मंच की बैठक शनिवार को डिप्लोमा इंजिनियर्स संघ लोक निर्माण विभाग के ऑडिटोरियम में हुई। मंच के अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद शर्मा की अध्यक्षता में हुई बैठक में स्पष्ट किया गया कि अगर सरकारी उपेक्षा जारी रही तो 25, 26, 27 अक्टूबर की प्रदेशव्यापी हड़ताल के बाद प्रांतीय बैठक कर अनिश्चितकालीन हड़ताल का निर्णय लिया जाएगा।

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री शिवबरन सिंह यादव ने कहा कि पेंशन कर्मचारियों का हक है। वार्ता के माध्यम से मांगों का हल निकाला जाना चाहिए। मंच संयोजक हरिकिशोर तिवारी ने बताया कि सभी कर्मचारी एक स्वर में कह रहे हैं कि नई पेंशन व्यवस्था कर्मचारियों के साथ धोखा है।

बैठक में बाबा हरदेव सिंह, इन्द्रासन सिंह, राकेश त्यागी, डी.एन.सिंह, अमरनाथ यादव, कामरेड आरके. पाण्डेय, जेपी सिंह, वीरेंद्र तिवारी, एचएन मिश्रा, संजय सिंह, शिवशंकर पाण्डेय, देवेंद्र, वंदना श्रीवास्तव, कांति सिंह, सुधीर पावर, हरिनाम, भूपेश, बलराम सिंह सहित अन्य ने भी अपने विचार रखे ।

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