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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

RECRUITMENT, SHIKSHAK BHARTI : परिषदीय स्कूलों में 68500 शिक्षक भर्ती, अनुत्तीर्ण आधे अभ्यर्थी भी पुनर्मूल्यांकन के दावेदार, आवेदन की प्रक्रिया पूरी, दोबारा मूल्यांकन को लेकर असमंजस

RECRUITMENT, SHIKSHAK BHARTI : परिषदीय स्कूलों में 68500 शिक्षक भर्ती, अनुत्तीर्ण आधे अभ्यर्थी भी पुनर्मूल्यांकन के दावेदार, आवेदन की प्रक्रिया पूरी, दोबारा मूल्यांकन को लेकर असमंजस

 प्रयागराज : परिषदीय स्कूलों की 68500 सहायक अध्यापक भर्ती की लिखित परीक्षा में अनुत्तीर्ण आधे अभ्यर्थियों ने पुनर्मूल्यांकन के लिए दावेदारी की है। शासन के निर्देश पर शुरू हुई आवेदन लेने की प्रक्रिया शनिवार शाम को पूरी हो गई, अभ्यर्थियों की कॉपियों का मूल्यांकन दोबारा कब से शुरू होगा इसको लेकर अभी असमंजस जरूर बना है। 1बेसिक शिक्षा परिषद प्राथमिक स्कूलों की शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा 27 मई को हुई। इसमें 7869 अभ्यर्थी शामिल हुए। इसका रिजल्ट 13 अगस्त को आया जिसमें 41556 अभ्यर्थी उत्तीर्ण हो सके।

परिणाम आने के बाद से उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन पर लगातार सवाल उठ रहे थे। कोर्ट के आदेश पर कुछ अभ्यर्थियों को स्कैन कॉपी मिली जिसमें कॉपी पर अंक अधिक व रिजल्ट में कम नंबर मिले थे। यह प्रकरण तूल पकड़ने पर शासन ने पुनर्मूल्यांकन कराने का आदेश दिया। साथ ही आवेदकों से दोबारा कॉपी जांचने का कोई शुल्क नहीं लिया गया है। इसके लिए 11 अक्टूबर से लेकर 20 अक्टूबर की शाम पांच बजे तक ऑनलाइन आवेदन लिए गए।

10 दिनों में अभ्यर्थियों ने दोबारा कॉपी जांचने का किया आवेदन


30751 को पास होने की उम्मीद


आवेदन की प्रक्रिया पूरी, दोबारा मूल्यांकन को लेकर असमंजस


 उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन पर लगातार उठ रहे थे सवाल

परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय की मानें तो इसमें अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। परीक्षा में 66313 अभ्यर्थी अनुत्तीर्ण हुए थे। केवल 35562 ने दावेदारी नहीं की है। आवेदन प्रक्रिया पूरी होने के बाद कॉपी मूल्यांकन कब से होगा? इस बीच बीटीसी की सेमेस्टर परीक्षा, टीईटी और फिर शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा होनी है। ऐसे में पुनर्मूल्यांकन इसके बाद ही हो पाने के आसार हैं। परीक्षा नियामक कार्यालय का कहना है कि इस समय स्कूलों में अर्धवार्षिक परीक्षाएं हो रही हैं, इसके बाद प्रायोगिक परीक्षाएं होनी हैं। पुनर्मूल्यांकन राजकीय शिक्षक ही करेंगे, इसलिए शिक्षकों से वार्ता करके पुनर्मूल्यांकन कराया जाएगा। इसके लिए विभाग को शासनादेश भी बदलना होगा, क्योंकि पहले इसका प्रावधान ही नहीं था।

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