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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

ALLAHABAD HIGHCOURT , RECRUITMENT, SHIKSHAK BHARTI : कॉपियां बदले जाने के मामले में धीमी जांच पर सरकार को फिर पड़ी फटकार, हाईकोर्ट ने निर्णय सुरक्षित किया सहायक शिक्षक भर्ती मामला

ALLAHABAD HIGHCOURT , RECRUITMENT, SHIKSHAK BHARTI : कॉपियां बदले जाने के मामले में धीमी जांच पर सरकार को फिर पड़ी फटकार, हाईकोर्ट ने निर्णय सुरक्षित किया सहायक शिक्षक भर्ती मामला



लखनऊ। 68 हजार 500 सहायक शिक्षकों की भर्ती मामले में अभ्यर्थियों की उत्तर पुस्तिकाएं बदले जाने के खुलासे के बाद हो रही जांच से हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने घोर असंतुष्टि जाहिर की है। न्यायालय ने सरकार को फटकार लगाते हुए कहा है कि अब तक की जांच रिपोर्ट को देखने से लगता है कि जैसे कोई विभागीय जांच हो रही हो जबकि जांच कमेटी को वास्तव में इस परीक्षा में हुए कथित भष्टाचार की जांच करनी थी। न्यायालय ने मामले पर अपना आदेश सुरक्षित कर लिया है।

न्यायमूर्ति इरशाद अली की एकल सदस्यीय पीठ के समक्ष सोनिका देवी की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह ने स्वीकार किया कि परीक्षा में गड़बड़ियां हुई लेकिन उन्होंने दलील दी कि उक्त गड़बड़ियां जानबूझकर नहीं हुईं। सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से जांच की प्रगति रिपोर्ट भी पेश की गई। जिससे असंतुष्ट न्यायालय ने ओपन कोर्ट में टिप्पणी करते हुए कहा कि यदि सरकार ठीक से जांच नहीं कर सकती तो कोर्ट उसे बताएगी कि जांच किस प्रकार की जाए। न्यायालय ने कहा कि वह इस प्रकरण में आदेश सुरक्षित कर रही है जिसे बाद मे लिखाया जाएगा। हालांकि न्यायालय ने आदेश सुरक्षित करने की बात कहने के बाद काफी देर तक महाधिवक्ता व याचीपक्ष के अधिवक्ताओं को सुना।

उल्लेखनीय है कि उक्त याचिका पर सुनवाई के दौरान न्यायालय ने पाया था कि याची की उत्तर पुस्तिका ही बदल दी गई है। उत्तर पुस्तिका बदलने की बात सामने आने पर महाधिवक्ता ने कई और अभ्यर्थियों की कॉपियां बदलने की बात स्वीकारते हुए, न्यायालय को आश्वासन दिया था कि मामले की जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई भी होगी। न्यायालय के सख्त रूख के बाद राज्य सरकार ने 8 सितम्बर को प्रमुख सचिव, गन्ना उद्योग संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनाकर पूरे मामले की जांच कमेटी के सिपुर्द कर दी थी। पिछली सुनवाई के दौरान भी न्यायालय ने जांच के सम्बंध में सख्त रुख अपनाते हुए कहा था कि अगली सुनवाई पर यदि जांच की प्रगति रिपोर्ट पेश नहीं होती तो जांच कमेटी के चेयरमैन को व्यक्तिगत रूप से मय रिकॉर्ड हाजिर होना होगा।

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