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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

PROTEST, UPPSS : पुरानी पेंशन बहाल करने के समर्थन में इको गार्डन पहुंचे हजारों शिक्षकों, पुरानी पेंशन के अलावा समान कार्य समान वेतन, नि:शुल्क इलाज समेत कई मांगों वाला ज्ञापन एसीएम को सौंपाल शिक्षक

PROTEST, UPPSS : पुरानी पेंशन बहाल करने के समर्थन में इको गार्डन पहुंचे हजारों शिक्षकों, पुरानी पेंशन के अलावा समान कार्य समान वेतन, नि:शुल्क इलाज समेत कई मांगों वाला ज्ञापन एसीएम को सौंपाल शिक्षक



-उप्र. शिक्षक महासंघ के नेतृत्व में प्रदेश भर शिक्षकों ने प्रदेश व्यापी धरना दिया

-पुरानी पेंशन के अलावा समान कार्य समान वेतन,

-नि:शुल्क इलाज समेत कई मांगों वाला ज्ञापन एसीएम को सौंपाल

लखनऊ। निज संवाददातापुरानी पेंशन बहाली और चिकित्सा सुविधा की मांग को लेकर सोमवार को प्रदेशभर के हजारों शिक्षक आलमबाग के इको गार्डन में पहुंचकर आवाज बुलंद की। शिक्षकों ने मंच के जरिए सरकार से पुरानी पेंशन बहाली की मांग उठायी। उप्र. शिक्षक महासंघ के बैनर तले एक दिवसीय धरना देने वाली महिला एवं पुरुष शिक्षकों ने कहा कि सरकार पुरानी पेंशन बहाली का आदेश तत्काल जारी करे। शिक्षकों ने कहा कि नई पेंशन योजना कर्मचारी हित में कतई नही है। सभी स्तर पर प्रदेश के स्कूलों और कालेजों में शिक्षकों के बहुत से पद खाली पड़े हैं।

महासंघ ने कहा कि शिक्षकों के रिक्त पदों का विज्ञापन निकाल कर भर्ती की जाए। महासंघ ने सीएम व विभागीय मंत्री समेत शासन के उच्च अधिकारियों को सम्बोधित ज्ञापन एसीएम तृतीय ब्रजेन्द्र कुमार को सौंपा। एसीएम ने शिक्षकों को उनकी मांगों को जिम्मेदार अफसरों तक पहुंचाए जाने का आश्वासन दिया।महासंघ ने कहा कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत शिक्षकों को अभी तक 7 वें वेतनमान का लाभ नही मिला है। साथ ही अन्य शिक्षक संगठनों के शिक्षक 7 वें वेतन आयोग से वंचित हैं।

शिक्षकों ने कहा कि खाली पड़े शिक्षकों के पदों पर विज्ञापन निकालकर सरकार इन पदों पर योग्य शिक्षकों भर्ती करे। ताकि बच्चों को शिक्षा मुहैया करायी जा सके। धरने में पहुंचे लखनऊ, सीतापुर, उन्नाव, हरदोई, बाराबंकी व लखीमपुर समेत प्रदेश के सभी जिलों के शिक्षकों ने पुरानी पेंशन बहाली समेत अन्य मांगें रखी।पेंशन भीख नहीउत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश चंद शर्मा के नेतृत्व में सोमवार को आलमबाग के इको गार्डन में पहुंचे शिक्षकों ने कहा कि प्रदेश सरकार की उपेक्षात्मक नीति से शिक्षक परेशान है।

महासंघ ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा डीएस नाकारा के मामले का हवाला देते हुए कहा कि इसमें पूर्ण पीठ ने कहा है कि ‘पेंशन भीख नही है। यह कर्मचारी का हक है। यह उसे उस अवस्था के लिए दी जाती है। जब वह सेवा से रिटायरमेंट होने के बाद शारीरिक रूप से शिथिल हो जाता है। महासंघ के पदाधिकारियों ने सरकार से मांग उठायी है कि वह वर्ष 2004 से पूर्व की भांति मिलने वाली पुरानी पेंशन व्यवस्था को बहाल करे। उप्र. शिक्षक महासंघ ने कहा कि समान कार्य के लिए समान वेतन मिलना चाहिए।

शिक्षकों को नि:शुल्क इलाज मिलेउप्र. शिक्षक महासंघ ने कहा कि प्रदेश के शिक्षकों राज्य कर्मियों की तर्ज पर नि:शुल्क इलाज मिलना चाहिए। शिक्षकों ने सरकार से मांग उठायी है कि जब कुछ विभाग के कर्मचारियों को मुफ्त इलाज मिल सकता है। तो शिक्षकों को क्यों नही। शिक्षकों ने राज्य कर्मियों को मिलने वाले एसीपी की मांग उठायी है। उनका कहना है कि उन्हें भी एसीपी का लाभ मिलना चाहिए।

ये हैं प्रमुख मांगे

-उप्र. शिक्षक महासंघ ने मांग पत्र में कहा कि मृतक आश्रित कोटे में शिक्षकों के आश्रितों को शिक्षक के पद नौकरी दी जाए।

-शिक्षकों के पद पर आउट सोर्सिंग से किसी भी शिक्षक की नियुक्ति नही होनी चाहिए। शिक्षकों ने कहा कि सरकार नियमित पदों पर भर्ती करे।

-उप्र. बेसिक शिक्षा परिषदीय शिक्षकों की पदोन्नति के फलस्वरूप ग्रेड वेतन 4600 अथा 4800 सम्बंधित तिथि से न्यनतम मूल वेतन क्रमश: 17140 व 18150 होना चाहिए।

-बेसिक शिक्षा परिषद शिक्षकों के अन्तरजनपदीय स्थानांतरण हेतु निर्धारित सेवा अवधि पांच वर्ष के स्थान पर एक वर्ष की जाए। सभी लंबित आवेदन पत्रों के सापेक्ष तबादला किया जाए।

-50 वर्ष की आयु पूरी कर चुके शिक्षकों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति विषयक स्क्रीनिंग से दूर रखा जाए।

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