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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

NIC, SHIKSHAK BHARTI : सहायक अध्यापक भर्ती 2018, अभिलेख और अंकन अलग सैकड़ों होंगे चयन से बाहर, एनआइसी फिलहाल सहमत नहीं

NIC, SHIKSHAK BHARTI : सहायक अध्यापक भर्ती 2018, अभिलेख और अंकन अलग सैकड़ों होंगे चयन से बाहर, एनआइसी फिलहाल सहमत नहीं


इलाहाबाद : परिषदीय स्कूलों की सहायक अध्यापक भर्ती 2018 लिखित परीक्षा के अंकों व आवेदन के अंकन को लेकर हंगामा मचा है। शिक्षक बनने के लिए दो परीक्षाएं उत्तीर्ण करने के बाद अब नियुक्ति पाने की बारी आई तो आवेदन का अंकन आड़े आ रहा है। सैकड़ों युवाओं ने लिखित परीक्षा के लिए आवेदन करते समय शैक्षिक अभिलेखों का अनुक्रमांक, प्राप्तांक, पूर्णाक आदि गलत भर दिया है। अब वे इसे दुरुस्त कराने का मौका मांग रहे हैं।

प्रदेश भर के बड़ी संख्या में अभ्यर्थी गुरुवार को बेसिक शिक्षा परिषद मुख्यालय पर पहुंचे और पहले किए गए अंकन में सुधार की मांग की। अफसरों ने कहा कि नियुक्ति के लिए उन्हीं रिकॉर्ड के आधार पर आवेदन लिए जा रहे हैं, फिलहाल इसे तत्काल दुरुस्त करना संभव नहीं है। इस पर अभ्यर्थी कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गए और दिन भर नारेबाजी की। उनका कहना है कि मानवीय भूल हुई है, उसे दुरुस्त करने का मौका दिया जाना चाहिए। बोले, जब पहले दर्ज मोबाइल नंबर में शपथपत्र लेकर बदलाव किया जा सकता है, तब शैक्षिक अभिलेखों के अंकन के लिए भी मौका दिया जाना चाहिए। ज्ञात हो कि बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों ने आवेदन करते समय हाईस्कूल, इंटर, बीटीसी व अन्य परीक्षाओं का अनुक्रमांक, उसमें मिले अंक, पूर्णाक आदि गलत दर्ज कर दिया है। यही नहीं हाईकोर्ट के आदेश पर टीईटी 2017 के अभ्यर्थियों दो अंक बढ़ाए गए, अभ्यर्थियों ने इसे वेबसाइट पर दर्ज कर दिया है लेकिन, बढ़े अंक का प्रमाणपत्र अब तक हासिल नहीं किया है।

अभ्यर्थियों ने विभाग जब खुद चूक करता है तो उसमें सुधार कर लेता है, इसी तरह से अभ्यर्थियों को भी मौका मिलना चाहिए। कहा कि यदि इसमें सुधार का मौका नहीं दिया गया तो कई हजार अभ्यर्थी चयन से बाहर हो जाएंगे क्योंकि काउंसिलिंग में अभिलेख व वेबसाइट पर दर्ज अंक, अनुक्रमांक आदि मेल नहीं खाएंगे। लखनऊ में भी धरना दिया है, वे यहां से तभी जाएंगे, जब विभाग उनकी मांग पूरी कर दे एनआइसी फिलहाल सहमत नहीं ।

अभ्यर्थियों की इस मांग से एनआइसी फिलहाल सहमत नहीं है, क्योंकि उसी वेबसाइट पर आवेदन लिए जा रहे हैं। अफसरों का कहना है कि उसके बीच में यह सुधार किया जाना संभव नहीं है। आवेदन पूरे होने के बाद जरूर इस संबंध में विचार किया जा सकता है। गलत अंकन से तमाम अभ्यर्थियों की वरीयता की मेरिट भी बदल जाएगी।

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