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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

SCHOOL : पूर्वाचल में इस्लामिया प्राथमिक विद्यालयों की भरमार

SCHOOL : पूर्वाचल में इस्लामिया प्राथमिक विद्यालयों की भरमार

जागरण न्यूज नेटवर्क, लखनऊ : पूर्वाचल के कई जिलों में बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित 46 ऐसे विद्यालय हैं जिनका नाम इस्लामिया या उर्दू प्राथमिक विद्यालय है। यही नहीं, यहां रविवार की जगह शुक्रवार को अवकाश भी रहता है। ऐसा क्यों हो रहा है, इस सवाल का समुचित जवाब शिक्षाधिकारियों के पास नहीं है। बलिया में आठ इस्लामिया प्राथमिक विद्यालयों का संचालन हो रहा है। बेरुआरबारी में दो और सीयर में छह इस्लामिया विद्यालय हैं। खास बात तो यह है कि उनमें से प्राथमिक विद्यालय करम्मर में तो एक भी मुस्लिम छात्र नहीं हैं। हालांकि, इस्लामिया प्राथमिक विद्यालय सेमरी रामपुर के प्रधानाध्यापक सत्य प्रकाश दुबे ने बताया कि दो वर्षो से यह विद्यालय शुक्रवार को भी खुलता है तथा रविवार को बंद रहता है।

जागरण न्यूज नेटवर्क, लखनऊ : पूर्वाचल के कई जिलों में बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित 46 ऐसे विद्यालय हैं जिनका नाम इस्लामिया या उर्दू प्राथमिक विद्यालय है। यही नहीं, यहां रविवार की जगह शुक्रवार को अवकाश भी रहता है। ऐसा क्यों हो रहा है, इस सवाल का समुचित जवाब शिक्षाधिकारियों के पास नहीं है। बलिया में आठ इस्लामिया प्राथमिक विद्यालयों का संचालन हो रहा है। बेरुआरबारी में दो और सीयर में छह इस्लामिया विद्यालय हैं। खास बात तो यह है कि उनमें से प्राथमिक विद्यालय करम्मर में तो एक भी मुस्लिम छात्र नहीं हैं। हालांकि, इस्लामिया प्राथमिक विद्यालय सेमरी रामपुर के प्रधानाध्यापक सत्य प्रकाश दुबे ने बताया कि दो वर्षो से यह विद्यालय शुक्रवार को भी खुलता है तथा रविवार को बंद रहता है। 

गोरखपुर : इस्लामिया विद्यालयों को तलाशेगा विभाग, गोरखपुर-बस्ती मंडल के सातों जिलों के बीएसए को दिया गया निर्देश, विद्यालय संचालन के जिम्मेदारों पर होगी कार्रवा

जागरण संवाददाता, गोरखपुर : विभिन्न जनपदों में कुछ परिषदीय विद्यालयों के इस्लामिया विद्यालय के रूप में संचालित होने का मामला प्रकाश में आने के बाद शिक्षा विभाग भी गंभीर हो गया है। सहायक शिक्षा निदेशक गोरखपुर-बस्ती मंडल ने दोनों मंडलों के सातों जिलों के बीएसए को पत्र लिखकर ऐसे विद्यालयों को तलाशने व उनका संचलन नियम के अनुसार कराने का निर्देश दिया है। इनके संचलन के लिए जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।

देवरिया, महराजगंज व गोरखपुर जनपद में परिषदीय विद्यालयों के इस्लामिया विद्यालय के रूप में संचालित होने का मामला प्रकाश में आया था। जागरण ने इस मामले को प्रमुखता से उठाया और ऐसे सभी विद्यालयों की व्यवस्था सामान्य विद्यालयों की तरह की जा चुकी है। इनके नाम के आगे से इस्लामिया शब्द भी मिटा दिया गया है। जिलाधिकारी के स्तर से भी इस मामले की जांच कराई जा रही है।

एलआइयू ने जुटाई जानकारी: एलआइयू के अधिकारियों ने बुधवार को जिला बेसिक शिक्षा कार्यालय पहुंचकर इस्लामिया विद्यालयों से जुड़ी जानकारी जुटाई। इंटेलीजेंस के अधिकारी बीएसए भूपेंद्र नारायण सिंह से मिले। इन क्षेत्रों के खंड शिक्षा अधिकारियों व विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों का नंबर भी प्राप्त किया। रिपोर्ट शासन को भी भेजी जा रही है।

चल रहा नाम मिटाने का सिलसिला : जनपद में चार विद्यालयों के इस्लामिया के रूप में संचालित किए जाने का मामला प्रकाश में आया था। हालांकि पहले ही साप्ताहिक अवकाश शुक्रवार से बदलकर रविवार कर दिया गया था लेकिन उनके नाम के आगे इस्लामिया शब्द जुड़ा था। कैंपियरगंज क्षेत्र के दो विद्यालयों के बारे में समाचार प्रकाशित होने के बाद इस्लामिया शब्द मिटाया गया। बड़हलगंज क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय बेईली से भी इस्लामिया नाम स्वत: हटा दिया गया। कुछ वर्ष पूर्व तक उरुवा क्षेत्र में भी एक विद्यालय था, उसकी व्यवस्था भी बदली जा चुकी है।

इस्लामिया विद्यालयों का मामला संज्ञान में आने के बाद दोनों मंडलों के सातों जिलों के बीएसए को पत्र लिखकर ऐसे विद्यालयों को तलाशने और उन्हें बंद कराने का निर्देश दिया गया है। नियमानुसार कोई विद्यालय इस्लामिया या किसी और नाम से संचालित नहीं हो सकता। इसके संचलन को लेकर जो दोषी होगा, उसपर कार्रवाई भी होगी।
-जेएन सिंह, सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक गोरखपुर-बस्ती मंडल

सिद्धार्थनगर : सरकारी विद्यालय में दी जा रही थी मजहबी शिक्षा, दो शिक्षक निलंबित

जागरण संवाददाता, सिद्धार्थनगर : अभी देवरिया, गोरखपुर व पड़ोसी जनपद महराजगंज आदि जिलों में सरकारी स्कूल को इस्लामिया स्कूल में तब्दील किए जाने का मामला चल ही रहा था कि सिद्धार्थनगर जिले के एक विद्यालय में लंबे समय से मजहबी शिक्षा दिए जाने का प्रकरण सामने आया है। बुधवार को बेसिक शिक्षाधिकारी की जांच में इसका खुलासा हुआ। विकास खंड खेसरहा के प्राथमिक विद्यालय देउरी में बच्चों के पास से उर्दू की पुस्तकें मिलीं। पता चला कि वह मजहबी पुस्तकें हैं। इसे लेकर विद्यालय के दो शिक्षकों को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही निदेशक बेसिक शिक्षा को पत्र भेजकर मार्गदर्शन मांगा गया है। निलंबित शिक्षकों में प्रधानाध्यापक मतीउल्लाह व सहायक अध्यापक मो.अकमल शामिल हैं।1जागरण द्वारा मामला बीएसए के संज्ञान में लाए जाने पर बुधवार सुबह नौ बजे बेसिक शिक्षा अधिकारी राम सिंह, खंड शिक्षा अधिकारियों की टीम के साथ खेसरहा विकास क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय देउरी पहुंचे। टीम ने वहां बच्चों के हाथ में बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा मान्य पुस्तकों से इतर उर्दू की पुस्तकें देखीं। पूछने पर बच्चों ने बताया कि उन्हें इन्ही पुस्तकों से तालीम दी जाती है। बीएसए ने वहां तैनात प्रधानाध्यापक मतीउल्लाह व सहायक अध्यापक मो. अकमल से इस बारे में जानकारी चाही कि आखिर किसके आदेश पर बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा अनुमन्य पुस्तकों से शिक्षण कार्य न करके अन्य पुस्तकों का उपयोग किया जा रहा है, तो इस पर वे कोई उत्तर न दे सके। इससे नाराज बीएसए ने विभागीय निर्देशों के उलंघन को गंभीरता से लेते हुए दोनों शिक्षकों को निलंबित कर दिया। बीएसए की इस कार्रवाई के बाद समूचे जनपद के विद्यालयों में हड़कंप मच गया। टीम में बीईओ सीबी पांडेय, अभिमन्यु व विजय आनंद शामिल रहे। 1बीएसए ने बताया कि बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा जो पुस्तकें अनुमन्य की गई हैं केवल वही पुस्तकें परिषदीय विद्यालयों में प्रयोग की जा सकती हैं। पुस्तकों के नाम सभी विद्यालयों की दीवालों पर प्रदर्शित किए जाने का भी निर्देश है। ऐसे में बच्चों को दूसरी संस्थाओं की उर्दू या अन्य पुस्तकें पढ़ाया जाना गंभीर प्रकरण है। पूरे जनपद के विद्यालयों में खंड शिक्षा अधिकारियों से जांच करने का निर्देश दिया गया है। यदि अन्य किसी विद्यालय में ऐसी स्थिति पाई जाएगी तो दोषी शिक्षकों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।’>>निरीक्षण में खुली पोल तो बीएसए ने की कार्रवाई1’>>खेसरहा विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय देउरी का मामला

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