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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

SHIKSHAMITRA, CM, MEETING : सीएम से वार्ता के बाद शिक्षामित्रों में जगी आस, तीन महीने के लिए स्थगित किया आन्दोलन, बढ़ सकता है मानदेय, बातचीत में कई राज्यों के माडलों पर हुई मंत्रणा

SHIKSHAMITRA, CM, MEETING : सीएम से वार्ता के बाद शिक्षामित्रों में जगी आस, तीन महीने के लिए स्थगित किया आन्दोलन, बढ़ सकता है मानदेय, बातचीत में कई राज्यों के माडलों पर हुई मंत्रणा


 लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अपने भविष्य को लेकर कई बार आन्दोलित हो चुके प्रदेश के एक लाख 70 हजार शिक्षामित्रों को बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लगभग 30 मिनट वार्ता हुई। एनेक्सी में शिक्षामित्रों के विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधिमण्डल ने अपनी बात रखी। मुखयमंत्री के सकारात्मक रुख के बाद अब शिक्षामित्रों में फिर बेहतर परिणाम की आस जगी है। सीएम की ओर से इस चुनौती के निराकरण के लिए दो माह की मोहलत मांगी गयी तो शिक्षामित्रों ने आन्दोलन को तीन महीने के लिए स्थगित कर दिया। कहा कि शिक्षामित्रों को लेकर भाजपा शासित कई राज्यों में अलग-अलग मॉडल लागू है। सरकार उनमें से कोई भी मॉडल यूपी में लागू कर दे। दूरस्थ बीटीसी का प्रशिक्षण लेकर सहायक अध्यापक पदों पर समायोजित हो चुके शिक्षामित्रों का कहना था कि समायोजन रद होने पर वह आर्थिक तंगी के शिकार हैं। सरकार ने मानदेय सिर्फ दस हजार रुपये रखा है, इससे उन्हें परिवार के पालन पोषण में दिक्कत आ रही है। वार्ता में शिक्षामित्रों की ओर से गाजी इमाम आला, प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव के साथ पांच अन्य नेता शामिल थे। 


सरकार की ओर से वार्ता में मुख्यमंत्री के साथ अपर प्रमुख सचिव प्राथमिक शिक्षा राज प्रताप सिंह, निदेशक बेसिक शिक्षा सव्रेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह के साथ ही मुख्यमंत्री कार्यालय के अफसर भी मौजूद थे। शिक्षा मित्रों को सरकार की ओर से आश्वासन दिया गया है कि हाल में दिल्ली में मानव संसाधन विकास मंत्रालय के साथ होने वाली बैठक में इसको रखा जाएगा और उसके बाद मानदेय बढ़ाने का निर्णय लिया जा सकता है। 


सूत्रों की मानें तो शिक्षामित्रों के मानदेय में दो गुने से ज्यादा की बढ़ोतरी की जा सकता है और इसको 24 हजार रुपये प्रति माह तक किया जा सकता है। उधर सीएम से वार्ता के बाद संगठन के नेता अनिल यादव ने बताया कि अब तीन महीने तक कोई आन्दोलन नहीं होगा। सरकार हरियाणा, एमपी या फिर उत्तराखण्ड के मॉडल को लागू करने का फैसला भी लेगी। सूत्रों का कहना है कि सूबे के एक लाख 24 हजार से ज्यादा प्रशिक्षित शिक्षा मित्रों को बड़ी राहत मिल सकती है।

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