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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

SHIKSHAK BHARTI, VACANCY, EXAMINATION : परिषदीय स्कूलों की 68500 सहायक अध्यापक भर्ती की लिखित परीक्षाओं में गड़बड़ प्रश्न और उनके जबाब का सिलसिला रूक नहीं रहा 


इलाहाबाद : भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ प्रश्न और उनके गलत जवाब का सिलसिला रुक नहीं रहा है। शिक्षक पात्रता परीक्षा यानि टीईटी 2017 के 14 प्रश्नों का विवाद अभ्यर्थी अभी भूले नहीं थे कि सहायक अध्यापक भर्ती 2018 की लिखित परीक्षा के प्रश्नों पर सवाल उठने लगे हैं। अभ्यर्थी इम्तिहान देने के बाद साथियों, शिक्षकों व पुस्तकों के जरिए प्रश्नों के जवाब खंगालने में जुटे हैं। उन्हें करीब आधा दर्जन से अधिक ऐसे प्रश्न मिले हैं, जो गलत हैं या फिर प्रश्नों के दो-दो जवाब भी सही हैं।




परिषदीय स्कूलों की 68500 सहायक अध्यापक भर्ती की लिखित परीक्षा में 150 प्रश्न पूछे गए। इनमें से अधिकांश सवालों का पैटर्न टीईटी की तर्ज पर रहा है, हालांकि इस परीक्षा का पाठ्यक्रम टीईटी की अपेक्षा वृहद रहा है। ज्ञात हो कि टीईटी में चार से छह विषयों के सवाल होते हैं, जबकि इसमें 14 विषयों पर आधारित प्रश्न पूछे गए। सामान्य अध्ययन का एक सवाल था कि भारत के 21वें मुख्य चुनाव आयुक्त कौन हैं? मुख्य चुनाव आयुक्तों की सूची में 21वें नंबर पर अचल कुमार ज्योति रहे हैं, जो कार्यकाल पूरा कर चुके हैं। ऐसे में यह प्रश्न ही गलत हो गया, पूछा जाना चाहिए था कि कौन थे? 



इसी तरह से भारत कला केंद्र कहां स्थित है? इस प्रश्न का किताब व वेबसाइट पर अलग-अलग जवाब है। कुछ में वाराणसी तो वेबसाइट पर भोपाल दर्ज है। तर्कशक्ति के सवालों में भी ऐसे कई प्रश्न पूछे गए, जिनके दो उत्तर हो सकते हैं। अभ्यर्थी ऐसे प्रश्नों व उनसे जुड़े जवाब की सूची तैयार करने में जुटे हैं। सभी की निगाहें पांच जून को जारी होने वाली उत्तरकुंजी पर टिकी हैं, उसके बाद ही वह अगला कदम उठाएंगे।




परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव डा. सुत्ता सिंह ने बताया कि परीक्षा के प्रश्नों को तय करने में काफी सावधानी बरती गई, फिर भी यदि किन्हीं प्रश्नों पर विवाद होगा तो उचित निर्णय लेंगे। इस बार उत्तरकुंजी जारी करने के बाद आपत्ति लेंगे और उनका भली प्रकार परीक्षण कराने के बाद संशोधित उत्तरकुंजी जारी करेंगे। जब अभ्यर्थियों की आपत्तियां खत्म हो जाएंगी, उसके बाद ही उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कराएंगे, ताकि रिजल्ट में किसी तरह का विवाद न रहे। इसी वजह से परीक्षा व परिणाम में अंतर रखा गया है।

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