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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

ALLAHABAD HIGHCOURT, APPOINTMENT : सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद समायोजित शिक्षामित्रों से रिक्त हुए 137000 सहायक अध्यापकों के पदों पर तत्काल विधि / नियम के अनुसार पदों को भरने के सम्बन्ध में कोर्ट ने दिया निर्देश क्लिक कर आर्डर कॉपी देखें ।

ALLAHABAD HIGHCOURT, APPOINTMENT : सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद समायोजित शिक्षामित्रों से रिक्त हुए 137000 सहायक अध्यापकों के पदों पर तत्काल विधि / नियम के अनुसार पदों को भरने के सम्बन्ध में कोर्ट ने दिया निर्देश क्लिक कर आर्डर कॉपी देखें ।

बी टी सी ट्रेनी वेलफ़ेयर असोसियेशन द्वारा हाइ कोर्ट इलाहाबाद की लखनऊ खंडपीठ मे अवैध समायोजन के रद्द होने से  रिक्त हुए 137000 पदों को ससमय विज्ञापित कराने की प्रेयर के साथ याचिका 18 सितंबर 2017 को दायर हुई । इस याचिका की सुनवाई 21 सितंबर 2017 को हुई ।

याचिका Ambrish Tiwari (3194/SS/2014 अतुल बाजपेयी व अन्य बनाम उत्तर प्रदेश राज्य )  , Vikram Singh (34833/2014 आनंद कुमार यादव व अन्य बनाम उत्तर प्रदेश राज्य ) , Ankur Mishra  (3194/SS/2014 अतुल बाजपेयी व अन्य बनाम उत्तर प्रदेश राज्य ) , Sujeet Kumar (3205/SS/2014  मोहम्मद अरशद व अन्य बनाम उत्तर प्रदेश राज्य ) , Dinesh Chaudhary (46000/2014 अंशुमान श्रीवास्तव व अन्य बनाम उत्तर प्रदेश राज्य) द्वारा दायर की गयी थी ।

सभी याचिकाकर्ता हाइकोर्ट मे अवैध समायोजन के खिलाफ दायर याचिकायों मे वर्ष 2014 मे याची रह चुके हैं तथा वर्तमान मे नौकरी से वंचित हैं ।  इसी को आधार बनाते हुए 1 माह पूर्व उक्त याचियों द्वारा  रिक्त पदों को भरने का प्रत्यावेदन दिया गया था जिस पर सरकार ने कोई निर्णय नही अभी तक नही लिया है । याचिका का उद्देश्य 137000 पदों को जल्द से जल्द विज्ञापित करने तथा सरप्लस की असलियत सामने लाने के लिए किया गया है।

सरकारी अधिवक्ता ने कहा की टी ई टी परीक्षा के बाद रिक्त पदों पर भर्ती की जाएगी । इस पर असोसियेशन के अधिवक्ता ने कहा की वर्तमान मे लगभग 80,000 बी टी सी , वि बीटीसी , उर्दू बीटीसी , डी एड और बी ई एल एड अभ्यर्थी तथा शिक्षा मित्र टी ई टी पास हैं अतः टी ई टी परीक्षा के बगैर भी भर्ती निकाली जा सकती है । असोसियेशन के अधिवक्ता ने कोर्ट को यह भी बताया की समायोजन रद्द होने के बाद से परीषदीय विद्यालयों मे पठन पाठन कार्य बाधित है इस हेतु तत्काल भर्ती आवश्यक है । इस पर कोर्ट ने निम्न आदेश पारित किए -

जिसका आदेश निम्न है:-

"सभी विपक्षी पार्टियां 6 सप्ताह में काउंटर एफिडेविट दाखिल करें।

यह सूचित किया गया कि 137000 सहायक अध्यापकों के पद उच्चतम न्यायालय के आदेश से रिक्त हो गए है ,इन पदों पर पूर्व में शिक्षामित्रों को समायोजित किया गया था तथा अब उन्हें वहाँ से हटा दिया गया है तथा याचिकाकर्ताओं का कहना है कि इससे राज्य में बेसिक शिक्षा की स्थिति ख़राब हो रही है और राज्य सरकार का कर्तव्य है कि इन रिक्त पदों को भरने हेतु तुरंत कार्यवाही करे ।

अगर याचिकाकर्ता के तथ्य सही है व् निश्चित रूप से यदि राज्य सरकार द्वारा रिक्त पदों को भरने हेतु शीघ्र कार्यवाही नहीं की जा रही है तो तत्काल कार्यवाही की जानी चाहिए किन्तु ये रिक्त पद विधि / नियम के अनुसार ही भरे जाएं।"

याचिका की फाइलिंग सम्बन्धी सभी कार्य Ambrish Tiwari द्वारा किए गए तथा आर्थिक सहयोग मेरे द्वारा वेतन-राशि से किया गया ।  आगे भी असोसियेशन द्वारा ऐसे प्रयास कोर्ट और रोड पर समय समय पर किए जाते रहेंगे । समस्त बीटीसी बेरोजगार एकजुट होकर नियुक्तियों के लिए प्रयास करे । आपकी असोसिएसशन आपके पीछे चलने , आपके साथ चलने अथवा  आपका नेतृत्व करने के लिए हर समय तैयार है ।

HIGH COURT OF JUDICATURE AT ALLAHABAD, LUCKNOW BENCH

?Court No. - 4

Case :- SERVICE SINGLE No. - 22680 of 2017

Petitioner :- Ambrish Kumar And 4 Ors.

Respondent :- State Of U.P. Thru Prin.Secy.Basic Civil Sectt.Lko.&Ors.

Counsel for Petitioner :- Himanshu Raghave,Durga Prasad Shukla,Pankaj Awasthi

Counsel for Respondent :- C.S.C.,A.S.G.,Neeraj Chaurasiya

Hon'ble Rajan Roy,J.

Shri Ghulam Mohammad Kamil, Advocate has filed his vakalatnama on behalf of the opposite party no. 4. The same is taken on record.

Heard learned counsel for the petitioners, learned Additional Chief Standing Counsel for the State and Shri Ghulam Mohammad Kamil, learned counsel for the opposite party no. 4.

Let counter affidavit be filed by the opposite parties within a period of six weeks.

List thereafter.

It is informed that 1,37,000 posts of Assistant Teachers have fallen vacant consequent to the judgment of the Supreme Court by which the erstwhile Shiksha Mittras who had been absorbed on the said posts have been ousted therefrom, therefore, the petitioners say that the state of basic education in the State is suffering and the State Government is under an obligation to take prompt action in the matter by filling up these posts.

If the facts stated are correct, then, certainly the State Government if it has not already taken prompt action should take prompt action but as per law for filling up these posts.

Order Date :- 21.9.2017

R.K.P.

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