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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

SHIKSHAMITRA, MEETING : शिक्षामित्रों का बेसिक शिक्षा विभाग के अपर सचिव राज प्रताप सिंह से आज फिर वार्ता, शिक्षामित्र टीईटी पास आमने-सामने

SHIKSHAMITRA, MEETING : शिक्षामित्रों का बेसिक शिक्षा विभाग के अपर सचिव राज प्रताप सिंह से आज फिर वार्ता, शिक्षामित्र टीईटी पास आमने-सामने

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*शिक्षामित्र और टीईटी पास युवा आमने-सामने*

हिन्दुस्तान टीम, लखनऊ
एक तरफ शिक्षामित्र अपना समायोजन बचाने में लगे हैं। दूसरी तरफ, बीटीसी व बीएड टीईटी पास अभ्यर्थी शिक्षक पद पर अपना दावा ठोक रहे हैं। ऐसे में सबकी निगाहें राज्य सरकार के अगले कदम पर टिकी हैं। सोमवार को शिक्षामित्रों द्वारा दी गई 3 दिनों की मियाद खत्म हो रही है। बेसिक शिक्षा विभाग शिक्षामित्रों के प्रतिनिधियों के साथ सोमवार को बैठक करने की तैयारी कर रहा है।

हालांकि 1.70 लाख शिक्षामित्रों को लेकर सरकार निर्णय ले चुकी है लेकिन शिक्षामित्र इससे सहमत नहीं है। बीते दिनों उन्होंने राजधानी में बड़ा प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री से मिलने के बाद ही इसे खत्म किया। राज्य सरकार ने शिक्षामित्रों 10 हजार रुपये मानदेय दिए जाने का निर्णय लिया है। वहीं 2.5 अंक प्रतिवर्ष सेवा संबंधी भारांक यानी वेटेज दिया जाएगा। शिक्षक नियमावली में शिक्षामित्रों से संबंधित संशोधन किए जाएंगे, अक्टूबर में टीईटी होगा और दिसम्बर में भर्ती करने की योजना है। लेकिन शिक्षामित्र 10 हजार रुपये मानदेय पर काम करने को तैयार नहीं है।

*आपत्तियां आने लगी सामने*

यूपी सरकार ने सेवा के 2.5 अंक प्रतिवर्ष और अधिकतम 25 अंक का वेटेज देने का निर्णय लिया है। बीटीसी एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने इसका संज्ञान नहीं लिया तो वे सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे। वहीं टीईटी संघर्ष मोर्चा ने जिलों समेत शासन स्तर पर अपर मुख्य सचिव तक को ज्ञापन सौंपा है कि वे 10 हजार में स्कूलों में पढ़ाने के लिए तैयार हैं। उनकी आपत्ति है कि सरकार सु्प्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं कर रही है। शिक्षामित्र स्कूलों में नहीं जा रहे हैं ऐसे में सरकार उन्हें मौका दे। यदि सरकार ने शिक्षामित्रों को बेजा लाभ देने की कोशिश की तो वे सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।

*शिक्षामित्रों की मांग*

शिक्षामित्र समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित आश्रम पद्धति के स्कूली शिक्षकों की तरह मानदेय की मांग कर रहे हैं कि इन स्कूलों में पढ़ा रहे शिक्षक संविदा पर तैनात हैं और 27 हजार रुपये 11 महीने 29 दिन का मानदेय दिया जाता है। इस तर्ज पर परिषद में भी शिक्षकों के वेतन के समकक्ष उन्हें भी मानदेय दिया जाए। हालांकि समाज कल्याण विभाग में टीईटी पास शिक्षक ही रखे जाते हैं।
आज शासन और शिक्षामित्रों की होगी वार्ता, मीटिंग में तय होगा कि शिक्षामित्र संगठन के प्रस्ताव को सरकार या नियमानुसार कोई अन्य रास्ता

आज उत्तर प्रदेश सरकार में शिक्षामित्रो के सम्बन्ध में एक मीटिंग होने बाली है। इस मीटिंग से यह तय हो जायेगा की शिक्षामित्रो के दो बड़े नेता गाजी इमाम आला और जितेंद्र शाही के प्रस्ताव को सरकार मानती है। यह नियमानुसार कोई अन्य रास्ता निकालती है।

आज की मीटिंग शिक्षामित्र प्रतिनिधि और सरकार के प्रतिनिधि के बीच होनी है। शिक्षामित्रो का भविष्य और दो नेताओ की राजनीत भी तय हो जायेगी। चूँकि भारत सरकार के नियम अनुसार 124000 शिक्षामित्र 2010 से पहले ही पैराटीचर ( अनट्रेंड टीचर ) बना दिये गये थे। और यह सर्व शिक्षा अभियान के अध्यापक कहे जाते है।और इनका पूरा भुगतान भारत सरकार करती है। इस बात का कोई जिक्र कभी शिक्षामित्र नेता नही करते है। इस बात का जिक्र पूर्व राज्य सरकार ने भी कभी नही किया और एक जादुई आंकड़ा 172000 शिक्षामित्र का 2012 में सामने आया। लेकिन सत्य समझे शिक्षामित्र की भर्ती राज्य सरकार की योजना पर 10000 पद पर हुई। फिर इस योजना को भारत सरकार ने सर्व शिक्षा अभियान के नाम से शुरू किया। इस योजना में कुल 160000 पद थे। अगर दोनों का जोड़ करे तब सख्या 170000 होती है। 2011 में बसपा सरकार से रिपोट केन्द्र सरकार ने मांगी राज्य सरकार ने 166000 शिक्षामित्र होने की रिपोर्ट दी। 4000 शिक्षामित्र पद रिक्त बताये जून 2010 में भारत सरकार ने शिक्षामित्र भर्ती पर रोक लगा कर यह योजना बन्द कर दी फिर सख्या कैसे बढ़ सकती है। शिक्षामित्रो के नाम पर बहुत राजनीत होती रही कई शिक्षामित्र नेताओ का जन्म हो गया। राज्य सरकार अब क्या करेगी यह फैसला लेने का समय आ गया।
भारत सरकार से सेवारत ट्रेनिग की अनुमति 124000 की है वेतन 124000 का आता है। फिर अध्यापक बनाने का आदेश 172000 का क्यों किया गया। ट्रेनिग किस की सही है यह तय करने का अधिकार हाईकोर्ट ने NCTE को दिया था क्या हुआ उस आदेश का सुप्रीमकोर्ट ने ट्रेनिग के लिए कह दिया हाईकोर्ट पहले ही आदेश कर चुका है। अभी बहुत से रहस्य छुपे है। जो राज्य सरकार को खोलना पड़ सकते है। लेकिन देखना यह है तीन दिन के धरना प्रदर्शन का राज्य सरकार पर क्या फर्क पड़ा । गाजी इमाम आला और जितेंद्र शाही की मागे मानी जाती है। य नही क्या सरकार अपने अनुसार शिक्षामित्रो का भविष्य तय करेगी। इन सवालो के जबाब कल मिल सकते है।

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