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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

SUPREME COURT, SHIKSHAMITRA : शिक्षा मित्रों की बहाली रद्द, 72 हजार टीचरों की भर्ती के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यूपी में टीईटी और शैक्षणिक योग्यता के आधार पर नियुक्त 66 हजार शिक्षकों की नियुक्ति को हरी झंडी दे दी

SUPREME COURT, SHIKSHAMITRA : शिक्षा मित्रों की बहाली रद्द, 72 हजार टीचरों की भर्ती के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यूपी में टीईटी और शैक्षणिक योग्यता के आधार पर नियुक्त 66 हजार शिक्षकों की नियुक्ति को हरी झंडी दे दी

ये 66 हजार नियुक्तियां सही

नई दिल्ली : 72 हजार टीचरों की भर्ती के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यूपी में टीईटी और शैक्षणिक योग्यता के आधार पर नियुक्त 66 हजार शिक्षकों की नियुक्ति को हरी झंडी दे दी। कोर्ट ने कहा कि इनकी नियुक्ति में हम दखल नहीं दे रहे हैं और इस तरह ये टीचर काम करते रहेंगे। बाकी बची सीटों के लिए यूपी सरकार विज्ञापन देकर भर्ती प्रक्रिया शुरू कर सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट कोर्ट के उस फैसले को खारिज कर दिया जिसमें यूपी के बेसिक एजुकेशन रूल के 15 वें व 16 वें संशोधन को रद्द कर दिया था।

विशेष संवाददाता, नई दिल्ली । शिक्षा मित्रों को सहायक शिक्षक के तौर पर समायोजित करने के खिलाफ आए इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट को कोई गलती नजर नहीं आई। हालांकि शिक्षा मित्रों को यह राहत दी गई कि अगर वह टीईटी (टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट) पास कर गए हों या फिर भविष्य में पास कर जाते हैं, तो राज्य सरकार सहायक टीचर के तौर पर होने वाली दो लगातार नियुक्तिों में इन पर विचार कर सकती है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शिक्षा मित्रों को असिस्टेंट टीचर के तौर पर नियुक्ति के मामले में उम्र और अनुभव के आधार पर कुछ छूट दी जा सकती है। लेकिन उन्हें असिस्टेंट टीचर के तौर पर सीधे रेग्युलर नहीं किया जा सकता था। राज्य सरकार को इस बात का भी अधिकार है कि अगर वह चाहे तो समायोजन से पहले की स्थिति में शिक्षा मित्रों की सेवाएं जारी रख सकती है। कोर्ट ने कहा कि एक तरफ एक लाख 78 हजार शिक्षा मित्रों को रेग्युलर करने का दावा कानून का उल्लंघन करता है, वहीं शिक्षा के अधिकार कानून के तहत 6 से 14 साल के बच्चों के लिए अनिवार्य शिक्षा का सवाल है, ऐसे में शिक्षा मित्रों के अनुभव और उम्र आदि में छूट पर विचार हो सकता है। शिक्षा मित्रों की ओर से पेश वकील आर के सिंह ने बताया कि मामले में शिक्षा मित्रों व यूपी सरकार की ओर से दलील दी गई और इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को रद्द करने की गुहार लगाई गई। शिक्षा मित्रों के वकीलों की दलील थी कि शिक्षामित्र वर्षों से काम कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट मानवीय आधार पर सहायक शिक्षक के तौर पर शिक्षामित्रों के समायोजन को जारी रखे।

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