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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

UNIFORM NIHSHULKA, CM : परिषदीय स्कूलों में बच्चों की यूनीफॉर्म का बदलेगा रंग, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को शास्त्री भवन में शिक्षा से जुड़े विभिन्न विभागों के कामकाज की समीक्षा करते हुए बेसिक से लेकर उच्च शिक्षा में आमूलचूल परिवर्तन की वकालत की।

UNIFORM, CM : परिषदीय स्कूलों में बच्चों की यूनीफॉर्म का बदलेगा रंग, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को शास्त्री भवन में शिक्षा से जुड़े विभिन्न विभागों के कामकाज की समीक्षा करते हुए बेसिक से लेकर उच्च शिक्षा में आमूलचूल परिवर्तन की वकालत की।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को शास्त्री भवन में शिक्षा से जुड़े विभिन्न विभागों के कामकाज की समीक्षा करते हुए बेसिक से लेकर उच्च शिक्षा में आमूलचूल परिवर्तन की वकालत की। वहीं उन्होंने परिषदीय स्कूलों के बच्चों की यूनीफॉर्म का रंग बदले जाने का भी संकेत दिया।

सूत्रों के अनुसार समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि परिषदीय स्कूलों के बच्चे खाकी रंग की मौजूदा यूनीफॉर्म में होमगार्ड जैसे नजर आते हैं। उनके इस कथन का आशय यह निकाला जा रहा है कि वह यूनीफॉर्म के मौजूदा रंग से संतुष्ट नहीं है। लिहाजा नये सत्र में यूनीफॉर्म का रंग बदलेगा। यूनीफॉर्म की गुणवत्ता सुधारने पर भी उनका जोर था। अखिलेश सरकार ने भी सत्ता संभालते ही परिषदीय स्कूलों के बच्चों की यूनीफॉर्म का रंग बदला था। उन्होंने कहा कि परिषदीय स्कूलों में पढ़ाई का तरीका सुधारा जाए जिससे कि पढ़ाई में बच्चों की दिलचस्पी पढ़े, विषयों के बारे में उनकी समझ बढ़े। उन्होंने बच्चों को किताबें व यूनीफॉर्म के साथ जूते व स्वेटर देने और उनके लिए फर्नीचर की व्यवस्था करने के लिए कहा। इस पर आने वाले खर्च का आकलन करने का निर्देश दिया। किताबों व यूनीफॉर्म वितरण में लेटलतीफी पर नाराजगी भी जतायी। मिड-डे मील की गुणवत्ता व निगरानी सुधारने पर भी उनका जोर था। परिषदीय और माध्यमिक विद्यालयों के सत्र पहली अप्रैल से हर हाल में चालू करने के लिए ताकीद किया। बच्चों के व्यक्तित्व विकास पर बल देते हुए उन्होंने स्कूल-कॉलेजों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजनों को बढ़ावा देने के साथ नियमित प्रार्थना सभा कराने का भी निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने परिषदीय स्कूलों में कक्षा-एक से अंग्रेजी और कक्षा तीन से संस्कृत पढ़ाने की हिदायत दी। इस पर जब उन्हें कक्षा एक की अंग्रेजी व कक्षा तीन की संस्कृत की किताबें दिखायी गईं तो उन्होंने कहा कि सिर्फ किताबें मत छपवाइये, उन्हें पढ़ाइये भी। वहीं उनका यह भी निर्देश था कि इंटरमीडिएट तक छात्र-छात्रएं एक विदेशी भाषा भी सीखें। उन्होंने शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने के लिए भी कहा।

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