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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

SCHOOL INSPECTION, EDUCATION QUALITY : सरकारी स्कूलों के शिक्षक अब नहीं मार पाएंगे बंक, देशभर की स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए रियल टाइम मॉनेटरिंग सिस्टम की योजना बना रही

INSPECTION, EDUCATION QUALITY : सरकारी स्कूलों के शिक्षक अब नहीं मार पाएंगे बंक, देशभर की स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए रियल टाइम मॉनेटरिंग सिस्टम की योजना बना रही

नई दिल्ली । देशभर के सरकारी स्कूलों के शिक्षक अब स्कूल से बंक नहीं मार पाएंगे। क्योंकि केंद्र सरकार देशभर की स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए रियल टाइम मॉनेटरिंग सिस्टम की योजना बना रही है। इसमें जहां शिक्षकों के स्कूल आने-जाने की टाइमिंग की जांच होगी। वहीं, शिक्षक ने कक्षा के दौरान कितना पढ़ाया है, छात्र को कितना समझ आया और होमवर्क के आधार पर शिक्षकों का रिपोर्ट कार्ड बनेगा। खास बात है कि छात्रों व अभिभावकों से फीडबैक भी लिया जाएगा।

सूत्रों के मुताबिक,  देशभर से अभिभावकों  ने सरकार को शिकायत दी थी कि नो डिटेंशन पॉलिसी के चलते स्कूली स्तर में शिक्षा की गुणवत्ता में लगातार गिरावट आयी है। फेल न करने की योजना के कारण शिक्षकों ने छात्रों पर ध्यान देना ही बंदकर दिया था। सबसे अधिक दिक्कत विभिन्न प्रदेश बोर्ड के सरकारी स्कूलों में थीं। जहां नो डिटेंशन पॉलिसी की आड़ में शिक्षक स्कूल तो आते थे लेकिन कक्षा में जाकर पढ़ाई नहीं करवा  रहे थे।

इन्हीं शिकायतों के आधार पर अब केंद्र सरकार गुणवत्ता में सुधार के तहत शिक्षकों पर नकेल कसने जा रही है, ताकि उनके  स्कूल आने-जाने से लेकर उन्होंने छात्रों को कक्षा में क्या पढ़ाया, उसकी गुणवत्ता परखी जा सके। इस रियल टाइम मॉनेटरिंग के तहत स्कूल में शिक्षकों की हाजिरी बॉयोमैट्रिक तरीके से होगी। स्कूल प्रिंसिपल को कक्षाओं में जाकर क्रास चैक भी करना होगा।
संबंधित शिक्षा बोर्ड की जांच टीम करेंगी औचक्क निरीक्षण

वहीं, संबंधित शिक्षा बोर्ड की जांच टीम औचक्क निरीक्षण भी करेंगी। शिक्षकों की पढ़ाई से संबंधित फीडबैक छात्र और अभिभावक देंगे, जिसके आधार पर आगे उनका प्रमोशन से लेकर तबादले का रिपोर्ट कार्ड तैयार होगा।

इसके अलावाप्त शिक्षक बनाने की पढ़ाई करवाने वाले कॉलेजों (बीएड कॉलेज) से सरकार एफिडेविट में जानकारी लेगी, वे क्या पढ़ा रहे हैं। वे अपने कोर्स को किस प्रकार से तैयार करवाते हैं। शिक्षक बनने के बाद भी उनकी ट्रेनिंग करवायी जाएगी। पढ़ाने के ढंग पर स्टूडेंट फीडबैक में शिक्षकों की कमियों को दूर करने पर भी काम होगा। समय-समय पर पाठ्यक्रम में भी बदलाव होगा, जिसे विशेषज्ञ तैयार करवाएंगे।

केंद्र सरकार समेत आम लोगों की छह सौ से दिक्कतों को दूर करने के लिए पहली बार ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) स्मॉर्ट इंडिया हैकथॉन 2017 एक व दो अप्रैल आयोजित कर रही है, जिसमें देशभर के इंजीनियरिंग संस्थानों के छात्र देशी तकनीक इजाद करेंगे। इसी हैकथॉन में रियल टाइम मॉनेटरिंग सिस्टम की तकनीक बनायी जाएगी। तकनीक को इजात करने के लिए करीब सौ टीम काम करेंगी, जोकि 36 घंटे लगातार काम करेंगे।

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