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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

MAN KI BAAT : अधिकारियों/शिक्षकों/कर्मचारीयों द्वारा विभागीय पोस्ट/व्यंग्यात्मक भाषा लिखने/पास करने पर भी विभागीय छवि को धूमिल करने के प्रयास मानते हुए..........?

MAN KI BAAT : अधिकारियों/शिक्षकों/कर्मचारीयों द्वारा विभागीय पोस्ट/व्यंग्यात्मक भाषा लिखने/पास करने पर भी विभागीय छवि को धूमिल करने के प्रयास मानते हुए..........?

प्रदेश में माननीय आदित्यनाथ योगी जी की सरकार के गठन के बाद लालफीताशाही अवसाद में नहीं है, पूरी तरह एक्शन में दिखाई दे हैं पर बीते कुछ दिनों में व्हाट्सएप्प, ट्विटर और फेसबुक पर व्यक्तिगत और भड़काऊ पोस्ट लिखने वालों के खिलाफ त्वरित कार्यवाही इसी बात के संकेत दे रहे है। वहीं यह भी देखा जा रहा है कि अधिकारियों/शिक्षकों/कर्मचारीयों द्वारा विभागीय पोस्ट लिखने पर भी विभागीय छवि को धूमिल करने के प्रयास मानते हुए निलम्बन तक की कार्यवाही तय किये गए हैं।

वैसे मूलत: यह पोस्ट विभागीय लेख लिखने वालों को लक्षित (ध्यान) करके लिखी गयी है। समस्त विभागीय सूचनाओं/शासनादेशों/खबरों के आदान-प्रदान और छुट्टी की सूचनाओं के संप्रेषण के लिए व्हाट्स ऐप ग्रुप को अधिकृत करने के लिए नियमावलियों या शासनादेशों में कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं किया गया और न ही वर्तमान में ऐसी सम्भावना दिखाई देती है लेकिन छात्र और शिक्षक उपस्थिति जांचने के लिए, दुग्ध वितरण और फल वितरण की जमीनी हकीकत जानने के लिए सोशल साइट्स/व्हाट्स ऐप का अवैधानिक किन्तु सर्वमान्य प्रयोग कब विभागीय शैली में चिरपरीचित अन्दाज में शामिल हो गया इसका आज तक पता ही नहीं चला पाया परन्तु यह भी उतना ही तथ्यात्मक और सत्य है कि कौन सी पोस्ट अधिकारियों/शिक्षकों/कर्मचारीयों या सामान्य जन के गले का फंदा बन जाय और कौन सी पोस्ट/व्यंग्यात्मक भाषा विभागीय छवि को बिगाड़ दे यह गंभीरता पूर्वक सोच-विचार कर लिखने की जरूरत है।

    क्योंकि यदि बिना विचार किए हुए किसी विषय को लेकर चाहे वह विभागीय हो, राजनीतिक हो, धार्मिक हो, जातिगत हो, वर्ग या समूह या फिर सरकार पर आक्षेपित कोई व्यंग्यात्मक भाषा पास की जाती है तो आपकी जिम्मेदारी तय करते हुए कार्यवाही के अंजाम तक ले जाया जाता है ।

तो यहीं यह भी आपके संज्ञानात्मक पक्ष के पटल पर लाना चाहता हूं कि यह विषय भी उतना ही विचारणीय है कि सोशलसाइट के समूहों में "ब्लैक शीप" को चिन्हित किया जाय। समूह के अराजक तत्व या Main Stream मीडिया से जुड़े व्यक्तियों से जुड़ने से बचा जाए, क्योंकि आप की गोपनीयता भंग होने का खतरा बढ़ता ही जा रहा है ।

    अन्त में एक बात और समूहों का निर्धारण करने से पहले Disclaimer और समूह Charter का विज्ञापन भी जरूरी हो गया है ।

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1 Comments

  1. 📌 MAN KI BAAT : अधिकारियों/शिक्षकों/कर्मचारीयों द्वारा विभागीय पोस्ट/व्यंग्यात्मक भाषा लिखने/पास करने पर भी विभागीय छवि को धूमिल करने के प्रयास मानते हुए..........?
    👉 http://www.basicshikshanews.com/2017/03/man-ki-baat_18.html

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