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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

PROTEST, MANDEYA, SHIKSHAMITRA : मानदेय वृद्धि को गरजे असमायोजित शिक्षामित्र, मांगों पर 24 घंटे के अंदर निर्णय नहीं लिया गया तो भूख हड़ताल और आमरण अनशन को होंगे मजबूर

PROTEST, MANDEYA, SHIKSHAMITRA : मानदेय वृद्धि को गरजे असमायोजित शिक्षामित्र, मांगों पर 24 घंटे के अंदर निर्णय नहीं लिया गया तो भूख हड़ताल और आमरण अनशन को होंगे मजबूर
   
इलाहाबाद वरिष्ठ संवाददाता : मानदेय वृद्धि करने समेत अन्य मांगों को लेकर असमायोजित शिक्षामित्रों ने मंगलवार को शिक्षा निदेशालय में सचिव बेसिक शिक्षा परिषद कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे शिक्षामित्रों ने चेतावनी दी कि उनकी मांगों पर 24 घंटे के अंदर निर्णय नहीं लिया गया तो भूख हड़ताल और आमरण अनशन को मजबूर होंगे।

शिक्षामित्रों ने असमायोजित साथियों का सामूहिक बीमा करवाने और मृतक के परिजनों राजकीय कोष से आर्थिक सहयोग प्रदान करने की भी मांग की। वक्ताओं का कहना था कि प्राइमरी स्कूलों में पढ़ाने के अलावा बाल गणना, जनगणना, पल्स पोलियो, निर्वाचन आदि में पूरे मनोयोग से काम करने वाले तकरीबन 30 हजार असमायोजित शिक्षामित्र 3500 रुपए मानदेय दिया जा रहा है।

कम मानदेय के कारण ये शिक्षामित्र न तो मां-पिता की समुचित देखभाल कर पा रहे और न ही बच्चों को पढ़ा पा रहे हैं। समायोजन का मुद्दा न्यायालय में लंबित होने के बावजूद वेतनवृद्धि एवं समस्त लाभ देने में कोई अड़चन नहीं है। मुख्यमंत्री ने 26 सितंबर, तीन व 16 अक्तूर को जल्द मानदेय वृद्धि का आश्वासन दिया था। लेकिन आज तक मानदेय वृद्धि का आदेश जारी नहीं हो सका। प्रदर्शन करने वालों में जिलाध्यक्ष वसीम अहमद, सुरेन्द्र पांडेय, मुकेश पटेल, आनन्द तिवारी, अरुण पटेल, सुनील तिवारी, विनय सिंह आदि शामिल थे।



समायोजन नहीं तो सम्मानजनक मिले भुगतान

राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में तैनात 32 हजार शिक्षामित्र समायोजन न होने पर अब सम्मानजनक भुगतान की मांग पर अड़ गए हैं। लगभग सभी जिलों में शिक्षामित्रों ने कार्यबहिष्कार करके बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया है। उनका कहना है कि सूबे में शिक्षामित्र साथी अनशन कर रहे हैं और उनका संज्ञान तक नहीं लिया जा रहा है।

प्रदेश के बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 32 हजार शिक्षामित्रों का समायोजन सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। महंगाई के युग में प्रशिक्षित होकर भी उन्हें 3500 रुपये प्रतिमाह के मानदेय पर कार्य करना पड़ रहा है। इसके लिए दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार यादव ने कई बार मुख्यमंत्री से मांग की है, लेकिन समायोजन न होने तक उनका मानदेय बढ़ाने की अनसुनी हुई। अनिल ने कहा कि समायोजन न होना समझ में आता है, लेकिन मानदेय बढ़ाने में कोई दिक्कत नहीं है, फिर भी उस पर गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है। विधानसभा चुनाव से पहले शिक्षामित्र अपना हक लेकर रहेंगे। बलिया, बनारस, इलाहाबाद, कानपुर देहात, लखनऊ, सीतापुर, सहारनपुर, बुलंदशहर सहित कई जिलों में अवशेष शिक्षामित्र मानदेय बढ़ाने के लिए तीन दिन से अनशन कर रहे हैं।

संघ के आवाहन पर मंगलवार को प्रदेश के सभी समायोजित एवं असमायोजित शिक्षामित्रों ने अवशेष शिक्षामित्रों के मानदेय वृद्धि के समर्थन में जिला मुख्यालयों एवं ब्लाक कार्यालयों पर प्रदर्शन किया है। संघ का कहना है कि न्याय मिलने तक आंदोलन जारी रहेगा। भीषण ठंड में कुछ भी गड़बड़ी होने पर सरकार जिम्मेदार होगी।

समायोजित शिक्षकों का डाटाबेस बनाने में आनाकानी :प्रदेश के बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में तैनात शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक पद पर काफी पहले ही समायोजित किया जा चुका है। उनका डाटा बेस तैयार करने के लिए शिक्षक का नाम, तैनाती वाले विद्यालय का नाम एवं मोबाइल नंबर आदि पहले ही सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों से मांगा जा चुका है, लेकिन प्रदेश के 45 जिलों ने यह डाटा उपलब्ध नहीं कराया है। शिक्षा निदेशक बेसिक दिनेश बाबू शर्मा ने इस कार्यशैली पर गंभीर आपत्ति जताई है।


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  1. 📌 PROTEST, MANDEYA, SHIKSHAMITRA : मानदेय वृद्धि को गरजे असमायोजित शिक्षामित्र, मांगों पर 24 घंटे के अंदर निर्णय नहीं लिया गया तो भूख हड़ताल और आमरण अनशन को होंगे मजबूर
    👉 http://www.basicshikshanews.com/2016/12/protest-mandeya-shikshamitra-24.html

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