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SUPREME COURT, SCHOOL : इलाहाबाद के बेसिक स्कूलों की कमियां 4 हफ्ते में सुधारें, सुप्रीमकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को लगाई फटकार

SUPREME COURT : इलाहाबाद के बेसिक स्कूलों की कमियां 4 हफ्ते में सुधारें, सुप्रीमकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को लगाई फटकार

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली : प्राथमिक और मिडिल स्कूलों की खराब स्थिति पर सोमवार को सुप्रीमकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा कि अगर वह स्कूल दुरुस्त नहीं कर सकती तो ये खराब शासन का संकेत है। कोर्ट ने इसके साथ ही राज्य सरकार को चार सप्ताह में इलाहाबाद के स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं जैसे बिजली, पानी, शौचालय और सफाई आदि की कमी दूर करने का आदेश दिया है।

ये आदेश न्यायमूर्ति दीपक मिश्र की अध्यक्षता वाली पीठ ने गैर सरकारी संगठन हरिजन महिला की ओर से दाखिल अवमानना याचिका पर सुनवाई के बाद जारी किये। पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने प्रदेश में प्राथमिक और मिडिल स्कूलों की जमीनी हकीकत खंगालने के लिए तीन वकीलों की एक कमेटी बनाई थी जिसे मौके का मुआयना करके रिपोर्ट सौपनी थी। कोर्ट ने सबसे पहले इलाहाबाद के बारे में रिपोर्ट मांगी थी।

कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट को सौंपी रिपोर्ट, टाट बोरे पर क्यों बैठते हैं बच्चे

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट कमेटी ने इलाहाबाद के स्कूलों का दौरा कर दाखिल अपनी रिपोर्ट में कहा है कि दो दिन 24 और 25 नवंबर को उन्होंने कुल 35 स्कूलों का दौरा किया। इन स्कूलों में ग्रामीण, शहरी और अर्धशहरी स्कूल थे। कमेटी ने कहा कि अर्ध शहरी स्कूलों के पड़ोस मे बिजली होने के बावजूद ज्यादातर स्कूलों में बिजली कनेक्शन नहीं हैं। जबकि ये स्कूल इलाहाबाद शहर से महज 15 - 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं।

 शहरी, अर्ध शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में पाइप से पानी सप्लाई का कोई कनेक्शन नहीं है। स्कूलों में पीने के पानी का एकमात्र जरिया हैंडपंप हैं। लेकिन वो भी बहुत बार खराब रहते है और उन्हे जल्दी ठीक कराने का कोई तंत्र नहीं है। अर्ध शहरी और ग्रामीण इलाकों के स्कूल साफ सफाई के लिए पूरी तरह ग्राम प्रधान की ओर से स्टाफ मुहैया कराने पर निर्भर हैं। यहां तक कि शौचालय की सफाई भी। सफाई स्टाफ स्कूलों में सफाई के लिए रोजाना नहीं आता। ऐसे मे प्रधानाचार्य अपने पैसे पर शौचालय व स्कूल की प्राइवेट स्टाफ से सफाई कराते हैं। यहां तक कि सफाई के लिए फिनायल और हारपिक आदि भी वे स्वयं के पैसे से मंगाते हैं। स्कूलों में लड़के और लड़कियों के शौचालय पर्याप्त नहीं हैं। कुछ स्कूलों में गंदगी के कारण शौचालय प्रयोग करने लायक नहीं हैं। ज्यादातर स्कूलों में नये शौचालय बनवाये जाने की जरूरत है। अधिकतर जगह शौचालय बनवाने के लिए स्कूलों में जगह है।

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  1. 📌 SUPREME COURT, SCHOOL : इलाहाबाद के बेसिक स्कूलों की कमियां 4 हफ्ते में सुधारें, सुप्रीमकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को लगाई फटकार
    👉 http://www.basicshikshanews.com/2016/11/supreme-court-school-4.html

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