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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

INSPECTION : सुप्रीम कोर्ट की टीम ने देखी प्राइमरी स्कूलों की बदहाली, जांच के मद्देनजर स्कूल गुरुवार को तीन की बजाय चार बजे तक खुले रहे।

INSPECTION : सुप्रीम कोर्ट की टीम ने देखी प्राइमरी स्कूलों की बदहाली, जांच के मद्देनजर स्कूल गुरुवार को तीन की बजाय चार बजे तक खुले रहे।

इलाहाबाद । सरकारी स्कूलों में आधारभूत सुविधाओं की जायजा लेने आई सुप्रीम कोर्ट की दो सदस्यीय टीम ने पहले दिन बहादुरपुर, चाका और जसरा ब्लाकों के कुल 14 स्कूलों की पड़ताल की। वैसे तो टीम के सदस्यों अशोक गुप्ता और गौरव अग्रवाल ने अधिकारिक रूप से कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। लेकिन सूत्रों की मानें तो टीम स्कूलों की व्यवस्था से बहुत संतुष्ट नहीं है। स्कूलों में साफ-सफाई, पेयजल, बाउंड्रीवाल और पहुंचमार्ग के मुद्दे पर टीम के सदस्य सख्त नजर आए।

सुप्रीम कोर्ट के दोनों अधिवक्ता सबसे पहले बहादुरपुर ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय भागीपुर गए। इसके बाद इसी ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय अंदावा और फिर चाका की ओर रुख किया। हेडमास्टरों से पूछताछ में पता चला कि शौचालय और स्कूल की साफ-सफाई स्थानीय सफाईकर्मियों के जिम्मे है। हालांकि अधिकतर हेडमास्टरों को अपनी जेब से पैसा खर्च कर सफाई करवानी पड़ती है।

इस पर टीम का मानना था कि हेडमास्टरों को प्रतिमाह 1000 से 1500 रुपए तक साफ-सफाई के लिए मिलना चाहिए। इस पैसे के खर्च का पूरा अधिकार हेडमास्टरों के विवेकाधीन हो। ऐसा प्रयोग आन्ध्र प्रदेश में हुआ और सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं। अधिकतर स्कूलों में हैंडपंप मिले जबकि टीम का मानना था कि रनिंग वाटर का इंतजाम होना चाहिए। नलकूप से सप्लाई होनी चाहिए और स्टोरेज के लिए ढकी हुई टंकी रखी जाए।

हर स्कूल में बाउंड्रीवाल और समुचित पहुंचमार्ग का बंदोबस्त होना चाहिए। यह टीम अपनी संस्तुति सुप्रीम कोर्ट के जरिए केन्द्र सरकार को देगी। टीम के साथ मंडलीय सहायक बेसिक शिक्षा निदेशक रमेश कुमार तिवारी, बेसिक शिक्षा अधिकारी हरिकेश यादव रहे।
अपनी मर्जी से किया दौरा, फिर भी हकीकत से दूर
इलाहाबाद। सुप्रीम कोर्ट की टीम ने बेसिक शिक्षा विभाग से मिले रूट चार्ट की बजाय अपनी मर्जी से स्कूलों का दौरा किया। टीम ने बहादुरपुर के पांच, चाका के दो और जसरा के सात स्कूलों का दौरा किया। लेकिन इसके बावजूद अफसर जमीनी हकीकत को छिपाने में कामयाब रहे। इलाहाबाद शहर में ही किराए के भवन में चल रहे डेढ़ दर्जन स्कूलों में शौचालय के इंतजाम नहीं है।

प्रतापगढ़, फतेहपुर और इलाहाबाद के कुछ स्कूलों में शौचालय के समुचित इंतजाम नहीं होने पर सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दाखिल हुई थी। इस पर राज्य सरकार ने हलफनामा दिया था कि सभी स्कूलों में बालक और बालिका के लिए अलग-अलग शौचालय की व्यवस्था है। इसी की जांच के लिए शीर्ष अदालत ने दो सदस्यों को भेजा है। यह टीम शुक्रवार को भी स्कूलों का जायजा लेगी।

तीन की जगह चार बजे तक खुले रहे स्कूल

इलाहाबाद। जांच के मद्देनजर स्कूल गुरुवार को तीन की बजाय चार बजे तक खुले रहे। बीएसए हरिकेश यादव ने सभी हेडमास्टरों को सूचना भिजवा दी थी कि तीन बजे छुट्टी होने पर बच्चों को भेज दिया जाए लेकिन शिक्षक चार बजे तक रुकेंगे। टीम ने सुबह 10 बजे दौरा शुरू किया और पौने तीन बजे तक पड़ताल की।

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1 Comments

  1. 📌 INSPECTION : सुप्रीम कोर्ट की टीम ने देखी प्राइमरी स्कूलों की बदहाली, जांच के मद्देनजर स्कूल गुरुवार को तीन की बजाय चार बजे तक खुले रहे।
    👉 http://www.basicshikshanews.com/2016/11/inspection.html

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