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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

ALLAHABAD HIGHCOURT, SHIKSHAK BHARTI : यूपी के 80 हजार शिक्षकों को हाईकोर्ट से फिलहाल राहत, हाईकोर्ट ने यथास्थिति बरकरार रखने का निर्देश देते हुए सहायक अध्यापकों की नियुक्ति में टीईटी प्राप्तांक को वरीयता देने का मामला सर्वोच्च न्यायालय रेफर कर दिया

ALLAHABAD HIGHCOURT, SHIKSHAK BHARTI : यूपी के 80 हजार शिक्षकों को हाईकोर्ट से फिलहाल राहत, हाईकोर्ट ने यथास्थिति बरकरार रखने का निर्देश देते हुए सहायक अध्यापकों की नियुक्ति में टीईटी प्राप्तांक को वरीयता देने का मामला सर्वोच्च न्यायालय रेफर कर दिया

इलाहाबाद। शैक्षणिक गुणांक के आधार पर नियुक्ति पाने वाले गणित- विज्ञान सहित लगभग 80 हजार सहायक अध्यापकों को इलाहाबाद हाईकोर्ट से फिलहाल राहत मिल गई है। हाईकोर्ट ने यथास्थिति बरकरार रखने का निर्देश देते हुए सहायक अध्यापकों की नियुक्ति में टीईटी प्राप्तांक को वरीयता देने का मामला सर्वोच्च न्यायालय रेफर कर दिया है।

यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति डीबी भोसले एवं न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की खंडपीठ ने दिया। खंडपीठ ने प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापकों की नियुक्ति में टीईटी प्राप्तांक को वरीयता देने और बेसिक शिक्षा सेवा नियमावली में हुए 16वें संशोधन को चुनौती देने वाले मामले पर यथास्थिति कायम रखने का आदेश दिया। साथ ही सुप्रीम कोर्ट में भी यही मामला लंबित होने के कारण विरोधाभाषी निर्णय से बचने के लिए मामला सुप्रीम कोर्ट संदर्भित कर दिया।

याचियों की ओर से कहा गया कि बेसिक शिक्षा सेवा नियमावली में 15वां संशोधन कर शैक्षणिक गुणांक के आधार पर नियुक्ति का नियम बनाया गया। हाईकोर्ट ने 15वां व 16वां संशोधन रद्द कर दिया। पूर्ण पीठ ने भी नियुक्ति में टीईटी प्राप्तांक को वरीयता देने का फैसला सुनाया है। चयनित अभ्यर्थियों को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली। इसके बावजूद प्रदेश में रद्द नियमावली पर गणित एवं विज्ञान की 29334 एवं 15000 सहित हजारों सहायक अध्यापकों की भर्ती कर ली गई,जो अवैधानिक है। दूसरे पक्ष की ओर से कहा गया कि न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल के फैसले में टीईटी वेटेज के आधार पर चयन सूची को नए सिरे से तैयार करने के लिए कहा था। यह आदेश अब तक कायम है। इस मामले में टीईटी वेटेज वालों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक खरे, अधिवक्ता प्रभाकर अवस्थी, विनय कुमार श्रीवास्तव व नवीन शर्मा चयनितों के लिए अनूप त्रिवेदी, शैलेंद्र, सीमांत सिंह व विभू राय ने तर्क प्रस्तुत किए।

79 हजार प्राथमिक शिक्षकों को राहत, टीईटी वेटेज का मामला सुप्रीम कोर्ट रिफर, सुप्रीम कोर्ट में पहले से ही लंबित है प्रकरण

विधि संवाददाता, इलाहाबाद : शैक्षणिक गुणांक के आधार पर नियुक्त किए गए प्रदेश के 79 हजार प्राथमिक शिक्षकों को फिलहाल राहत मिल गई है। हाईकोर्ट ने उनकी नियुक्ति में एनसीटीई की गाइडलाइन को नजरअंदाज करने के खिलाफ दाखिल याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट भेज दिया है। सुप्रीम कोर्ट में यह प्रकरण पहले से लंबित है। कोर्ट ने इस मामले में यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश दिया है।

राज्य सरकार ने बेसिक शिक्षा नियमावली में संशोधन करके शैक्षणिक गुणांक के आधार पर कई चरणों में लगभग 79 हजार नियुक्तियां की हैं। इनमें उर्दू शिक्षक भी शामिल हैं। इसको इलाहाबाद हाईकोर्ट में दायर 36 याचिकाओं के जरिए चुनौती दी गई थी। याचिकाओं में आधार लिया गया है कि 15वां 16वां संशोधन हाईकोर्ट द्वारा रद किया जा चुका है। चयनित अध्यापकों की ओर से अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी, सीमांत सिंह, विभू राय ने एनसीटीई के नियम 9बी की वैधता को भी चुनौती दी।

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  1. 📌 ALLAHABAD HIGHCOURT, SHIKSHAK BHARTI : यूपी के 80 हजार शिक्षकों को हाईकोर्ट से फिलहाल राहत, हाईकोर्ट ने यथास्थिति बरकरार रखने का निर्देश देते हुए सहायक अध्यापकों की नियुक्ति में टीईटी प्राप्तांक को वरीयता देने का मामला सर्वोच्च न्यायालय रेफर कर दिया
    👉 http://www.basicshikshanews.com/2016/11/allahabad-highcourt-shikshak-bharti-80.html

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