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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

MAN KI BAAT : बिना किताब के पढ़ाई के परीक्षा! यह सुनने में भले ही अटपटा लगता हो लेकिन शिक्षा विभाग वर्तमान समय में परिषदीय विद्यालयों के बच्चे को बगैर किताबें वितरित किये ही सील्ड पैकेट प्रश्न पत्रों के माध्यम से अर्धवार्षिक परीक्षा...........

MAN KI BAAT : बिना किताब के पढ़ाई के परीक्षा! यह सुनने में भले ही अटपटा लगता हो लेकिन शिक्षा विभाग वर्तमान समय में परिषदीय विद्यालयों के बच्चे को बगैर किताबें वितरित किये ही सील्ड पैकेट प्रश्न पत्रों के माध्यम से अर्धवार्षिक परीक्षा...........

बिना पढ़ाई के परीक्षा! यह सुनने मे भले ही अटपटा लगता हो लेकिन शिक्षा विभाग वर्तमान समय मे प्रशदीय विद्यालयों के बच्चे को बगैर किताबें वितरित किये ही सील्ड पैकेट प्रश्न पत्रों के माध्यम से अर्धवार्षिक परीक्षा करा रहा है। बच्चों को बिना पढ़ाए ही प्रष्नों को हल करा लेना षिक्षा विभाग के लिए किसी चमत्कार से कम नही है।

गौरतलब हो कि बेसिक षिक्षा विभाग बीते दो वर्षो से निजी विद्यालयो की तर्ज पर शिक्षा सत्र की शुरुवात जुलाई के बजाए 1 अप्रैल से कर रखा है और स्कूल चलो अभियान सहित बच्चो के नामांकन की प्रक्रिया अप्रैल से ही षुरु हो जाती है।

परिषदीय विद्यालयो मे पढ़ने वाले कक्षा 1 एक से लेकर कक्षा 8 तक बच्चो को विभाग से ही निशुल्क पुस्तके उपलब्ध करायी जाती है। नये शिक्षा सत्र के 6 माह बीत जाने के बाद भी बच्चे को अभी तक आधे विषयों की किताबें वितरित नहीं की गयी हैं हद तो यह हो गयी है कि कक्षा 5 के बच्चों को अभी तक एक भी विषय की किताबें उपलब्ध नहीं करायी गयी है और बच्चों से बोर्ड परीक्षा की तरह से सील्ड पैकेट प्रश्नात्रों के माध्यम से परीक्षा कराकर बच्चो की उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन एनपीआरसी स्तर पर करवाने का आदेश दिया गया है।

बेसिक शिक्षा विभाग की अर्धवाषिक परीक्षाएं 18 अक्टूबर से चालू हो गयी है जो 25 अक्टूबर तक चलेगी परीक्षा मे इस बार काफी फेर बदल किया गया है। विभाग द्वारा खण्डशिक्षा अधिकारी कार्यालय को मिले सील्ड पैकेट प्रश्नपत्रों को स्कीम के अनुसार परीक्षा षुरु होने से एक घण्टे पहले विद्यालय पहुंचने की हिदायत दी गयी है। विद्यालयों तक प्रश्न पत्र पहुंचाने की जिम्मेदारी एनपीआरसी को दी गयी है।

पुस्तक वितरण पर गौर करे तो अभी तक मात्र कक्षा 1 व कक्षा 2 के ही छात्रों को पूरी किताबें मिल पायी है जिसमे कक्षा 1 मे कलरव व कक्ष 2 मे कलरव व गिनतारा किताबें चलती है। कक्षा 3, 4, 5 में कलरव, गिनतारा, रैनबो, हमारा परिवेश, विज्ञान, संस्कृत, उर्दू, कला जैसे विषय पढाए जाते है जिनमें अभी तक कक्षा तीन के बच्चो को गिनतारा व रैनबो की पुस्तके वितरित हुई है और कक्ष 4 के बच्चो को रैनबो व संस्कृत की पियूषम की किताबे वितरित की गयी है। और कक्षा 5 के बच्चों को षिक्षा सत्र का आधा समय बीतने के बाद भी अभी तक कोई पुस्तक का वितरण नही किया गया है।

जूनियर स्तर मे कक्षा 6,7,8 के बच्चो के लिए मंजरी, गणित, अंग्रेजी, सामाजिक विज्ञान, पृवी हमारा जीवन ,वर्तिका, उर्दू,महान, व्यक्तित्व, कृषि, गृह षिल्प जैसे विषय पढाए जाते है परन्तु बच्चो को अभी तक आधे विषयो तक की किताबे नही दी गयी है। बिना पढे प्रश्नपत्रों को हल कर लेना बच्चो के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है और शिक्षा विभाग बच्चो से नकल विहीन परीक्षा करा लेने का दंभ भर रहा है।

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  1. 📌 MAN KI BAAT : बिना किताब के पढ़ाई के परीक्षा! यह सुनने में भले ही अटपटा लगता हो लेकिन शिक्षा विभाग वर्तमान समय में परिषदीय विद्यालयों के बच्चे को बगैर किताबें वितरित किये ही सील्ड पैकेट प्रश्न पत्रों के माध्यम से अर्धवार्षिक परीक्षा...........
    👉 http://www.basicshikshanews.com/2016/10/man-ki-baat_47.html

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