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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

MAN KI BAAT : प्रदेश के 21 लाख राज्य कर्मचारियों को दीपावली के पूर्व वेतन देने की घोषणा सराहनीय है, कर्मचारियों के साथ ही तय तारीख से चार दिन पहले शिक्षकों को उनका वेतन......

MAN KI BAAT : प्रदेश के 21 लाख राज्य कर्मचारियों को दीपावली के पूर्व वेतन देने की घोषणा सराहनीय है, कर्मचारियों के साथ ही तय तारीख से चार दिन पहले शिक्षकों को उनका वेतन......

प्रदेश के 21 लाख राज्य कर्मचारियों को दीपावली के पूर्व वेतन देने की घोषणा सराहनीय है। कर्मचारियों के साथ ही तय तारीख से चार दिन पहले शिक्षकों को उनका वेतन मिलेगा और पेंशनधारकों को उनकी पेंशन। पंचपर्व मनाने का आनंद तभी है जब हाथ में पैसा हो और लाखों परिवारों की यह इच्छा सरकार ने पूरी कर दी। इस खुशखबरी का, लेकिन एक और पहलू भी है।

सरकार ने नियमित वेतन पाने वालों की चिंता तो कर ली, लेकिन सरकारी तंत्र की लूट और उपेक्षा की ही वजह से घाटे में डूबे निगमों के वंचित कर्मचारियों और उनके परिवारों की रत्ती भर परवाह नहीं की। कल्याण निगम, जल निगम, दुग्ध परिषद व अल्पसंख्यक वित्त विकास निगम आदि के हजारों कर्मचारियों को महीनों से वेतन नहीं मिला है। कल्याण निगम के कुछ फैमिली बाजारों में तो कर्मचारियों को 18 महीने से वेतन नहीं मिल पाया है। इन लोगों के लिए क्या होली और क्या दीपावली। जिन्हें रोटी के लाले पड़े हों, उनके लिए त्योहार फिर बहुत मायने नहीं रखते। कल्याण निगम जैसे संस्थान भी हैं जहां छठा वेतनमान सिर्फ कहने भर को लागू है।

कर्मचारियों ने स्वैच्छिक सेवानिवृति चाही तो इस निमित्त 52 करोड़ रुपये का प्रस्ताव बोर्ड से तो पास हो गया, लेकिन शासन में फंस गया। इसी वित्तीय वर्ष में सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पेंशन देने के लिए भी 23 करोड़ रुपये का प्रस्ताव शासन में अटका पड़ा है। अल्पसंख्यक वित्त विकास निगम है जहां अभी तक चौथा ही वेतनमान लागू है लेकिन वह भी नहीं मिल रहा। यहां के कर्मचारियों को अभी अगस्त और सितंबर का ही वेतन नहीं मिल पाया है। जल निगम है जहां चार महीनों से वेतन के लाले हैं। इसी तरह उत्तर प्रदेश दुग्ध परिषद भी है जिसके कर्मचारी छह महीने से वेतन के लिए तरस रहे हैं।

दूसरी तरफ कर्मचारियों की रहनुमाई का दावा करने वाले और निगम कर्मचारियों को आश्वासनों के सहारे चला कर अपनी राजनीति चमकाने वाले कर्मचारी नेता उदासीन हैं। बजाए इसके कि वे कर्मचारियों के लिए सरकार से लड़ते, वे अपनी कुर्सी के लिए लड़ रहे हैं। सरकार पर दबाव डालकर सौतेले व्यवहार के शिकार निगम कर्मचारियों का उद्धार करने की बजाए कर्मचारी नेता बैठकें, सेमिनार और हड़ताल एक-दूसरे को ताकत दिखाने के लिए कर रहे हैं। अब भी इतना समय है कि राज्य सरकार निगमों के कर्मचारियों को एक महीने का वेतन देकर उन्हें भी पर्व की खुशी दे सकती है।
-दैनिक जागरण सम्पादकी़य पृष्ठ

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  1. 📌 MAN KI BAAT : प्रदेश के 21 लाख राज्य कर्मचारियों को दीपावली के पूर्व वेतन देने की घोषणा सराहनीय है, कर्मचारियों के साथ ही तय तारीख से चार दिन पहले शिक्षकों को उनका वेतन......
    👉 http://www.basicshikshanews.com/2016/10/man-ki-baat-21.html

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