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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

मन की बात : स्कूलों में सुरक्षा प्रबंध, यह बात दीगर है कि मानव संसाधन विकास मंत्रलय ने पेशावर की घटना के बाद स्कूलों में सुरक्षा के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर के तहत गाइड लाइन जारी की थी, लेकिन हकीकत में ज्यादातर स्कूलों में ऐसी सुरक्षा व्यवस्था............

मन की बात : स्कूलों में सुरक्षा प्रबंध, यह बात दीगर है कि मानव संसाधन विकास मंत्रलय ने पेशावर की घटना के बाद स्कूलों में सुरक्षा के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर के तहत गाइड लाइन जारी की थी, लेकिन हकीकत में ज्यादातर स्कूलों में ऐसी सुरक्षा व्यवस्था............

सुरक्षा एजेंसियों द्वारा राजधानी के एक प्रतिष्ठित स्कूल में आतंकी वारदात का अलर्ट जारी करने के बाद लोगों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ी है। दिसंबर 2014 में पाकिस्तान के पेशावर स्थित आर्मी पब्लिक स्कूल में जिस तरह ताबड़तोड़ गोलियां बरसा कर आतंकियों ने 132 बच्चों को मौत के घाट उतार दिया था, उससे उनकी बर्बरता का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। मारे गए सभी बच्चे आठ से अठारह साल के थे। सुरक्षा एंजेंसियों द्वारा अलर्ट जारी करने के पश्चात हमें अपनी सुरक्षा तैयारियों में कोई कोताही नहीं बरतनी चाहिए।

यह बात दीगर है कि मानव संसाधन विकास मंत्रलय ने पेशावर की घटना के बाद स्कूलों में सुरक्षा के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर के तहत गाइड लाइन जारी की थी, लेकिन हकीकत में ज्यादातर स्कूलों में ऐसी सुरक्षा व्यवस्था नहीं है कि किसी बड़ी वारदात को रोका जा सके। गाइड लाइन या कानून बनाने से कोई भला होने वाला भी नहीं। वास्तव में इसके लिए स्कूलों और अभिभावकों को जागरूक होना पड़ेगा। स्कूल अपनी जिम्मेदारी समङों और आवश्यक सुरक्षा प्रबंध करें। वहीं अभिभावक भी स्कूलों पर दबाव बनाएं, जिससे वह चुस्त सुरक्षा प्रबंध के लिए मजबूर हों।

पुलिस को भी अपने क्षेत्र के स्कूलों का ब्यौरा रखना चाहिए। मानव संसाधन विकास मंत्रलय ने विद्यालयों को सुझाव दिया है कि वह अपने यहां ऊंची बाउंड्री रखें और कम से कम तीन चार गेट बनाएं। प्रत्येक गेट पर न्यूनतम तीन सुरक्षा गार्ड ड्यूटी करें। साथ ही स्कूल में विभिन्न स्थानों पर पुलिस कंट्रोल रूम व थाने के फोन नंबर चस्पा किए जाएं। विद्यालय प्राचार्य, शिक्षक, छात्र, कर्मचारी व सुरक्षा गार्ड पुलिस के संपर्क में रहें। स्कूलों के कार्ड रूम में एक फोन अनिवार्य रूप से रखने के निर्देश भी हैं, ताकि कोई घटना होने पर पुलिस को तत्काल सूचना पहुंचाई जा सके। विद्यालयों के प्रबंधकों को प्रमुख स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे भी लगाने चाहिए। सभी कक्षाओं में सेंट्रल एनाउंसमेंट सिस्टम होना चाहिए, ताकि किसी भी संकट के समय बच्चों व अन्य लोगों को आगाह किया जा सके।

हमारे सैनिक और सुरक्षा तंत्र दिन-रात जान जोखिम में डालकर देश की सुरक्षा की चिंता करते हैं, लेकिन जब तक हम सब खुद अपनी सुरक्षा के लिए सतर्क नहीं होंगे तब तक बात नहीं बनेगी। इसलिए जरूरी है कि हम सुरक्षा के प्रति संजीदा हों और इस दिशा में सतत जागरूकता बरतें।
    साभार : दैनिक जागरण सम्पादकीय पृष्ठ

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  1. 📌 मन की बात : स्कूलों में सुरक्षा प्रबंध, यह बात दीगर है कि मानव संसाधन विकास मंत्रलय ने पेशावर की घटना के बाद स्कूलों में सुरक्षा के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर के तहत गाइड लाइन जारी की थी, लेकिन हकीकत में ज्यादातर स्कूलों में ऐसी सुरक्षा व्यवस्था............
    👉 http://www.basicshikshanews.com/2016/06/blog-post_763.html

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