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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

अनदेखी से बाहर हुआ बीटीसी 2013 बैच : 28 मार्च 2014 से शुरू हुआ प्रशिक्षण 28 मार्च 2016 को समाप्त, सात मई को चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षा पूरी, परिणाम अभी घोषित नहीं

अनदेखी से बाहर हुआ बीटीसी 2013 बैच : 28 मार्च 2014 से शुरू हुआ प्रशिक्षण 28 मार्च 2016 को समाप्त, सात मई को चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षा पूरी, परिणाम अभी घोषित नहीं

राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती को लेकर शुरू हुआ घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले साल 15 हजार शिक्षकों की भर्ती में शामिल होने के लिए जो जतन बीटीसी 2012 बैच के युवाओं ने किए, कमोवेश वैसे ही हालात 16448 शिक्षकों की भर्ती में बीटीसी 2013 बैच के हैं। दोनों में अंतर सिर्फ इतना है कि इस बार शासन ने न्यायालय के आदेश का हवाला देकर शासनादेश जारी होने की तारीख तक अर्ह युवाओं को शामिल होने के लिए कहा है, जबकि पिछली बार आवेदन की अंतिम तारीख तक अर्ह हुए युवाओं ने दावेदारी कर दी थी।

बीटीसी प्रशिक्षण पा चुके युवाओं के शिक्षक भर्ती में शामिल न होने की प्रमुख वजह अफसरों की मनमानी कार्यशैली एवं अनदेखी है। खास बात यह है कि प्रदेश में बीटीसी सत्र लेट होने की शुरुआत 2013 बैच से ही हुई थी, लिहाजा उसके युवाओं को मौका गंवाने की कीमत भी चुकानी पड़ी है।

असल में प्रदेश सरकार के निर्देश पर सूबे में निजी कालेजों को बड़े पैमाने पर संबद्धता बांटी गई थी, उनकी सीटें भरने के लिए कई बार काउंसिलिंग कराई गई। इसीलिए सत्र शुरू होने में काफी देरी हुई। इसका असर आगे के सत्रों में भी हुआ है और अब तक गाड़ी पटरी पर नहीं आ सकी है। लेटलतीफी का प्रकरण सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में आने पर बीटीसी सत्र नियमित करने की रूपरेखा तय हुई है। 2014 का सत्र शीर्ष कोर्ट के निर्देश पर सितंबर 2015 में शुरू हुआ और अब बीटीसी 2015 सत्र भी उसी की गाइड लाइन पर शुरू होना है।

सत्र नियमित करने का जिम्मा शीर्ष कोर्ट ने जिन्हें दिया गया है वह महकमा परिणाम आदि जारी करने को लेकर सतर्क नहीं रहा। इसीलिए बीटीसी 2013 सत्र 28 मार्च 2014 से शुरू होकर 28 मार्च 2016 को प्रशिक्षण पूरा हो गया, यही नहीं सात मई तक चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षा भी करा ली गई, लेकिन परिणाम अब तक लंबित है। रिजल्ट न जारी हो पाने से हजारों अभ्यर्थी शिक्षक भर्ती से बाहर हो गए। वह अब शासन व बेसिक शिक्षा परिषद के अफसरों का घेराव करके भर्ती में शामिल करने की मांग कर रहे हैं।

युवाओं का दर्द भी लाजिमी है उनका कहना है कि जब प्रशिक्षण पूरा हो चुका है और परिणाम नहीं निकला है तो उसमें उनकी गलती क्या है? अब बीटीसी 2013 बैच के युवा परीक्षा नियामक प्राधिकारी के यहां बेमियादी अनशन शुरू करने जा रहे हैं, सोमवार से शुरू होकर यह तब तक जारी रहेगा जब तक कि परिणाम घोषित न हो जाए।

आक्रोश व्हाट्सएप पर वायरल

इलाहाबाद। प्राइमरी स्कूलों में 16,448 सहायक अध्यापकों की भर्ती से बीटीसी-2013 बैच के तकरीबन 44 हजार प्रशिक्षुओं को बाहर किए जाने का आक्रोश व्हाट्सएप पर भी वायरल हो रहा है। 2013 बैच के प्रशिक्षु पिछली भर्तियों को हवाला देते हुए खुद को बाहर किए जाने को अन्यायपूर्ण बता रहे हैं।इलाहाबाद डायट के प्रशिक्षु आशीष कुमार त्रिपाठी के व्हाट्सएप नंबर से जो मैसेज घूम रहा है, उसमें सरकार की मंशा पर सवाल उठाए गए हैं। प्रशिक्षुओं का कहना है कि जब बीटीसी 2011 बैच के लिए 15 हजार की शिक्षक भर्ती आयी थी तब 2012 बैच का प्रशिक्षण पूर्ण नहीं हुआ था। उनका करीब एक-दो महीने का प्रशिक्षण अधूरा था। लेकिन शासनादेश में परिवर्तन करके तीन महीने तक आवेदन लिए गये और 2012 बैच को भी 15 हजार शिक्षक भर्ती में शामिल किया गया। फिर बीटीसी 2013 बैच को भर्ती से बाहर करने का अन्याय क्यूं।बीटीसी-13 बैच का प्रशिक्षण 28 मार्च 2016 को पूरा हो चुका है और हम लोगों को 16,448 शिक्षक भर्ती में शामिल नही किया जा रहा है। मैसेज में सोमवार को परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय पहुंचने अनुरोध किया गया है।

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  1. 📌 अनदेखी से बाहर हुआ बीटीसी 2013 बैच : 28 मार्च 2014 से शुरू हुआ प्रशिक्षण 28 मार्च 2016 को समाप्त, सात मई को चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षा पूरी, परिणाम अभी घोषित नहीं
    👉 http://www.basicshikshanews.com/2016/06/2013-28-2014-28-2016.html

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