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शिक्षामित्रों का प्रशिक्षण वैध : प्रदेश के एक लाख 72 हजार शिक्षामित्रों को दूरस्थ माध्यम से बीटीसी प्रशिक्षण दिए जाने को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वैध ठहराया

शिक्षामित्रों का प्रशिक्षण वैध : प्रदेश के एक लाख 72 हजार शिक्षामित्रों को दूरस्थ माध्यम से बीटीसी प्रशिक्षण दिए जाने को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वैध ठहराया

विधि संवाददाता, इलाहाबाद : प्रदेश के एक लाख 72 हजार शिक्षामित्रों को दूरस्थ माध्यम से बीटीसी प्रशिक्षण दिए जाने को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वैध ठहराया है। कोर्ट ने फिलहाल इसके खिलाफ याचिका खारिज कर दी है और कहा है कि चूंकि मामला खंडपीठ से तय हो चुका है इसलिए हस्तक्षेप का औचित्य नहीं है। छह माह के लंबे अंतराल बाद शिक्षामित्रों ने राहत की सांस ली है। बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में पढ़ा रहे शिक्षा मित्रों को दूरस्थ पद्धति से दो साल का प्रशिक्षण दिया गया था। इसके खिलाफ बीटीसी अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। उनका कहना था कि जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) से दूरस्थ विधि से दिया गया प्रशिक्षण नियमों के अनुसार नहीं है।

तर्क दिया गया कि हाईकोर्ट की खंडपीठ में यह मामला पहले आ चुका है जिसमें बीटीसी अभ्यर्थियों को राहत नहीं मिली थी। कोर्ट ने तर्को से सहमति जताते हुए हस्तक्षेप से इनकार कर दिया। उल्लेखनीय है कि 12 सितंबर को शिक्षामित्रों का समायोजन रद करते हुए हाईकोर्ट की खंडपीठ ने दूरस्थ शिक्षा से प्रशिक्षण देने के मामले की वैधता एनसीटीई पर छोड़ दी थी। उस समय हाईकोर्ट ने कहा कि प्रशिक्षण के मामले में एनसीटीई (नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर्स एजूकेशन) का निर्णय ही मान्य होगा। बाद में खंडपीठ का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने स्टे कर दिया।

उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पूर्व बरेली के एक अभ्यर्थी की ओर से मांगी गई जनसूचना का जवाब देते हुए एनसीटीई ने बीटीसी के दूरस्थ प्रशिक्षण को वैध माना था। उप्र दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने बताया कि हाईकोर्ट के इस फैसले से शिक्षा मित्रों का मनोबल बढ़ा है। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ और आदर्श शिक्षा मित्र वेलफेयर एसोसिएशन ने भी कोर्ट से फैसले का स्वागत किया और सुभाष चौराहे पर मिठाइयां बांटी।







√√ दूरस्थ बीटीसी के विरोध में दायर की गई थी याचिका

इलाहाबाद : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रदेश के मुख्य सचिव आलोक रंजन का कार्यकाल बढ़ाए जाने के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका पर हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा है कि लखनऊ पीठ में इसी मामले को लेकर विचाराधीन नूतन ठाकुर की याचिका पर याची को अर्जी देने की छूट है। यह याचिका पंजाब के पूर्व डीजीपी जेएफ रिबेरो और अन्य पूर्व अधिकारियों ने दाखिल की थी। इस पर सुनवाई करते हुए यह आदेश चीफ जस्टिस डॉ डीवाई चन्द्रचूड और जस्टिस यशवंत वर्मा की खंडपीठ ने दिया है। याचिका पर वकील सतीश चतुर्वेदी और राज्य सरकार की तरफ से मुख्य स्थायी अधिवक्ता रमेश उपाध्याय ने पक्ष रखा।
नहीं है। शिक्षामित्रों के प्रशिक्षण को बीटीसी अभ्यर्थियों द्वारा चुनौती दी गई थी। कोर्ट ने फिलहाल इस मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है।

शिक्षमित्रों का समायोजन रद करते हुए हाई कोर्ट की खंडपीठ ने दूरस्थ शिक्षा के जरिए प्रशिक्षण देने के मामले की वैधता एनसीटीई पर छोड़ दी थी। बाद में खण्डपीठ के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने स्टे कर दिया। इसके बाद बीटीसी अभ्यर्थियों ने दूरस्थ माध्यम से प्रशिक्षण को चुनौती दी। उत्तर प्रदेश दूरस्थ बीटीसी शिक्षासंघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने इस फैसले पर खुशी जताई है।



शिक्षामित्रों को दूरस्थ अध्ययन से प्रशिक्षण का रास्ता साफ, याचिका खारिज : उत्तर प्रदेश दूरस्थ बीटीसी शिक्षासंघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने यह जानकारी देते हुए फैसले पर खुशी जतायी है।

प्रदेश के पौने दो लाख शिक्षामित्रों को दूरस्थ अध्ययन से बीटीसी प्रशिक्षण दिये जाने के विरोध में दाखिल याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बृहस्पतिवार को खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि शिक्षामित्रों का मामला खण्डपीठ से तय हो चुका है और सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। इसलिए हस्तक्षेप का औचित्य नहीं है। प्रशिक्षण की बीटीसी अभ्यर्थियों द्वारा चुनौती दी गयी थी। अदालत ने फिलहाल इस मामले में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया।उल्लेखनीय है कि शिक्षमित्रों का समायोजन रद्द करते हुए हाईकोर्ट की खण्डपीठ ने दूरस्थ शिक्षा से प्रशिक्षण देने के मामले की वैधता एनसीटीई पर छोड़ दी थी। बाद में खण्डपीठ का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने स्टे कर दिया। बीटीसी अभ्यर्थियों ने दूरस्थ माध्यम से प्रशिक्षण को चुनौती दी थी। 

मुख्य सचिव के खिलाफ याचिका खारिज

इलाहाबाद। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के मुख्य सचिव आलोक रंजन का कार्यकाल बढ़ाये जाने के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका पर हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया। कोर्ट ने कहा है कि लखनऊ पीठ में इसी मामले को लेकर विचाराधीन नूतन ठाकूर की याचिका पर याची को अर्जी देने की छूट दी है और पंजाब के पूर्व डीजीपी जेएफ रिबेरो व अन्य पूर्व अधिकारियों की जनहित याचिका को खारिज कर दिया है। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश डॉ.डीवाई चंद्रचूड तथा न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की खण्डपीठ ने दिया है। याचिका पर अधिवक्ता सतीश चतुर्वेदी व राज्य सरकार की तरफ से मुख्य स्थायी अधिवक्ता रमेश उपाध्याय ने पक्ष रखा।
      -राष्ट्रीय सहारा


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