logo

Basic Siksha News.com
बेसिक शिक्षा न्यूज़ डॉट कॉम

एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

टीचर बनने को चार और कोर्स होंगे मान्य : बीएलएड, डीएड स्पेशल एजुकेशन, बीए/बीएससीएड या बीएड/बीएससीएड व बीएड दूरस्थ शिक्षा होंगे मान्य

टीचर बनने को चार और कोर्स होंगे मान्य : बीएलएड, डीएड स्पेशल एजुकेशन, बीए/बीएससीएड या बीएड/बीएससीएड व बीएड दूरस्थ शिक्षा होंगे मान्य

इलाहाबाद : उत्तर प्रदेश के सरकारी प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में टीचर बनने के लिए चार और कोर्स बीएलएड, डीएड स्पेशल एजुकेशन, बीए/बीएससीएड या बीएड/बीएससीएड व बीएड दूरस्थ शिक्षा मान्य होंगे। फिलहाल बीटीसी, विशिष्ट बीटीसी व उर्दू बीटीसी कक्षा एक से पांच तक के टीचर बनने के लिए मान्य है जबकि 6 से 8 तक के लिए बीटीसी, विशिष्ट बीटीसी, बीएड व बीएड विशेष शिक्षा मान्य है।

इसके लिए अध्यापक सेवा नियमावली 1981 को संशोधित किया जाएगा। लखनऊ में 20 जनवरी को बैठक हो चुकी है। कहा जा रहा कि नियमावली में जो संशोधन होने जा रहा है उसमें अर्हता विवाद निपटारे के लिए गठित हाई पावर कमेटी की संस्तुति भी शामिल की जाएंगी। यह कवायद इसलिए की जा रही है ताकि शिक्षक भर्ती से जुड़े विवाद खत्म हों। सारे बदलाव राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की 23 अगस्त 2010 व 29 जुलाई 2011 की अधिसूचना को ध्यान में रखते हुए किए जा रहे हैं। जो प्रशिक्षण अर्हताएं यूपी की अध्यापक सेवा नियमावली 1981 में नहीं है लेकिन एनसीटीई की अधिसूचना में है उसे नियमावली में शामिल किया जा रहा है। 

सरकार ने 4 अगस्त 2014 को हाई पावर कमेटी गठित की थी। कमेटी ने चार वर्षीय बीएलएड, दो वर्षीय डीएड स्पेशल एजुकेशन और चार वर्षीय बीए/ बीएससीएड या बीएड/ बीएससीएड को शामिल करने की संस्तुति की थी। एनटीटी और सीटी नर्सरी को शिक्षक भर्ती में आवेदन की अनुमति नहीं दी है।दो वर्षीय बीटीसी प्रशिक्षण में अंतिम वर्ष में शामिल हो रहे अभ्यर्थी को अपीयरिंग माना है। यह बदलाव 2015 की टीईटी में लागू किया गया है। कमेटी की सिफारिश मानते हुए भाषा टीईटी समाप्त की जा चुकी है।

Post a Comment

1 Comments

  1. 📌 टीचर बनने को चार और कोर्स होंगे मान्य : बीएलएड, डीएड स्पेशल एजुकेशन, बीए/बीएससीएड या बीएड/बीएससीएड व बीएड दूरस्थ शिक्षा होंगे मान्य
    👉 READ MORE 👆👇http://www.basicshikshanews.com/2016/01/blog-post_102.html

    ReplyDelete