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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

पुरस्कार के लिए कड़ी कसौटी पर परखे जाएंगे स्कूल :  हर जिले से एक परिषदीय प्राथमिक स्कूल होगा हकदार, मार्च में आयोजित होगा समारोह, प्रत्येक स्कूल को मिलेंगे 1.2 लाख रुपये

पुरस्कार के लिए कड़ी कसौटी पर परखे जाएंगे स्कूल :  हर जिले से एक परिषदीय प्राथमिक स्कूल होगा हकदार, मार्च में आयोजित होगा समारोह, प्रत्येक स्कूल को मिलेंगे 1.2 लाख रुपये

लखनऊ : विद्यालय पुरस्कार योजना के तहत राज्य सरकार प्रदेश के हर जिले में सर्वश्रेष्ठ आंके गए एक परिषदीय प्राथमिक स्कूल को पुरस्कृत करेगी। पुरस्कार राशि के तौर पर प्रत्येक चयनित प्राथमिक स्कूल को 1.20 लाख रुपये की धनराशि दी जाएगी। हालांकि पुरस्कार का हकदार बनने के लिए जो मानक तय किये गए हैं, स्कूलों को उनकी कसौटी पर खरा उतरना होगा। चयनित स्कूलों की विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष तथा प्रधानाध्यापक को मार्च में राज्य स्तर पर आयोजित समारोह में पुरस्कृत किया जाएगा। पुरस्कार की धनराशि का इस्तेमाल स्कूल के विकास के लिए किया जाएगा। प्रदेश में 1.13 लाख परिषदीय प्राथमिक विद्यालय हैं। बेसिक शिक्षा विभाग ने इस बारे में शासनादेश जारी कर दिया है।

यह होंगे मानक :-

पुरस्कार के लिए चुने जाने के लिए शैक्षिक सत्र 2015-16 में विद्यालय में कम से कम 150 विद्यार्थी नामांकित होने चाहिए और पिछले तीन वर्षों में नामांकन में कोई गिरावट नहीं होनी चाहिए। विद्यालय के सेवित क्षेत्र के छह से 11 वर्ष तक के सभी बच्चे विद्यालय में नामांकित होने चाहिए और इस आयुवर्ग में कोई बच्चा स्कूल से बाहर न हो।

विद्यालय में बच्चों की औसतन मासिक उपस्थिति 60 प्रतिशत से अधिक होनी चाहिए। अवकाश और अधिकृत अनुपस्थिति को छोड़कर बाकी दिनों में शिक्षकों की शत-प्रतिशत उपस्थिति होनी चाहिए। स्कूल में बालक व बालिकाओं के लिए न सिर्फ अलग-अलग शौचालय हों बल्कि उनका इस्तेमाल भी किया जा रहा हो। पेयजल की सुविधा भी उपलब्ध होनी चाहिए। विद्यालय भवन की रंगाई-पुताई व रखरखाव संतोषजनक होने के साथ परिसर साफ-सुथरा होना चाहिए।

बच्चों के बैठने के लिए फर्नीचर या प्लास्टिक की चटाई/टाट पट्टी की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए। बच्चों को मिड-डे मील नियमित रूप से मेन्यू के अनुसार उपलब्ध कराया जा रहा हो। उन्हें नि:शुल्क पाठ्यपुस्तकें, वर्क बुक और यूनीफॉर्म के पूरे सेट मुहैया करा दिए गए हों।स्कूल में शिक्षकों द्वारा शिक्षण कार्य बेसिक शिक्षा परिषद की समय सारिणी के मुताबिक पूरा होना चाहिए और विद्यार्थियों को गृह कार्य दिया गया हो। छात्र-छात्रओं द्वारा किये गए गृह और अभ्यास कार्यों की शिक्षकों की ओर से नियमित जांच होनी चाहिए। चालू शैक्षिक सत्र में निरीक्षण के दौरान स्कूल को उत्कृष्ट कोटि का पाया गया हो। विद्यालय के छात्र-छात्रओं के सीखने-समझने का स्तर भी उत्कृष्ट कोटि का होना चाहिए। विद्यालय प्रबंध समिति की मासिक बैठक नियमित रूप से हो रही हो। समिति की बैठकों में होने वाले फैसलों पर अमल भी हो रहा हो। पढ़ाई के साथ स्कूल में खेलकूद व वाद-विवाद प्रतियोगिताओं, सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन होता हो।

तय किये गए मानकों के आधार पर खंड शिक्षा अधिकारी अपने क्षेत्र में संचालित प्राथमिक विद्यालयों में से 10 स्कूलों को चिन्हित कर उनमें से एक स्कूल का नाम सहित पूर्ण विवरण जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को 15 फरवरी तक उपलब्ध कराएंगे। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के प्राचार्य की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय चयन समिति फरवरी के अंत तक हर जिले में संस्तुत स्कूलों में से एक का चयन कर उसका नाम और विवरण सात मार्च तक बेसिक शिक्षा निदेशालय को उपलब्ध कराएगी।

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