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फर्जी प्रमाण पत्र के सहारे बन रहे शिक्षक : जीआईसी (GIC) और प्राथमिक-उच्च प्राथमिक विद्यालयों की शिक्षक भर्ती में बड़े पैमाने पर जाली प्रमाण पत्र लगाकर पाई नौकरी

फर्जी प्रमाण पत्र के सहारे बन रहे शिक्षक : जीआईसी (GIC) और प्राथमिक-उच्च प्राथमिक विद्यालयों की शिक्षक भर्ती में बड़े पैमाने पर जाली प्रमाण पत्र लगाकर पाई नौकरी

इलाहाबाद । प्रदेश के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों, प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में चल रही शिक्षक भर्ती में जमकर फर्जीवाड़ा हो रहा है। शिक्षक भर्ती में दूसरे राज्यों के अभ्यर्थी फर्जी प्रमाण पत्रों के जरिए नौकरी हथिया रहे हैं। इस तरह का फर्जीवाड़ा करने वालों में बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान के अभ्यर्थी हैं। इन अभ्यर्थियों ने केरल, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, बिहार एवं झारखंड से अधिक मेरिट वाले फर्जी प्रमाण पत्र बनवाकर शिक्षक भर्ती में जगह बना ली है।

राजकीय इंटर कॉलेजों के लिए चल रही एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती में तो जमकर फर्जीवाड़ा हुआ है। इस भर्ती में अभ्यर्थियों ने दसवीं-बारहवीं से लेकर बीए-बीएससी और बीएड तक की डिग्री फर्जी बनवा ली है। आलम यह है कि नंबर देने में कंजूस इलाहाबाद विश्वविद्यालय सहित कुछ चर्चित विवि से स्नातक परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थी एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती में जगह नहीं बना पा रहे हैं। एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती में मेरिट में आने के बाद काउंसलिंग कराने वाले अभ्यर्थियों ने फार्म भरने और काउंसलिंग के समय अलग-अलग प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया।

इस कारण से अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्र को संदिग्ध मानकर संयुक्त शिक्षा निदेशकों ने चयनितों की सूची को विचाराधीन मानकर राजकीय इंटर कॉलेज में प्रमाण पत्रों की जांच कराने को कहा था। संयुक्त शिक्षा निदेशक महेंद्र कुमार सिंह ने इन अभ्यर्थियों को पांच दिसंबर तक प्रमाण पत्रों की जांच कराने को कहा है अन्यथा इनका अभ्यर्थन निरस्त कर दिया जाएगा। इसी प्रकार प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के लिए हुई शिक्षक भर्ती के प्रमाण पत्रों की जांच में बीएड से लेकर टीईटी केप्रमाण पत्रों में फर्जीवाड़ा सामने आ रहा है। जांच में पकड़े जाने पर ऐसे अभ्यर्थी काउंसलिंग के दौरान ही प्रमाण पत्र छोड़कर भाग जा रहे हैं। बीटीसी प्रवेश में तो कई अभ्यर्थियों के हाईस्कूल से लेकर स्नातक तक के सभी प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए हैं। इसका अर्थ यही हुआ कि अभ्यर्थी हाईस्कूल पास किए बिना ही शिक्षक बन बैठा।

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