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छुट्टियों की सियासत सरकारी कामकाज पर भारी : साल के 365 में से 156 दिन छुट्टियों के नाम, उपार्जित अवकाश लें तो साल में छह महीने की ही नौकरी

छुट्टियों की सियासत सरकारी कामकाज पर भारी : साल के 365 में से 156 दिन छुट्टियों के नाम, उपार्जित अवकाश लें तो साल में छह महीने की ही नौकरी

√बढ़ती जा रही हैं सरकार से जनता की शिकायते

√उपार्जित अवकाश लें तो साल में छह महीने की ही नौकरी

लखनऊ। साल में औसतन 52 शनिवार और 52 रविवार। 36 दिन राजपत्रित सार्वजनिक अवकाश। साल में दो निर्बंधित अवकाश। कर्मचारियों का 14 दिनों का आकस्मिक छुट्टी का अधिकार। यानी साल के 365 दिनों मेें 156दिन की छुट्टी। सचिवालय और पांच दिनी कार्यालयों में सरकारी कामकाज का कुछ ऐसा ही हाल है। जो कर्मचारी 30 दिन का उपार्जित अवकाश भी ले लें, वे छह महीने से भी अधिक छुट्टी का लुत्फ उठा सकते हैं।

सूबे में छुट्टियों की सियासत कोई नई नहीं है, पर बसपा और सपा सरकारों ने इसे कुछ ज्यादा ही भुनाने की कोशिश की। सपा सरकार ने देश के पहले उपप्रधानमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल व आचार्य नरेंद्रदेव की जयंती पर साल का छठा नया सार्वजनिक अवकाश घोषित कर छुट्टियों की सियासत को चर्चा का विषय बना दिया है

जानकार बताते हैं कि कर्मचारी अधिकतम 300 दिन ही उपार्जित अवकाश रख सकते हैं। 10 से 15 साल की सेवा में कर्मचारियों का यह कोटा पूरा हो जाता है। इसके बाद उपार्जित अवकाश न ले पाने पर लैप्स हो जाते हैं। पहले अवकाश न लेने पर 30 दिन का नकद वेतन मिल जाता था, लेकिन बीच में यह व्यवस्था केंद्र ने खत्म कर दी तो प्रदेश में भी बंद हो गई। नतीजतन तमाम
कर्मचारी उपार्जित अवकाश लैप्स होने के बजाय हर छह महीने पर किसी न किसी बहाने ये छुट्टियां ले ही लेते हैं।

यानी ऐसे कर्मचारियों की संख्या काफी होती है जो 10-15 साल की नौकरी के बाद साल के 365 दिनों में से 180 दिनों से ज्यादा की छुट्टियां पाने का हक रखते हैं। सरकारी कामकाज में सुस्ती और जनता की बढ़ती शिकायतों के लिए छुट्टियों की सियासत कम जिम्मेदार नहीं मानी जाती। वजह, छुट्टियों का सीधा असर सरकारी कामकाज पर पड़ता है। वहीं, सरकार यदि छुट्टी के दिनों में किसी खास कारण से कर्मचारियों को अतिरिक्त काम के लिए बुलाती है तो उन्हें अतिरिक्त मानदेय देना पड़ता है।

शासन के एक वरिष्ठ अधिकारी कहते हैं कि बढ़ती छुट्टियों में कार्मिकों की कोई भूमिका नहीं है, लेकिन जब सरकार छुट्टियां के बहाने सियासत साध सकती है तो फिर कर्मचारी अपने हक की छुट्टियों का उपभोग क्यों न करें ?

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  1. छुट्टियों की सियासत सरकारी कामकाज पर भारी : साल के 365 में से 156 दिन छुट्टियों के नाम, उपार्जित अवकाश लें तो साल में छह महीने की ही नौकरी
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