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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

अब 'पढ़कर' नहीं 'करके' सीखेंगे बच्चे : मौजूदा शिक्षण सत्र को शासन ने शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन वर्ष के रूप में मनाने का फैसला;अब बच्चों के साथ गुरूजी को भी अपने ज्ञान का दायरा बढ़ाना होगा

अब 'पढ़कर' नहीं 'करके' सीखेंगे बच्चे : मौजूदा शिक्षण सत्र को शासन ने शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन वर्ष के रूप में मनाने का फैसला;अब बच्चों के साथ गुरूजी को भी अपने ज्ञान का दायरा बढ़ाना होगा

मैनपुरी: विद्यार्थियों के बौद्धिक स्तर को सुधारने के लिए अब बच्चों के साथ गुरूजी को भी अपने ज्ञान का दायरा बढ़ाना होगा। सिर्फ किताबी ज्ञान से ही गुरुमंत्र देकर गुरुजी अपनी जिम्मेदारी से पल्ला नहीं झाड़ पाएंगे। बाकायदा विद्यार्थियों को प्रेक्टिकल भी कराने होंगे। पूरे महीने बच्चों ने क्या सीखा, इसकी भी बाकायदा मॉनीट¨रग होगी। गुरुजी को यह भी साबित करना होगा कि बच्चों के साथ पूरी कक्षा में उन्होंने कितनी मेहनत की है।

मौजूदा शिक्षण सत्र को शासन ने शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन वर्ष के रूप में मनाने का फैसला किया है। जुलाई से खुलने वाले स्कूलों में शिक्षण व्यवस्था को और भी ज्यादा हाइटेक करने के निर्देश दिए हैं। नई व्यवस्था के तहत अब शिक्षकों को कक्षा में सिर्फ पढ़ाना ही नहीं होगा, बल्कि जो पढ़ाया उसे बाकायदा करके भी दिखाना होगा। प्रेक्टिकल कराकर बच्चों को खेल-खेल में ही ज्ञानवान बनाना होगा। अपनी सभ्यता और संस्कृति के बारे में भी स्कूली बच्चे सीख सकें, इसके लिए विद्यार्थियों को बाल साहित्य भी दिया जाएगा। रोजाना एक निर्धारित समय पर बाल साहित्य पढ़कर बच्चों को जानकारी दी जाएगी।

किताबी ज्ञान देकर ही गुरुजी अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला नहीं झाड़ सकेंगे। इस साल से विद्यार्थियों के पढ़ने-लिखने की क्षमता के साथ विद्यालयों का भी आंकलन कराया जाएगा। विद्यार्थियों के स्तर को सुधारने के लिए नियमित घरेलू परीक्षाएं कराई जाएंगी। ताकि समय-समय पर बच्चों के शैक्षिक स्तर का अंदाजा लगाया जा सके। कक्षा के कमजोर बच्चों पर खास जोर दिया जाएगा। ऐसे सभी बच्चों का विशेष रिपोर्ट कार्ड तैयार कराया जाएगा। वेब बेस्ड मॉनीट¨रग सिस्टम के द्वारा बच्चों के शैक्षिक स्तर के आधार पर ही शिक्षक-शिक्षिकाओं का भी मूल्यांकन किया जाएगा। हर माह गुरुजी की रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी जिसमें गुरूजी को यह बताना होगा कि उन्होंने क्या खास किया।

अधिकारी कहिन :

'जुलाई माह से शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए बहुत सी नई व्यवस्थाएं कराई जाएंगी। शिक्षकों की भी मॉनीटरिंग कर शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी। बच्चों के बौद्धिक स्तर में सुधार के लिए शिक्षकों के साथ-साथ अभिभावकों को भी अपना सहयोग देना होगा।
~प्रदीप कुमार वर्मा, जिला बेसिक शिक्षाधिकारी, मैनपुरी।

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