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बिना नियमावली कैसे होंगे बीएड में दाखिले : NCTE के नए मानकों के अनुसार बीएड की नई नियमावली ही नहीं बन सकी-

बिना नियमावली कैसे होंगे बीएड में दाखिले : NCTE के नए मानकों के अनुसार बीएड की नई नियमावली ही नहीं बन सकी-

लखनऊ : राज्य विश्वविद्यालयों सहित बीएड के 1000 से ज्यादा कॉलेजों में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा शनिवार को हो रही है। जबकि अब तक नैशनल काउंसिल ऑफ टीचर्स एजुकेशन (एनसीटीई) के नए मानकों के अनुसार बीएड की नई नियमावली ही नहीं बन सकी है। इसके चलते प्रवेश परीक्षा के नतीजे जारी करने में दिक्कतें आएंगी क्योंकि नियमावली बिना प्रवेश नहीं हो सकेगा।

बीएड प्रवेश परीक्षा की जिम्मेदारी इस बार लखनऊ विश्वविद्यालय को दी गई है। लगभग 1.10 लाख सीटों के लिए 1.83 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। एनसीटीई ने इस बार बीएड कोर्स के मानकों में कई बदलाव किए हैं। कोर्स को एक साल के बजाय दो साल का कर दिया गया है। इसके चलते बीएड का सिलबेस भी काफी बदल गया है। नए टॉपिक जहां शामिल हुए हैं, वहीं फील्ड वर्क और प्रैक्टिकल का दायरा भी व्यापक हुआ है। इसके साथ ही बीएड के सेक्शन यूनिट को घटाकर 100 से 50 कर दिया गया है। बीएड कोर्स के संचालन के लिए एनसीटीई के मानक जरूरी होते हैं लेकिन इनके क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकार को नए नियमों को समाहित करते हुए नियमावली बनाकर उसका नोटिफकेशन करना होगा। सरकार ने दो साल के लिए नई फीस तो तय कर दी है लेकिन नियमावली को अभी अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है।

कॉलेजों को 31 अक्टूबर तक वक्त-

एनसीटीई ने नए सेक्शन घटाकर 50 करने के साथ ही शिक्षकों और लेक्चर हॉल के मानक दोगुने कर दिए हैं। मसलन पहले 100 छात्रों का सेक्शन होता था, जिसके लिए 8 शिक्षक होते थे। अब 50 छात्रों पर भी 8 शिक्षक की जरूरत होगी। ऐसे में जिन कॉलेजों में बीएड की 100 या 200 सीटें हैं, उन्हें 16 या 32 शिक्षक रखने होंगे। इस तरह प्रति सेक्शन दो लेक्चर हॉल चाहिए। 13 दिसंबर 2014 के अपने रेग्युलेशन में एनसीटीई ने कहा था कि एक कॉलेज में दो सेक्शन से अधिक नहीं होगी। इसके चलते कई कॉलेजों में सेक्शन घटने का भी खतरा पैदा हो गया था। हालांकि हाल में ही एनसीटीई ने नियम शिथिल करते हुए सेक्शन की अधिकतम सीमा को हटा दिया है। कॉलेजों से एफिडेविट लिया गया है कि उन्हें 31 अक्टूबर 2015 तक नए मानकों के हिसाब से संसाधन पूरे करने होंगे। ऐसा न करने पर उनकी मान्यता समाप्त हो जाएगी। इन सभी बदलावों को समाहित करते हुए शासन जब तक नियमावली जारी नहीं करेगा प्रवेश की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकेगी। इसके चलते 25 मई तक बीएड प्रवेश परीक्षा के प्रस्तावित रिजल्ट प्रभावित हो सकते हैं |

         खबर साभार : नवभारत टाइम्स

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