प्राथमिक स्कूलों को मॉडल स्कूल बनाने की सरकार की मंशा को फिर क्षेत्रीय राजनीति के कारण लगा झटका : भोजपुरा का मॉडल स्कूल के रूप में चयन रद-
मैनपुरी: प्राथमिक स्कूलों को मॉडल स्कूल बनाने की सरकार की सरकार की मंशा को फिर क्षेत्रीय राजनीति के कारण झटका लगा है। विभाग ने जिले को दो स्कूलों का चयन तो किया लेकिन जब स्कूल में पढ़ाई शुरू होने का वक्त आया तो एक स्कूल का चयन ही रद कर दिया है। अब दूसरे स्कूल का नए सिरे से चयन किया गया है। ऐसे में मॉडल स्कूलों में पढ़ाई शुरू होने में फिर देरी होगी। अब फिलहाल एक मई से स्कूलों में पढ़ाई शुरू कराने की योजना है।
शहरी क्षेत्र के पास के दो प्राथमिक स्कूलों को मॉडल स्कूल के रूप में चयनित किया गया था। इसमें प्राथमिक विद्यालय लहरामहुअन और प्राथमिक विद्यालय भोजपुरा का दो माह पहले चयन किया गया था। विद्यालयों का चयन होने के बाद इनमें पढ़ाई के लिए 15 शिक्षकों को साक्षात्कार के साथ ही नियुक्त भी कर लिया गया। पहले इन स्कूलों में 15 अप्रैल से पढ़ाई शुरू की जानी थी। लेकिन ऐनवक्त पर भोजपुरा का चयन रद कर दिया गया।
सूत्रों का कहना है कि कई रसूखदार लोग नहीं चाहते थे कि इस स्कूल का चयन मॉडल स्कूल के रूप में हो। चूंकि जो शिक्षक यहां पढ़ा रहे हैं। मॉडल स्कूल बनने के बाद उनका तबादला दूसरी जगह होता और उनके स्थान पर नए शिक्षक आते। ऐसे में राजनीतिक दबाव में स्कूल का चयन ही रद करवा दिया गया। अब इस विद्यालय के स्थान पर प्राथमिक विद्यालय नगला शिवसिंह को चयनित कर लिया गया है। अब इन स्कूलों में एक मई से पढ़ाई शुरू कराने की योजना बनाई गई है।
अधिकारी कहिन-
'मॉडल स्कूल के रूप में भोजपुरा विद्यालय का चयन इसलिए किया गया था क्योंकि यह विद्यालय विकास भवन के नजदीक था। शहरी बच्चे भी इस विद्यालय में शिक्षा ग्रहण कर सकते थे। लेकिन कुछ कारणों से उसे रद कर दूसरे स्कूल का चयन किया गया है।
~प्रदीप कुमार वर्मा, बीएसए, मैनपुरी।
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