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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

केंद्र सरकार ने सर्व शिक्षा अभियान (SSA) के तहत अगले वित्तीय वर्ष में प्रदेश में नये स्कूलों की स्थापना के लिए मंजूरी देने से मना : पुराने का हिसाब पहले, फिर नये स्कूल लो-

केंद्र सरकार ने सर्व शिक्षा अभियान के तहत अगले वित्तीय वर्ष में प्रदेश में नये स्कूलों की स्थापना के लिए मंजूरी देने से मना : पुराने का हिसाब पहले, फिर नये स्कूल लो-

लखनऊ : केंद्र सरकार ने सर्व शिक्षा अभियान के तहत अगले वित्तीय वर्ष में प्रदेश में नये स्कूलों की स्थापना के लिए मंजूरी देने से मना कर दिया है। यह कहते हुए कि पहले राज्य सरकार पूर्व के वर्षों में स्वीकृत स्कूलों व अन्य निर्माण कार्यों के पूरे होने का हिसाब दे, फिर नये स्कूलों की स्थापना के प्रस्ताव को मंजूरी देने पर विचार किया जाएगा।

केंद्र ने प्रदेश में विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए गोरखपुर और इलाहाबाद में दो आवासीय विद्यालय को मंजूरी दी है। राज्य सरकार ने अगले वित्तीय वर्ष के लिए 20001.75 करोड़ रुपये की कार्ययोजना सर्व शिक्षा अभियान के प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड को मंजूरी के लिए भेजी थी जिसमें 1549 नये प्राथमिक स्कूल और 199 उच्च प्राथमिक विद्यालय बनाने का प्रस्ताव शामिल था।

परिषदीय स्कूलों में 5232 अतिरिक्त क्लास रूम, 21029 प्राथमिक व 11556 उच्च प्राथमिक विद्यालयों में चहारदीवारी, स्कूलों में शौचालय और पेयजल की व्यवस्था करने का प्रस्ताव भी कार्ययोजना का हिस्सा था।

बेघर और निराश्रित बच्चों के लिए 10 जिलों में 11 आवासीय विद्यालय खोलने की योजना भी इसमें शामिल थी। 1पीएबी ने राज्य सरकार की कार्ययोजना में कटौती करते हुए 15200 करोड़ रुपये के प्रस्तावों को मंजूरी दी है। मंजूर किये गए प्रस्तावों में बड़ा हिस्सा शिक्षकों के वेतन मदों में होने वाले खर्च का है। प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड ने नये स्कूलों समेत कार्ययोजना में प्रस्तावित नये निार्मण कार्यों के लिए धनराशि स्वीकृत करने से इंकार कर दिया है।

बोर्ड बैठक में राज्य के अधिकारियों से कहा गया कि पूर्व के वर्षों में मंजूर किये गए निर्माण कार्यों को पूरा कर उनके लिए स्वीकृत धनराशि का उपयोगिता प्रमाणपत्र उपलब्ध कराने पर ही नये निर्माण कार्य मंजूर करने पर विचार होगा।

खुलेंगे 258 नये राजकीय हाईस्कूल-

केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (आरएमएसए) के तहत वर्ष 2015-16 के लिए भेजी गई कार्ययोजना पर भी कैंची चलायी है। राज्य सरकार ने केंद्र को 2393 करोड़ रुपये की कार्ययोजना भेजी थी जिसमें अगले वित्तीय वर्ष में प्रदेश में 1156 जूनियर हाईस्कूलों को उच्चीकृत कर राजकीय हाईस्कूल में तब्दील करने के अलावा शैक्षिक दृष्टि से पिछड़े विकासखंडों में कक्षा नौ और दस की छात्रओं के लिए 171 बालिका छात्रवासों के निर्माण का प्रस्ताव शामिल था।

केंद्र ने आरएमएसए के तहत 450 करोड़ रुपये के प्रस्तावों को मंजूरी दी है जिसमें 258 नये राजकीय हाईस्कूलों और 50 बालिका छात्रवासों का निर्माण शामिल है।

          खबर साभार : दैनिकजागरण

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