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72825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती में अभ्यर्थियों की धुकधुकी फिर बढ़ी : तीसरी-चौथी काउंसिलिंग में जगह बनाने वाले ऐसे अभ्यर्थियों पर मड़राया खतरा जिन्हें नियुक्ति पत्र ना मिला-

72825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती में अभ्यर्थियों की धुकधुकी फिर बढ़ी : तीसरी-चौथी काउंसिलिंग में जगह बनाने वाले ऐसे अभ्यर्थियों पर मड़राया खतरा जिन्हें नियुक्ति पत्र ना मिला-

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प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती में रोक के बावजूद पांचवीं काउंसलिंग समाप्त : एससीईआरटी ने पांचवें चरण की काउंसलिंग के लिए 19 से 23 मार्च तक की दी थी समय सीमा |

लखनऊ | प्रदेश में चल रही 72,825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती में अभ्यर्थियों की धुकधुकी फिर बढ़ गई है। यह खतरा उन अभ्यर्थियों पर मंडरा रहा है, जिन्होंने तीसरी-चौथी काउंसिलिंग में जगह बनाई लेकिन अभी तक उन्हें नियुक्ति पत्र नहीं मिला। लिहाजा, पांचवी काउंसिलिंग करवाने वाले ऊंची मेरिट के अभ्यर्थियों के कारण वे भर्ती से बाहर हो सकते हैं। दूसरी तरफ, हाईकोर्ट का आदेश अभी तक निदेशालय में प्राप्त नहीं हुआ है। इसलिए इस संबंध में निर्णय नहीं लिया गया है।

लेटलतीफी जिलों की, नुकसान अभ्यर्थियों का:-

पांचवी काउंसलिंग का नुकसान उन अभ्यर्थियों को हो रहा है जिन्होंने चौथी काउंसलिंग तक जगह तो बनाई थी लेकिन जिलों की लेट लतीफी के कारण वहां चयन सूची या कट ऑफ जारी नहीं हुआ। मसलन, आजमगढ़ में दूसरी चयन सूची ही तब जारी हुई जब बाकी जिले तीसरी चयन सूची जारी कर रहे थे। मिर्जापुर ने तीसरी चयन सूची बीते हफ्ते ही जारी की जबकि कई जिले पांचवी सूची जारी कर नियुक्ति पत्र बांट रहे हैं।

ऊंची मेरिट से खतरा:-

ऐसे अभ्यर्थियों को पांचवी काउंसलिंग में शामिल हुए अभ्यर्थियों की ऊंची मेरिट से खतरा हो सकता है।आदेश रिक्त सीटों पर ही काउंसिलिंग करवाने का था लेकिन इसका आकलन चार काउंसलिंग में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों से नहीं, बल्कि 19 मार्च तक नियुक्ति पत्र जारी नहीं होने वाली सीटों से किया गया।

हाईकोर्ट ने दिया था पक्ष में फैसला:-

बीते दिनों हाईकोर्ट ने पांचवी काउंसलिंग पर रोक लगा दी थी। ये रोक 19 मार्च को लगाई गई और तब तक काउंसलिंग शुरू हो गई थी। ज्यादातर जिलों ने यह कहते हुए काउंसलिंग पर रोक नहीं लगाई कि इसके कोई लिखित आदेश या हाईकोर्ट का फैसला प्राप्त नहीं हुआ है। पांचवी काउंसलिंग सोमवार 23 मार्च को खत्म भी हो गई।

        खबर साभार : हिन्दुस्तान

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