अगर अध्यापक दृढ़ निश्चय कर लें तो क्या नहीं होगा ऐसा ही प्रदेश में संचालित परिषदीय स्कूलों का आदर्श है "प्राथमिक विद्यालय गुलरिया जनपद-बाराबंकी "-
अगर अध्यापक दृढ़ निश्चय कर ले तो क्या नहीं हो सकता | परिषदीय स्कूलों की दशा और तस्वीर भी बदली जा सकती है | परिषदीय स्कूल भी ऐसे होते है, आपने सोचा नही होगा| ऐसा ही एक उदाहरण है "प्राथमिक विद्यालय गुलरिया जनपद- बाराबंकी "| जिसे प्रशंसा आज प्रदेश में ही नहीं, विदेशों में हो रही है| एक ऐसा सरकारी विद्यालय जहाँ सब कुछ आदर्श सा लगता है| यदि इससे हमारे अध्यापक सबक ले ले और अपनी मनो स्थिति को बदल ले तो प्रत्येक विद्यालय की तस्वीर बदली जा सकती है| उक्त विद्यालय की शिक्षा व्यवस्था देखने हेतु इंग्लैंड से एक टीम भ्रमण करने आई| जिसने विद्द्यालय में पढ़ने वाले बच्चों से जानकारी प्राप्त की, विद्यालय की प्रगति की जानकारी ली |बच्चों के साथ मनोरंजन किया|
विद्यालय में प्रथम NGO द्वारा संचालित 10 दिवसीय लर्निंग इम्प्रूवमेंट कैंप में इंग्लैंड की एक टीम ने विद्द्यालय का भ्रमण किया|कैंप में संचालित गतिविधियों व विद्द्यालय में शैक्षिक प्रगति व अन्य गतिविधियों की जानकारी दी गयी | विदेशी मेहमानों ने ट्रांसलेटर की मदद से बच्चों से बहुत जानकारी ली |सभी बच्चों को गिफ्ट दिया | बच्चों से मिलकर सभी बहुत खुश हुए |हमारे विद्द्यालय व सभी स्टाफ की बहुत सराहना की गयी| बच्चे विदेशी मेहमानों से मिलकर बहुत खुश थे |
दिल की गहराईयों से भाई सुशील जी और उनकी सहायक अध्यापिका को जिन्हें फेसबुक के माध्यम से जानता हूँ को "आज का प्राइमरी का मास्टर" की पूरी टीम और सभी शिक्षक साथियों की ओर से हम खुलकर इनके विद्यालय के रख-रखाव और वातावरण की प्रशंसा करते हैं और आशा करते हैं कि ऐसा ही वातावरण भविष्य में प्रदेश के प्रत्येक सरकारी स्कूल में हो, जिससे प्रदेश में ही नहीं, देश में शिक्षा में बदलाव आ सके |
|| जय शिक्षक जय भारत ||
0 Comments