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पेंशन-ग्रेच्युटी के भुगतान में देरी पर देना होगा ब्याज : हाईकोर्ट इलाहाबाद ने दिया आदेश-

पेंशन-ग्रेच्युटी भुगतान में देरी पर ब्याज पाने का हक,पेंशन-ग्रेच्युटी कर्मचारी का अधिकार इलाहाहाद हाईकोर्ट-

इलाहाबाद (एसएनबी)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि पेंशन एवं ग्रेच्युटी कर्मचारी का मूल्यवान अधिकार है, यह सरकार द्वारा दिया जाने वाला उपहार नहीं है। कोर्ट ने कहा है कि यदि पेंशन व ग्रेच्युटी भुगतान में अनावश्यक देरी होती है तो कर्मचारी को भुगतान पर ब्याज पाने का अधिकार है। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड तथा न्यायमूर्ति सुनीत कुमार की खण्डपीठ ने शिवकुमार मिश्र सेवानिवृत्त संग्रह अमीन जिला भदोही की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है। एकलपीठ ने अपने फैसले में कहा था कि याची को 31 जनवरी 2015 तक सभी सेवाजनित परिलाभों का भुगतान किया जाए। यदि भुगतान में देरी होती है तो उसे 9 फीसदी ब्याज पाने का हक है। एकलपीठ के 26 नवम्बर 2014 को पारित आदेश को विशेष अपील में चुनौती दी गयी थी कि भुगतान में देरी के कारण उसे ब्याज पाने का अधिकार है। कोर्ट ने याची को 9 फीसदी ब्याज पाने का हकदार माना है। गैर सरकारी विद्यालयों के टीचर 62 साल में होंगे रिटायर इलाहाबाद। 


इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि गैर सरकारी सहायता प्राप्त उच्च माध्यमिक विद्यालयोें में अध्यापकों की सेवानिवृत्ति आयु 60 वर्ष से बढ़ाकर 62 वर्ष करने के चार फरवरी 2004 के शासनादेश का लाभ अध्यापकों का अधिकार है। कोर्ट ने जिला समाज कल्याण अधिकारी इलाहाबाद के 22 जनवरी 15 को पारित आदेश को रद कर दिया है जिसके तहत याची को 60 साल की आयु में सेवानिवृत्त करने का आदेश दिया गया था। कोर्ट ने कहा है कि याची 62 वर्ष की आयु तक सेवा में बने रहने की अधिकारी है। यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल ने श्रीमती उषा शुक्ला की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। 


        खबर साभार : राष्ट्रीयसहारा


पेंशन-ग्रेच्युटी के भुगतान में देरी पर देना होगा ब्याज : हाईकोर्ट इलाहाबाद ने दिया आदेश-

इलाहाबाद (ब्यूरो)। सरकारी कर्मचारी को रिटायरमेंट के बाद यदि उसकी पेंशन और ग्रेच्युटी का समय से भुगतान नहीं किया जाता है तो इसके लिए ब्याज देना होना। हाईकोर्ट ने यह आदेश देते हुए कहा कि पेंशन और ग्रेच्युटी सरकार का उपहार नहीं है बल्कि यह कर्मचारी का अधिकार है इसलिए विलंब होने पर उसे ब्याज पाने का अधिकार होगा। भदोही के अवकाश प्राप्त संग्रह अमीन शिवकुमार मिश्र की याचिका पर सुनवाई कर रही मुख्य न्यायाधीश डॉ. डीवाई चंद्रचूड और न्यायमूर्ति सुनीत कुमार की खंडपीठ ने यह आदेश दिया। शिवकुमार ने पेंशन और ग्रेच्युटी का देरी से भुगतान होने पर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। एकल न्यायपीठ ने 31जनवरी 2015 तक भुगतान करने का निर्देश दिया। इसमें देरी होने पर नौ प्रतिशत ब्याज देेने को कहा। इस आदेश को विशेष अपील में चुनौती दी गई।

खंडपीठ ने कहा कि भुगतान में पहले ही विलंब हो चुका है इसलिए याची ब्याज पाने का हकदार है।

        खबर साभार : अमरउजाला/दैनिकजागरण

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