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केस लम्बित होने पर ग्रेच्युटी रोकना गलत : हाईकोर्ट गया का फैसला : मामला लम्बित होने की वजह से जारी नहीं किया गया लाभ-

केस लम्बित होने पर ग्रेच्युटी रोकना गलत : हाईकोर्ट गया का फैसला : मामला लम्बित होने की वजह से जारी नहीं किया गया लाभ-

१-मामला लम्बित होने की वजह से जारी नहीं किया गया था परिलाभ

२-शाहजहांपुर से रिटायर दरोगा के खिलाफ है आपराधिक मामला

इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला दिया है कि किसी भी सेवानिवृत्त कर्मचारी का उसके खिलाफ आपराधिक केस लंबित होने के आधार पर ग्रेच्युटी व अन्य सेवानिवृत्त लाभों को रोकना गलत है। कोर्ट ने निर्णय दिया है कि ऐसा कोई सुर्कलर, शासनादेश अथवा कानून सरकार की तरफ से प्रस्तुत नहीं किया गया जिससे कहा जा सके कि जहां विभागीय कार्रवाई लंबित नहीं है, तो भी उसकी पेंशन रोकी जा सकती है।यह आदेश न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी ने शाहजहांपुर से सेवानिवृत दरोगा रामसेवक प्रसाद मिश्र की याचिका पर दिया है। याची के सेवानिवृत होने के बाद एसपी शाहजहांपुर ने 16 जनवरी 2014 को आदेश पारित कर याची की ग्रेच्युटी व अन्य सेवानिवृत्त परिलाभों को यह कहकर देने से मना कर दिया था कि याची के खिलाफ आपराधिक केस कोर्ट में विचाराधीन है। न्यायालय ने इस निर्णय में दो जजों की खंडपीठ द्वारा इस मामले में अलग-अलग दिए निर्णयों पर भी विचार किया और कहा कि कर्मचारी के ग्रेच्युटी व अन्य सेवानिवृत्त लाभों को आपराधिक केस लम्बित होने के आधार पर नहीं रोका जा सकता।

याची के अधिवक्ता विजय गौतम का तर्क था कि कर्मचारी की ग्रेच्युटी व अन्य सेवानिवृत्त लाभों को केवल उन्हीं आपराधिक केस के विचाराधीन रहने पर रोका जा सकता है जिसमें गबन का मुकदना चल रहा हो। इस प्रकार के मामले में गेच्युटी रोकने के पीछे कारण यह है कि सरकारी कर्मचारी के पैसों से सरकारी हानि की पूर्ति की जा सकती है।

            खबर साभार : हिन्दुस्तान

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