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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती,जाति प्रमाणपत्र के चक्कर में पिसे अभ्यर्थी : धीमी गति से वितरण करने पर नाराजगी-

प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती,जाति प्रमाणपत्र के चक्कर में पिसे अभ्यर्थी : धीमी गति से वितरण करने पर नाराजगी-

महराजगंज। प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक बनने का ख्वाब देख रहे कई अभ्यर्थियाें का सपना जाति प्रमाण पत्र के चक्कर में टूट सकता है। पति के पक्ष का जाति प्रमाण पत्र लगाकर नियुक्ति पत्र लेने डायट पहंुचे अभ्यर्थियों को बीएसए ने मना कर दिया। इन्हें 27 तक पिता के पक्ष का जाति प्रमाण पत्र जमा करने का अंतिम मौका है।

सितंबर 2012 के शासनादेश में व्यवस्था है कि आवेदन के पहले अभ्यर्थियों के पास सभी प्रमाण पत्र होने चाहिए। ऐसा न होने पर पिता के पक्ष का जाति प्रमाण पत्र नौ जनवरी 2012 के पहले, सगे भाई का जाति प्रमाण पत्र, परिवार रजिस्टर की नकल का साक्ष्य के रूप में लगाया जा सकता है। लेकिन कई अभ्यर्थियाें ने आवेदन पत्र के साथ पति के पक्ष का जाति प्रमाण पत्र लगाया है। मऊ की सोरत्ना सिंह काउंसिलिंग के बाद बृहस्पतिवार को पति शशिकांत जायसवाल के साथ नियुक्ति पत्र लेने डायट पहुंची थीं।
आवेदन पत्र के साथ अपने पति के पक्ष का जाति प्रमाण पत्र लगाया था। पति के पक्ष का जाति प्रमाण पत्र होने से उन्हें नियुक्ति पत्र नहीं दिया गया। सोरत्ना का कहना है कि यदि आवेदन पत्र में खामी थी तो पहले क्यों नहीं बताया गया। मुजफ्फरनगर शामली से नियुक्ति पत्र लेने आईं ममता द्विवेदी ने बताया कि पहले बताया गया होता तो जाति प्रमाण पत्र पिता के पक्ष का बनवा लिया होता। शादी के बाद तहसीलदार पिता के पक्ष का जाति प्रमाण पत्र नहीं बना रहे हैं।

बीएसए रमाकांत का कहना है कि शादीशुदा अभ्यर्थियों के लिए पिता के पक्ष का जाति प्रमाण पत्र होना जरूरी है। जिन अभ्यर्थियाें के पास ऐसा प्रमाण पत्र नहीं है उन्हें 27 जनवरी तक प्रमाण पत्र जमा करने का मौका दिया गया है।

कहीं नियुक्ति पत्र में गलती तो कहीं सूची में नाम ही नहीं-

महराजगंज। प्रशिक्षु शिक्षकों को दिए जाने वाले नियुक्ति पत्र में भी कई तरह की खामियां हैं। कई के नियुक्ति पत्र में ब्लॉक का नाम तो कई अभ्यर्थियों के पत्र में पिता का नाम गलत है। एक अभ्यर्थी का तो 7300 वेतनमान की जगह 73000 लिख दिया गया। महुआरी नौतनवां के विनय कुमार अग्रहरि की नियुक्ति प्राथमिक विद्यालय सिरसिया में की गई है। विद्यालय के आगे कालम में ब्लॉक का नाम नहीं दर्ज किया गया। ऐसे में यह नहीं पता नहीं चल पा रहा है कि विद्यालय किस ब्लॉक में है और कहां ज्वाइनिंग करनी है। कर्मचारियाें द्वारा भ्‍ाी स्पष्ट जवाब नहीं मिल रहा है। गोरखपुर भौवापार के विमल कुमार गुप्ता ने 19 जनवरी को मूल अभिलेख जमा कर दिया लेकिन उन्हें नियुक्ति पत्र नहीं मिला। विमल का नाम सूची में नहीं बताया जा रहा है। ऐसे कई अभ्यर्थी हैं जो विभाग की गलतियों के वजह से परेशान हैं। बीएसए ने बताया कि शिकायत मिलने पर गलतियों में सुधार करने का प्रयास किया जा रहा है |

       खबर साभार : अमरउजाला

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