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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

प्राइमरी के बच्चों की परखी जाएगी बौद्धिक क्षमता : कक्षा एक के बच्चों को प्रतिदिन अंग्रेजी पढ़ाई जा रही है या नहीं : तैयार होगा विशेष साफ्टवेयर-

प्राइमरी के बच्चों की परखी जाएगी बौद्धिक क्षमता : कक्षा एक के बच्चों को प्रतिदिन अंग्रेजी पढ़ाई जा रही है या नहीं-

लखनऊ(ब्यूरो)। प्राइमरी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की बौद्धिक क्षमता का अब परीक्षण होगा। बेसिक शिक्षा निदेशक डीबी शर्मा ने बृहस्पतिवार को बेसिक शिक्षा अधिकारियों को इस संबंध में दिशा-निर्देश भेज दिया है।

सर्व शिक्षा अभियान के तहत बच्चों के लिए मिड-डे-मील, निशुल्क किताबें, यूनिफॉर्म, छात्रवृत्ति सहित कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। इसके बावजूद इन बच्चों के शैक्षिक स्तर में सुधार नहीं हो पा रहा है। इसे देखते हुए बेसिक शिक्षा निदेशालय ने विद्यालय के निरीक्षण के लिए नया प्रपत्र जारी किया है। इसके आधार पर अफसर मूलभूत सुविधाओं के साथ बच्चों के शैक्षिक स्तर की भी जांच कर खराब, संतोषजनक व उत्कृष्ट की रिपोर्ट बीएसए को देंगे। रिपोर्ट को ऑनलाइन करने के लिए निदेशालय सॉफ्टवेयर तैयार करा रहा है। इसी पर एबीएसए, बीएसए व एडी बेसिक अपनी निरीक्षण रिपोर्ट अपलोड करेंगे।

कक्षा एक के बच्चों पर विशेष ध्यान-

पता लगाया जाएगा कि कक्षा एक के बच्चों को प्रतिदिन अंग्रेजी पढ़ाई जा रही है या नहीं। बच्चे अंग्रेजी कितनी सीख रहे हैं, तीन में पढ़ने वाले बच्चे पढ़ पा रहे हैं या नहीं। सामान्य ज्ञान की स्थिति, कक्षा पांच में भाषा की जानकारी कितनी है।

        खबर साभार : अमरउजाला

अब चेक होगा बच्चों का शैक्षिक स्तर : तैयार होगा विशेष सॉफ्टवेयर : बेसिक शिक्षा निदेशक डीबी शर्मा ने जारी किया एडी बेसिक व बीएसए को आदेश -

लखनऊ। क्लास वन में बच्चों को नियमित रूप से अंग्रेजी विषय पढ़ाया जा रहा है या नहीं। उन्हें गिनती-पहाड़ा आता है या नहीं? बच्चों का सामान्य ज्ञान कैसा है? अब परिषदीय विद्यालयों में निरीक्षक के दौरान अफसरों को बच्चों के शैक्षिक स्तर की इसी तरह से जांच करनी होगी। शासन ने विद्यालयों के निरीक्षण के लिए तैयार किए गए प्रपत्र में बदलाव कर दिया है। इस बार एकेडमिक स्तर की जांच का प्रमुख बिंदु शामिल करते हुए बेसिक शिक्षा निदेशक डीबी शर्मा ने गुरुवार को आदेश जारी कर दिया।मौजूदा समय में प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में एक करोड़ 90 लाख बच्चे अध्ययनरत हैं। इन बच्चों के लिए सर्व शिक्षा अभियान के तहत मिड-डे-मील, निशुल्क किताबें, यूनीफार्म, छात्रवृत्ति सहित कई योजनाएं संचालित हैं। जिन पर करोड़ों रुपए खर्च हो रहा है। बावजूद इसके इन विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों के शैक्षिक स्तर में सुधार नहीं हो रहा है। इसलिए अब इन बच्चों के शैक्षिक स्तर को सुधारने की तैयारी है। इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने विद्यालय के निरीक्षण के लिए नया प्रपत्र जारी किया है। जिसमें अफसर मूलभूत सुविधाओं केसाथ-साथ अब बच्चों के शैक्षिक स्तर की जांच करेंगे। इसी के आधार पर वे खराब, संतोषजनक व उत्कृष्ट की रिपोर्ट बीएसए को देंगे।


एकेडमिक जांच के प्रमुख बिंदु

कक्षा एक में रोज इंग्लिश पढ़ाया जाना, कक्षा तीन के बच्चों का हिन्दी वाचन कैसा है, गिनती, पहाड़े का ज्ञान कैसा है, सामान्य ज्ञान की स्थिति, कक्षा पांच में भाषा (हिन्दी, उर्दू,अंग्रेजी) के पाठ का वाचन कैसा है, सामूहिक रूप से दिए गए गणित के सवाल कितने प्रतिशत बच्चे हल कर पाए। निरीक्षण करने वाले अफसर इसी आधार पर विद्यालय को अंक देंगे।


तैयार होगा विशेष सॉफ्टवेयर

विद्यालयों में जो भी निरीक्षण किया जाएगा उसकी रिपोर्ट के लिए एक विशेष सॉफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है। इस पर सभी एबीएसए, बीएसए व एडी बेसिक अपनी निरीक्षण रिपोर्ट अपलोड करेंगे। निदेशक डीबी शर्मा के मुताबिक इस सॉफ्टवेयर में जो भी रिपोर्ट फीड की जाएगी उसका कुल रिजल्ट अपने आप निकल आएगा। इससे पता लगाना आसान होगा कि कितने प्रतिशत बच्चों को पढ़ना-लिखना आता है। इससे हम इसमें सुधार की दिशा में काम कर सकेंगे |

                  खबर साभार : डीएनए

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