कागज पर स्कूल खोलने वाले प्रबन्धक और शिक्षा विभाग के दो अफसरों को 7-7 साल का हुआ कैद-
१-कानपुर में दलित छात्रों की छात्रवृत्ति हड़पने के प्रयास का मामला
२-स्कूल प्रबंधक पर 25 हजार व अफसरों पर 30-30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया
"सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी बसंती तिवारी व उपजिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रामनारायण श्रीवास्तव से साठगांठ करके कक्षा एक से पांच तक के दलित व अनुसूचित जाति के 90 छात्रों की सूची बनाई।"
लखनऊ (ब्यूरो)। कागज पर स्कूल खोल दलित छात्रों की छात्रवृत्ति हड़पने का प्रयास करने के आरोपी स्कूल प्रबंधक कानपुर नगर के गिरिजाशंकर शुक्ला, तत्कालीन उपजिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रामनारायण श्रीवास्तव तथा सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी बसंती तिवारी को अदालत ने 7-7 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। विशेष न्यायाधीश (सीबीआई) एके सिंह ने गिरिजाशंकर पर 25 हजार रुपये तथा रामनारायण व बसंती तिवारी पर 30-30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
सीबीआई के वकील ने कोर्ट में बताया कि गिरिजाशंकर शुक्ला ने सत्र 1996-97 व 1998-99 के बीच कानपुर के यशोदानगर में कागज पर विमला प्राइमरी स्कूल खोला और खुद उसका प्रबंधक बन गया। उसने तत्कालीन सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी बसंती तिवारी व उपजिला बेसिक शिक्षा अधिकारीरामनारायण श्रीवास्तव से साठगांठ करके कक्षा एक से पांच तक के दलित व अनुसूचित जाति के 90 छात्रों की सूची बनाई।
दोनों अधिकारियों ने क्षेत्राधिकार के बाहर होने के बावजूद सूची को सत्यापित किया तथा छात्रवृत्ति के 27 हजार रुपये हड़पने के प्रयास किए। 7 जुलाई 2006 को सीबीआई ने मामला दर्ज करके विवेचना की तथा आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट लगाई थी।
सीबीआई ने विवेचना में पाया कि गिरिजाशंकर शुक्ला ने 1995 में चिल्ड्रन हैवन शिक्षण आम समाज संस्थान के नाम से एक सोसाइटी पंजीकृत कराई थी। उसने फर्जीवाड़ा कर 27 जुलाई 1996 को यूनाइटेड मर्केन्टाइल बैंक में विमला प्राइमरी स्कूल के नाम से खाता खोला और इसके जरिये छात्रों की छात्रवृत्ति हड़पना चाहता था।
खबर साभार : अमरउजाला
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