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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

सेवानिवृत्त शिक्षकों की फाइलें खंगाली : शिक्षक विधायक ध्रुव त्रिपाठी के विधान परिषद में सवाल पूछने पर शुरू हुई कार्रवाई-

सेवानिवृत्त शिक्षकों की फाइलें खंगाली : शिक्षक विधायक ध्रुव त्रिपाठी के विधान परिषद में सवाल पूछने पर शुरू हुई कार्रवाई-

१- रविवार को अवकाश के दिन भी जुटे रहे अफसर

२-धनराशि के लिए शिक्षक ने गुहार लगाई

महराजगंज। अपर निदेशक बेसिक शिक्षा डॉक्टर विनोद कुमार शर्मा ने रविवार को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में 30 जून 2014 को सेवानिवृत्त हुए शिक्षकों की फाइल खंगाली। रविवार का दिन होने बाद भी बीएसए और वित्त एवं लेखाधिकारी बेसिक शिक्षा का कार्यालय खुला रहा।

शिक्षक विधायक ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने बीते गुरुवार को विधान परिषद के तृतीय सत्र में बेसिक शिक्षामंत्री से प्रश्न पूछा था कि 30 जून को सेवानिवृत्त हुए कितने शिक्षकों का जीपीएफ, पेंशन और बीमा का भुगतान हुआ है। इसपर बेसिक शिक्षामंत्री रामगोविंद चौधरी ने बताया कि महराजगंज में सेवानिवृत्त हुए सभी 64 शिक्षकों और शिक्षणेतर कर्मचारियों का जीपीएफ, पेंशन और बीमा का भुगतान हुआ है। लेकिन शिक्षक विधायक इससे संतुष्ट नहीं हुए। इसके क्रम में सहायक निदेशक बेसिक शिक्षा डॉक्टर विनोद कुमार शर्मा रविवार को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुंचे और इससे संबंधित फाइल को खंगाला।

सेवानिवृत्त हुए शिक्षकों के संख्या से मिलान किया। सूत्रों केे मुताबिक जिले में 30 जून को 64 शिक्षक और शिक्षणेतर कर्मचारी सेवानिवृत्त हुए लेकिन 41 शिक्षकों का ही जीपीएफ, पेंशन और बीमा का भुगतान किया गया है। एडी बेसिक डॉक्टर विनोद कुमार शर्मा का कहना है कि जांच रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। इसमें भी शासन ने मेल से क्वेरी भेज दी है। फाइनल रिपोर्ट के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।

धनराशि के लिए शिक्षक ने गुहार लगाई

महराजगंज। घुघली ब्लॉक के ग्राम टेढ़वा के बनाहवा टोला प्राथमिक विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक कोदई प्रसाद ने चेक की धनराशि के भुगतान के लिए डीएम और बीएसए को शिकायती पत्रक दिया है।

इनका कहना है कि प्राथमिक विद्यालय भवन बनाने के लिए उनके और ग्राम प्रधान के संयुक्त खाते में 64 हजार रुपये की धनराशि आई थी। जिससे ऑफिस और बरामदा का निर्माण कराया गया तथा दो कमरों में केवल छत नहीं पड़ पाई है। किचन और चहारदीवारी के निर्माण के लिए चार ट्राली ईंट, दस क्विंटल छड़ और 70 बोरी सीमेंट आदि सामान विद्यालय पर रखवा दिया था। इसी बीच ग्राम प्रधान टेढ़वा ने साजिश करके जेल भेजवा दिया। उन्होंने कहा कि दो कमरों की छत डलवाने के लिए 60 हजार रुपये का चेक भी ग्राम प्रधान को दिया था। जेल से छूटकर आने के बाद जब निर्माण सामग्री और चेक की धनराशि के बारे में पूछा तो ग्राम प्रधान की ओर से धमकी दी जा रही है। तथा स्कूल का निर्माण कार्य पूरा कराने का दबाव बना रहे हैं। बीएसए रमाकांत ने बताया कि मामला संज्ञान में नहीं है। इसकी जानकारी होने पर जांच कराई जाएगी।

       खबर साभार : अमरउजाला

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