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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

स्मार्ट बनेंगे प्राइमरी स्कूलों के बच्चे : ई-लर्निंग से होगी पांचवीं तक के बच्चों की पढ़ाई-

स्मार्ट बनेंगे प्राइमरी स्कूलों के बच्चे : ई-लर्निंग से होगी पांचवीं तक के बच्चों की पढ़ाई

> पायलट प्रोजेक्ट के रूप में 20 स्कूलों में होगी शुरुआत

लखनऊ : सीएम की डांट के बाद प्रशासन ने सरकारी स्कूलों में कॉन्वेंट के तौर तरीकों पर शैक्षिक माहौल देने की कवायद शुरू कर दी है। जिला प्रशासन ने राजधानी के 20 प्राइमरी स्कूलों को स्मार्ट स्कूल के तौर पर तब्दील किए जाने की कार्ययोजना बनाई है। इसके तहत इन स्कूलों के पांचवीं तक के बच्चों को ई-लर्निंग के माध्यम से पढ़ाया जाएगा।

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 20 अक्टूबर को मोहनलालगंज तहसील के भसंडा गांव का औचक दौरा किया था। दौरे में मुख्यमंत्री ने प्राइमरी स्कूल में शिक्षण कार्यों के खराब तौर तरीकों पर फटकार भी लगाई थी। इसके बाद डीएम राजशेखर ने पठन-पाठन के तौर तरीकों को बेहतर करने के लिए मुख्य विकास अधिकारी योगेश कुमार को निर्देश दिए थे। निर्देशों के तहत ही शिक्षकों के प्रशिक्षण और उनकी परफॉर्मेंस ऑडिट का खाका बनाया जा रहा है। इसके अलावा स्मार्ट टीचिंग योजना के तहत एक से पांचवीं तक के बच्चों को पाठ्यक्रम आधारित ई-टेक्स्ट मैटेरियल से पढ़ाई कराने की योजना है।

     -:सभी ब्लॉकों में शुरू होगी योजना:-

योगेश कुमार ने बताया कि फौरी तौर पर करीब 20 स्कूलों में ही इसे शुरू किया जाएगा। स्कूलों में प्रोजेक्टर और कंप्यूटर उपलब्ध कराए जाएंगे। कुछ रोचक विडियोज के माध्यम से पढ़ाई को बेहतर किया जाएगा। इसके लिए जरूरी बजट भी कुछ स्वयंसेवी संस्थाओं और दूसरे मदों से जुटाया जाएगा। इसके लिए सभी आठ ब्लॉकों में दो या अधिक स्कूलों का चुनाव किया जाएगा।

          -:कंटेंट भी तैयार:-

बच्चों के लिए ई-कंटेंट का चुनाव भी कर लिया गया है। योगेश कुमार ने बताया पहली से पांचवीं तक की सरकारी किताबों पर आधारित ई-कंटेंट विकसित कराए जा रहे हैं। इसके लिए जरूरी कवायद भी तेज कर दी गई है। दिसंबर के पहले सप्ताह में स्कीम के तहत चुने गए स्कूलों में इसके आधार पर पठन-पाठन भी शुरू कर दिया जाएगा। इससे बेहतर और रोचक तरीकों से पढ़ाई की जा सकेगी।

स्कूलों में पठन-पाठन के तौर तरीकों में बदलाव की जरूरत है। खुद ही निरीक्षण के दौरान यह बातें सामने आई हैं। इसके लिए पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 20 स्कूलों में ई-लर्निंग पर आधारित शिक्षण गतिविधियां शुरू की जाएंगी। जिससे छात्र बेहतर तरीके से सीख सकेंगे। -योगेश कुमार, सीडीओ

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